हाल ही में भारत के लगभग 13 लाख क्रेडिट और डेबिट कार्ड की डीटेल्स Dark Web पर बेचे जाने की बात सामने आई। यह अब तक का सबसे बड़ा Credit और Debit Card डाटा था, जिसमें 98% कार्ड्स भारतीय बैंकों के थे। Group-IB साइबर सिक्योरिटी फर्म ने इस बात का खुलासा किया था। साथ ही AajTak ने इस पर खबर भी प्रकाशित की थी। इस खबर ने सबको चौंकाकर रख दिया। लाखों भारतीयों के बैंक अकाउंट साफ हो गए। लेकिन सवाल यह है कि इतने सारे कार्ड्स की डिटेल्स Hackers तक पहुँची कैसे? Credit और Debit Card की डिटेल्स चुराई कैसे जाती है? और हम इससे कैसे बच सकते हैं? आइए, विस्तार से जानते हैंं।
Credit/Debit Card Fraud
आजकल Credit और Debit Card Fraud के मामले काफी बढ़ गए हैं। हैकर्स क्रेडिट/डेबिट कार्ड की डिटेल्स चोरी करके डुप्लीकेट कार्ड बनाते हैं। और Victim का बैंक अकाउंट साफ करके फुर्र हो जाते हैं। लेकिन सवाल यह है कि कैसे? क्या क्रेडिट/डेबिट कार्ड की डिटेल्स चुराना इतना आसान है? अगर नहीं तो फिर Hackers और Fraudsters कार्ड डिटेल्स चुराते कैसे हैं? आइए, विस्तार से जानते हैं।
Card Skimming
अगर आप ATM से पैसे निकालने या फिर Online Payment करने के लिए Credit/Debit Card का इस्तेमाल करते हैं तो यह आर्टिकल खास आपके लिए है। क्योंकि आजकल ATM और POS मशीनों के जरिए होने वाली ठगी की घटनाऐं काफी आम हो गई हैं। हैकर्स आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल्स चुराकर डुप्लीकेट कार्ड बनाते हैं। और आपके Bank Account पर झाड़ू फेरकर चलते बनते हैं। और मजे की बात यह है कि आपको इसकी भनक तक नहीं लगती। आपके होश तो तब उड़ते हैं जब आपके पास बैंक का मैसेज आता है। और पता चलता है कि आपके खाते से किसी ने पैसे निकाले हैं। तब आप आनन-फानन में बैंक को कॉल करते हैं और अपना कार्ड ब्लॉक करवाते हैं।
https://techsevi.com/what-is-dark-web-how-to-use-itलेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। यानि कि आपका बैंक अकाउंट पूरी तरह साफ हो चुका होता है। और आपके पास छाती पीटने के अलावा और कोई उपाय नहीं बचता। लेकिन सवाल यह है कि Hackers आखिर इतनी सफाई से कार्ड्स की डिटेल्स चुराते कैसे हैं? तो इसके कई तरीके हैं। इन्हीं में से है स्किमिंग (Skimming). अब आप पूछेंगे कि यह Skimming क्या बला है? जरा पहले इसके बारे में बताओ। तो लीजिए, सुनिए…
What is skimming
धोखे से Credit Card या Debit Card की डिटेल्स चोरी करना ‘स्किमिंग’ कहलाता है। यह Details चुराने का सबसे पॉपुलर तरीका है। इसमें एक छोटे-से डिवाइस की मदद ली जाती है, जिसे स्किमर (Skimmer) कहा जाता है। स्किमर एक तरह का Card Reader या कह लीजिए Card Scanner होता है। जो कार्ड की चुम्बकीय पट्टी (Magnetic Stripe) में मौजूद डाटा को कैप्चर करके सेव कर लेता है। इस तरह आपके कार्ड की पूरी Detail हैकर के पास चली जाती है। और इसी डिटेल के आधार पर Duplicate Card बनाया जाता हैंं। तकनीकी भाषा में इसे Card Cloning कहा जाता है।
Credit Debit Card Details कैसे चुराई जाती है?
आपको बताना चाहूँगा कि Skimming की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती हैं। पहले चरण में कार्ड की डिटेल्स हासिल की जाती है। इस काम के लिए ATM मशीन के कार्ड रीडर पर Skimmer Device लगा दिया जाता है। यह ATM मशीन के ऑरिजिनल कार्ड रीडर से काफी मिलता-जुलता होता है। और देखने में बिल्कुल असली जैसा ही लगता है। इसलिए किसी को शक नहीं होता। लेकिन जब कोई ATM मशीन में अपना कार्ड डालता है। तो Skimmer कार्ड की Magnetic Stripe में मौजूद जानकारी को कैप्चर करके सेव कर लेता है। इस तरह कार्ड की सारी डिटेल्स हैकर के पास चली जाती है। और कार्ड होल्डर को पता तक नहीं चलता।

उसके बाद शुरू होता है दूसरा चरण। दूसरे चरण में कार्ड का PIN नम्बर हासिल किया जाता है। इसके लिए Spy Camera का इस्तेमाल किया जाता है। कैमरे का पूरा सेटअप होता है। जिसमें एक Pinhole Camera, एक Battery और स्टोरेज के लिए Micro SD Card या Pendrive होता है। कैमरा सेटअप का आकार जगह के हिसाब से तय होता है। आमतौर पर यह Keypad के बिल्कुल उपर या फिर मॉनिटर के उपरी भाग की पट्टी पर लगाया जाता है। जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गया है। कैमरे को ऐसी जगह पर लगाया जाता है जहाँ से उसकी नजर सीधी कीपैड पर पड़े। ताकि एटीएम यूजर जो भी बटन दबाए, वह साफ-साफ वीडियो में रिकॉर्ड हो जाए।

इसके अलावा PIN नम्बर चुराने का एक दूसरा तरीका भी है। इसमें ATM या POS Machine के Keypad पर एक नकली कीपैड (Overlay Keypad) लगा दिया जाता है। जो कि देखने मेंं बिल्कुल ऑरिजनल कीपैड जैसा ही दिखता है। लेकिन असल में यह एक PIN Reader डिवाइस होता है। जब कोई यूजर अपना पिन एंटर करता है। तो यह ऑवरले कीपैड उस PIN को Read कर लेता है। इस तरह कार्ड डिटेल्स के साथ-साथ उसका पिन नम्बर भी हैकर्स के पास पहुंच जाता है। कार्ड डिटेल्स और PIN नम्बर मिलने के बाद हैकर Card Cloning के जरिए Duplicate Card बनाता है। और Victim के बैंक अकाउंट से सारे पैसे निकाल लेता हैं।
Card Cloning क्या है?
कार्ड क्लॉनिंग दो शब्दों से मिलकर बना है – कार्ड और क्लॉनिंग। यहाँ कार्ड का अर्थ है, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड और क्लॉनिंग का अर्थ है, नकल, कॉपी अथवा प्रतिरूपण। इस तरह Card Cloning का अर्थ हुआ Credit Card या Debit Card की नकल करना। या डुप्लीकेट कॉपी बनाना। अर्थात् Skimming के जरिए डिटेल्स चोर करके डुप्लीकेट कार्ड बनाना। वैसे आपको बता दूँ कि डुप्लीकेट कार्ड भी Same वही काम करता है, जो एक ऑरिजनल कार्ड करता है।
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Skimming से कैसे बचें?
माना कि हैकर्स काफी शातिर होते हैं और उनके पास ठगी के अनेकों तरीके होते हैं। लेकिन इसके बावजूद, अगर आप चाहें तो Hacking और Fraud से बच सकते हैं। इसके लिए आपको क्रेडिट या डेबिट कार्ड का प्रयोग करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
Cheak ATM Machine
किसी भी ATM Machine को यूज करने से पहले उसकी अच्छी तरह जाँच करें। देखें कि कहीं एटीएम मशीन के साथ कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई है? अगर आपको कुछ गड़बड़ लगती है। तो उस ATM का इस्तेमाल न करें।
Cheak Card Reader
एटीएम मशीन में Card Insert करने से पहले Card Reader जरूर Cheak करें। अगर कार्ड रीडर सामान्य से बड़ा या उभरा हुआ दिखाई दे रहा है तो उसे खींचकर देखें। अगर उस पर Skimmer Device लगा होगा तो वह उखड़कर आपके हाथ में आ जाएगा। आमतौर पर Skimmer गोंद से चिपकाया हुआ होता है। जो कि थोड़ा-सा जोर लगाते ही उखड़ जाता है।
Cheak Keypad
पिन नम्बर Enter करने से पहले कीपैड जरूर चैक करें। अगर Cancel बटन जाम है या Glue से चिपकाया हुआ लग रहा है! तो अपना PIN नम्बर न डालें। क्योंकि आस-पास Camera हो सकता है। इसके अलावा अगर Keypad उभरा हुआ है। या फिर मशीन की तुलना में नया दिख रहा है तो वह नकली हो सकता है। ऐसी स्थिति में साईड से कीपैड को उपर उठाकर देखें। अगर कीपैड गोंद से चिपकाया हुआ होगा तो वह आसानी से उपर उठ जाएगा। जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गया है।

अपना कार्ड किसी को न दें
अगर ATM कक्ष में कोई अनजान व्यक्ति बिना मांगे मदद ऑफर करे तो उससे सावधान रहें। ऐसे व्यक्ति को न तो अपना कार्ड दें और न ही ATM PIN बताऐं। क्योंकि उसके पास Skimmer Device हो सकता है। आमतौर पर ऐसे लोग अपने हाथ में या कपड़ों के नीचे Skimmer Device छुपाकर रखते हैं। ये आपसे कार्ड लेकर उसे साफ करने के बहाने अपने कपड़ों पर रगड़ते हैं। और चालाकी से कार्ड को Swipe करके Deatils चुरा लेते हैंं। इसलिए ऐसे लोगों से कोई मदद न लें।
Fraudsters से सावधान रहें
अगर ATM कक्ष में कोई ऐसा व्यक्ति मौजूद है। जो वहाँ बेवजह खड़ा होकर लोगों को PIN नम्बर दर्ज करते देख रहा है। तो कृपया सतर्क हो जाऐं। साथ ही ऐसे व्यक्ति के सामने अपना PIN नम्बर न डालें। क्योंकि वह साईबर ठग हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप उस व्यक्ति को विनम्रतापूर्वक बाहर जाने के लिए कहें। अगर वह चला जाता है तो ठीक है। वरना पुलिस को इन्फोर्म करके उसकी शिकायत करें। यह आपका हक भी है और कर्तव्य भी।
Cheak POS Machine
जब भी किसी होटल या मॉल में Credit या Debit Card से Payment करें, अपना PIN खुद डालें। और PIN डालते वक्त POS मशीन का Keypad जरूर चैक करें। अगर कीपैड सामान्य से बड़ा, उभरा हुआ या ढीला दिखाई दे, तो उसे उपर उठाकर देखें। अगर कीपैड पर Overlay Keypad लगा हुआ है। तो इसका मतलब है कि आपके साथ Fraud किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाऐं। और पुलिस को इन्फोर्म करें।

Hide Your PIN
अपने Credit या Debit Card का PIN नम्बर दर्ज करते वक्त इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि कोई दूसरा आपका पिन नम्बर न देख पाए। इसके लिए आप दूसरे हाथ से ढ़ककर या छुपाकर पिन नम्बर दर्ज करें। ताकि अगर आस-पास अगर कैमरा भी लगा होगा तो उसमें आपका PIN Number रिकॉर्ड नहीं होगा।

Always Cheak Busy ATMs
भीड़भाड़ वाले एटीएम हमेशा Hackers के निशाने पर रहते हैं। क्योंकि इन ATMs में भीड़ की वजह से लोग छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं दे पाते। और न ही इतना Time मिल पाता है। इसीलिए हैकर्स इसका फायदा उठाते हैं। इसीलिए जब भी किसी भीड़भाड़ वाले एटीएम में जाऐं, हमेशा सतर्क रहें। अगर आपको कार्ड रीडर या कीपैड में कुछ गड़बड लगे। तो ATM यूज न करें।
सूने ATM से सावधान
बिना गार्ड वाले एटीएम भी सदैव हैकर्स के निशाने पर रहते हैं। क्योंकि वहाँ उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं होता। इसलिए वे आराम से स्किमर और कैमरा इंस्टॉल कर सकते हैं। और जब चाहें निकाल सकते हैं। इसीलिए जब भी आप किसी बिना गार्ड वाले एटीएम में जाऐं, एटीएम मशीन को जरूर चैक करें। साथ ही कार्ड रीडर और कीपैड को भी चैक करेंं। अगर आपको कोई गड़बड़ लगे तो एटीएम यूज न करें।
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Follow Safety Guidelines
बैंक द्वारा समय-समय पर सुरक्षा गाइडलाइन जारी की जाती है। जो कि आपके खाते की सुरक्षा के लिए होती है। इस गाइडलाइन का हमेशा पालन करें। इसके अलावा बैंक द्वारा जारी किए जाने वाले सिक्योरिटी अपडेट्स और नोटिफिकेशन्स से खुद को अप-टू-डेट रखें। अगर आप इन 10 बातों का हमेशा ध्यान रखेंगे। तो कभी भी Card Skimming और धोखाधड़ी के शिकार नहीं होंगे।
Credit Debit Card Summary
उम्मीद करता हूँ इस आर्टिकल के जरिए आपको Card Skimming Kya Hai? और इसके जरिए Credit Card और Debit Card की Details कैसे चुराई जाती है? इसके बारे में पूरी जानकारी मिली होगी। साथ ही Card Cloning Kya Hai? इसके बारे में भी काफी-कुछ जानने को मिला होगा। अगर यह आर्टिकल आपको काफी पसंद आया तो इसे Like और Share कीजिए। और ऐसे ही और ज्ञानवर्धक आर्टिकल्स के लिए ‘टेकसेवी डॉट कॉम’ को Subscribe कर लीजिए। ताकि जब भी हम कोई नया आर्टिकल प्रकाशित करें, आपको सूचना मिल जाए।
Credit Debit Card : FAQs
प्रश्न-1. कार्ड क्लोनिंग क्या है?
उत्तर: कार्ड क्लोनिंग, डुप्लीकेट कार्ड बनाने की एक तकनीक है। जो Credit Card या Debit Card की Duplicate Copy बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। लेकिन डुप्लीकेट कार्ड भी वही काम करता है, जो ओरिजनल कार्ड करता है।
प्रश्न-2. कार्ड स्किमिंग क्या होती है?
उत्तर: कार्ड स्किमिंग, Credit Card अथवा Debit Card की डिटेल्स चोरी करने का एक तरीका है। जो Fraudsters द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। इसमें Skimmer नामक Device की मदद ली जाती है। इस डिवाइस को ATM या POS Machine के कार्ड रीडर पर चिपकाकर कार्ड की डिटेल्स चोरी की जाती है।
प्रश्न-3. क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की डिटेल्स कैसे चुराई जाती है?
उत्तर: क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की डिटेल्स चुराने के लिए Skimmer नामक Device का इस्तेमाल किया जाता है। इस डिवाइस को ATM मशीन अथवा POS मशीन के कार्ड रीडर पर लगाया जाता है। और जब कोई Card Swipe करता है, तो यह डिवाइस कार्ड की सारी डिटेल्स Capture कर लेता है। और इसी डिटेल्स की मदद से Duplicate Card बनाया जाता है, जिसे Card Cloning कहा जाता है।
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मैं मेघराज मुंशी, एक वेब डिजायनर, ग्राफिक आर्टिस्ट और ब्लॉगर हूँ। वैसे पेशे से मैं एक शिक्षक हूँ और शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार का कर्मचारी हूँ। पढ़ने-पढ़ाने और लिखने के अलावा मुझे फिल्में देखना बहुत पसंद है। साहित्य, संगीत, सिनेमा, अंतरिक्ष, विज्ञान और तकनीकी मेरे पसंदीदा विषय हैं।
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