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LiFi क्या है? यह कैसे काम करती है? इसे कैसे यूज करें

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अगर आप एक इंटरनेट यूजर हैं तो WiFi (वाई-फाई) के बारे में जरूर जानते होंगे? और शायद इस्तेमाल भी करते होंगे? लेकिन क्या आप Li-Fi (लाई-फाई) के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो चिंता की कोई बात नहीं है। क्योंकि आज हम LiFi Technology के बारे में ही बात करने वाले हैं। सो अगर आप विस्तार से जानना चाहते हैं कि LiFi Kya Hai? यह कैसे काम करती है? कैसे इस्तेमाल की जाती है? इसके क्या-क्या फायदे और नुकसान हैं? और यह वाई-फाई से किस तरह बेहतर है? तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए।

LiFi Technology

लाई-फाई टेक्नोलॉजी की शुरुआत सन् 2011 में Professor Herald Haas के एक आइडिया से हुई थी। 2011 में Edinburgh University के TEDGlobal Talk में पहली बार उन्होंनेे इस आइडिया को दुुनिया के सामने रखा। और Light के जरिए Wireless Communication की तकनीकी शेयर की। इस तकनीकी को उन्होंने Li-Fi (Light Fidelity) का नाम दिया।

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प्रोफेसर हेराल्ड हास के अनुसार LiFi एक Light Communication Technology है। जो Visble Light Waves के जरिए High Speed पर Data Transmit करने में सक्षम है। यह WiFi से करीब 100 गुना तेज है। इसीलिए इसकी मदद से कम समय में अधिक मात्रा में Data Transfer किया जा सकता है। हालांंकि यह एक High Speed Technology है। लेकिन इसमें कुछ खामियां हैं, जिनके बारे में हम बाद में बात करेंगे। फिलहाल यह समझते हैं कि LiFi Kya Hai? और यह WiFi से किस तरह अलग है?

LiFi Kya Hai?

LiFi एक High Speed Optical Wireless Technology है। जो Data Transmission के लिए Light Emitting Diodes (LEDs) का इस्तेमाल करती है। अर्थात Data को भेजने और रिसीव करने के लिए Light (प्रकाश) का उपयोग करती है। यह असल में एक Visible Light Communication (VLC) सिस्टम है। जो Optical Wireless Communication (OWC) का एक Subset है।

अब आप पूछेंगे कि यह Optical Wireless Communication (OWC) क्या होता है? तो यह असल में ऑप्टिकल संचार तकनीकी का एक प्रकार है। जिसमें सिग्नल को लाने-ले जाने के लिए Visible, Infrared (IR) और Ultravoilet (UV) Light का प्रयोग होता है। Visible Light Communication (VLC) इसी का एक रूप है। इसमें सिग्नल को लाने-ले जाने के लिए दृश्य प्रकाश (Visible Light) का प्रयोग होता है। जिसकी Wavelength 380 से 750 nm (400 से 800 THz) के बीच होती है। LiFi इसी Visible Light Spectrum का उपयोग करती है।

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अगर आसान भाषा में कहूँ तो Li-Fi (लाई-फाई) एक द्रुत गति की वायरलेस संचार तकनीकी है! जो संचार के लिए Visible Light का उपयोग करती है। अर्थात् आंखों से देखे जा सकने वाले प्रकाश (LED Bulb की रौशनी) का उपयोग करती है। लेकिन इसकी Range काफी कम होती है। इसीलिए इसे अधिक दूरी तक ले जा पाना संभव नहीं होता। यह सिर्फ Short-Range Communication के लिए उपयोग की जा सकती है।

LiFi कैसे काम करती है?

लाईफाई के काम करने का तरीका काफी सिंंपल है। जिस तरह हर कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में  Signals को भेजने और रिसीव करने के लिए जरूरी Components होते हैं। वैसे ही Li-Fi में भी तीन Main Components होते हैं। जो Data Signals को लाने और ले जाने का काम करते हैं। ये तीन Components हैं :-

  • LED Bulb
  • Lamp Driver
  • Photo Detector

एलईडी बल्ब, Data Signals को लाने-ले जाने का एक माध्यम होता है। जबकि Lamp Driver Data Signals को Transmit करता है। और Photo Detector इन सिग्नल्स को Receive करता है। इस तरह सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है।

LiFi की कार्यप्रणाली

लाईफाई में Lamp Driver सबसे अहम घटक होता है। यह Internet Source से जुड़ा होता है। और LED Bulb को सिग्नल भेजने का काम करता है। एलईडी में एक Chip लगी होती है, जो बतौर Signal Processing Unit काम करती है। यानि कि Lamp Driver से प्राप्त Signals को प्रोसेस करके Light के रूप में प्रसारित करती है। इसके लिए एलईडी बल्ब द्वारा Emitted Light (उत्सर्जित प्रकाश) को नियंत्रित किया जाता है।

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आपको बताना चाहूँगा कि LED Lights (LED Bulbs) Semiconductors होते हैं। यानि कि इनको आपूर्ति की जाने वाली धारा को संशोधित (Modulate) किया जा सकता है। और इनके द्वारा उत्सर्जित प्रकाश को नियंत्रित किया जा सकता है। इसीलिए LED Light (Bulbs) VLC के लिए सबसे उपयुक्त माने जाते हैं।

खैर, Lamp Driver डाटा सिग्नल्स को LED Bulb में ट्रांसमिट करता है। और एलईडी बल्ब इन सिग्नल्स को प्रोसेस करके Light Waves के जरिए प्रसारित करता है। जब ये सिग्नल्स LED Bulb से होते हुए Photo Detector के पास पहुँचते हैं! तो फोटो डिटेक्टर इन्हें कैप्चर कर लेता है। और इनमें मौजूद Data को Binary में Convert करके Device में भेज देता है। और Device में यह Data Process होकर Photo, Video या Audio में के रूप में दिखाई देता है।

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इस तरह Light के जरिए एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस के बीच कम्युनिकेशन होता है। इस प्रोसेस में डाटा Light की Speed (प्रकाश की गति) से Travel करता है। इसीलिए काफी तेजी से Data का आदान-प्रदान होता है।

Li-Fi के फायदे

अगर Li-Fi Technology के फायदों की बात करें तो इसके कई हैं। आइए, कुछ बड़े फायदों के के बारे में जानते हैं। Advantages of Li-Fi Technology :-

1. Speed

आज के दिन Fast Internet हमारी सबसे बड़ी जरूरत है। क्योंकि ज्यादातर सेवाओं के लिए हम पूरी तरह Internet पर निर्भर हैं। और बहुत-सी सेवाऐं ऐसी हैं, जिनके लिए मौजूदा Internet Speed काफी नहीं है। यहाँ तक कि 5G Technology के बावजूद हमारी Speed की जरूरत अभी पूरी नहीं हुई है। इसीलिए LiFi Technology उम्मीद जगाती है। क्योंकि यह एक High Speed संचार तकनीकी है।

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अगर स्पीड की बात करें लाई-फाई 224 GB/s की स्पीड से Data Transmit करने में सक्षम है। यह काफी तेज स्पीड है। यहाँ तक कि 5G से भी तेज है। और WiFi से करीब 100 गुना तेज है। इसीलिए LiFi, वाई-फाई का बेहतर विकल्प हो सकता है। और भविष्य में WiFi की जगह ले सकता है।

2. Efficiency

लाई-फाई टेक्नोलॉजी LED Light की मदद से काम करती है। इसीलिए इसे हर घर में इस्तेमाल किया जा सकता है। क्योंकि एलईडी लाईट हमारे घरों में प्रकाश के मुख्य स्त्रोत के रूप में इस्तेमाल की जाती है। इसीलिए इससे उत्सर्जित होने वाली Light को Internet Connectivity के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यानि कि एक ही बल्ब से रौशनी और इंटरनेट कनेक्टिविटी दोनों प्राप्त की जा सकती है।

3. Availability

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि लाई-फाई टेक्नोलॉजी LED Bulb के जरिए काम करती है। और एलईडी बल्ब एक ऐसा उपकरण है, जो हर घर में आसानी से देखने को मिल जाता है। साथ ही स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, रेस्त्रां, ऑफिस, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे जैसी जगहों पर भी LED Bulb आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इसीलिए LiFi को कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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अगर आसान भाषा में कहें तो Li-Fi एक सर्व-सुलभ टेक्नोलॉजी है! जिसे कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बस प्रकाश का स्त्रोत (Light Source) होना चाहिए। जहाँ Light Source मौजूद है, वहां LiFi Network बनाया जा सकता है। और High-Speed Internet का मजा लिया जा सकता है।

4. Security

सुरक्षा के लिहाज से LiFi एक बेहतर टेक्नोलॉजी है। और यह WiFi से कहीं सुरक्षित है। क्योंकि इसका सिग्नल प्रकाश के जरिए Travel करता है। इसलिए यह दीवारों के पार नहीं जा सकता। अर्थात् दीवार के दूसरी तरफ खड़ा इंसान आपके Network में घुसपैठ नहीं कर सकता। और न ही आपके Data के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। 

5. Privacy

अगर आप सोचते हैं कि आपका Online Data पूरी तरह गोपनीय है, तो आप गलत हैं। क्योंकि आज की डिजिटल दुनिया में कुछ भी गोपनीय नहीं है। आपकी एक-एक गतिविधि को Track किया जाता है। और उसका रिकॉर्ड रखा जाता है। यहाँ तक कि आपने किससे क्या बात की? किसको क्या मैसेज भेजा? और कहाँ से क्या डाउनलोड किया? इसका पूरा रिकॉर्ड रखा जाता है। इसीलिए ज्यादातर लोग अपनी Privacy को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। क्योंकि यह एक गंभीर समस्या है।

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लेकिन LiFi Technology में यह समस्या नहीं है। इसमें आपको गजब की Privacy मिलती है। क्योंकि इसका Network आपके कमरे तक सीमित होता है। इसीलिए बाहरी व्यक्ति के नेटवर्क में घुसपैठ करने और Data Packets के साथ छेड़छाड़ करने की संभव नहीं होती। यानि कि आप पूरी गोपनीयता के साथ Internet यूज कर सकते हैं। और Data का आदान-प्रदान कर सकते हैं। आपका नेटवर्क और Data पूरी तरह गोपनीय रहेगा।

6. Harmless

आज के दिन Wireless Communication की जितनी भी Technologies हैं! वे Radio Waves पर निर्भर हैं। यानि कि सिग्नल्स को लाने-जाने के लिए Electromagnetic Radiation का उपयोग करती हैं। इसीलिए इनसे घातक रेडिएशन (Radiation) निकलता है। जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक होता है। इसीलिए लम्बे समय तक रेडिएशन के सम्पर्क में रहने पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ता है।

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लेकिन LiFi Technology इससे अलग है। यह पूरी तरह Harmless (नुकसान रहित) है। क्योंकि इसमें सिग्नल को लाने-ले जाने के लिए Visible Light Waves का प्रयोग किया जाता है। इसीलिए इससे कोई Radiation (रेडिएशन) नहीं निकलता। यानि कि यह तकनीक स्वास्थ्य की दृष्टि से यह काफी Safe है।

Li-Fi के नुकसान

जहाँ लाईफाई टेक्नोलॉजी के ढ़ेर सारे फायदे हैं, वहीं कुछ नुकसान भी हैं। आइए, एक नजर इसके नुकसानों (कमियों) पर भी डाल लेते हैं। Disadvantages of Li-Fi Technology :-

  • इसकी Range काफी कम होती है, इसीलिए इसके सिग्नल को ज्यादा दूर तक नहीं ले जाया जा सकता।
  • इसका सिग्नल दीवारों के पार नहीं जा सकता। इसीलिए इसे एक कमरे में ही इस्तेमाल कर सकते है।
  • बिना Light Source के Internet इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इंटरनेट का उपयोग करने के लिए LED Bulb को हमेशा On रखना पड़ता है।
  • सिग्नल को एक कमरे से दूसरे कमरे तक ले जाने के लिए Multiple Lights का इस्तेमाल करना पड़ता है। ऐसे में यह तकनीक काफी महंगी पड़ती है।
  • सूर्य की रौशनी संचार में बाधा उत्पन्न कर सकती है।

LiFi vs WiFi

वैसे तो LiFi और WiFi में काफी समानताएं हैं। लेकिन ये दोनों अलग-अलग Technologies है। और इनमें कई अंतर है। जैसे कि Speed, Range, Data Transmission Medium, Components, Security, Privacy आदि-आदि। आइए, LiFi vs WiFi के बीच मूलभूत अंतर को समझते हैं।

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1. Medium

लाईफाई और वाईफाई के बीच सबसे बड़ा अंतर है Data Transmission के Medium का। यानि कि सिग्नल्स को लाने-ले जाने वाले माध्यम का। इसके लिए WiFi में जहाँ Radio Waves का प्रयोग होता है। वहीं LiFi में Visible Light Waves का प्रयोग किया जाता है।

2. Spectrum

दूसरा बड़ा फर्क है Spectrum का। Visible Light Spectrum (Visible Spectrum या Optical Spectrum), Radio Wave Spectrum के मुकाबले काफी विशाल है। यह रेडियो वेव स्पेक्ट्रम से करीब 10,000 गुना बड़ा है।

3. Speed

तीसरा फर्क है, Speed का। WiFi की स्पीड जहाँ 5 GBps होती है। वहीं LiFi की स्पीड 224 GBps होती है। जो कि वाईफाई के मुकाबले काफी ज्यादा है। यानि की लाईफाई एक High-Speed Wireless Communication Technology है।

4. Range

चौथा फर्क है Range का। वाई-फाई की रेंज करीब 30 मीटर होती है। लेकिन LiFi की Range सिर्फ उतनी ही होती है, जितनी दूर LED Bulb की रौशनी पहुंच पाती है। यानि कि इसकी रेंज वाईफाई के मुकाबले काफी कम होती है।

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5. Privacy & Security

अगर Privacy और Security की बात करें तो LiFi और WiFi में बहुत बड़ा अंतर है। इस मामले मेंं LiFi काफी बेहतर है। बल्कि WiFi से कई गुना सुरक्षित है। और User की Privacy का पूरा ध्यान रखती है।

6. Radiation

वाईफाई (WiFi) सिग्नल्स को लाने-जाने के लिए Electromagnetic Radiation का उपयोग करती हैं। इसीलिए इससे हानिकारक रेडिएशन (Radiation) निकलता है। जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक होता है। लेकिन LiFi Visible Light Waves का उपयोग करती है। इसलिए इससे कोई Radiation नहीं निकलता। यह पूरी तरह Safe है।

LiFi : Summary

लाईफाई टेक्नोलॉजी एक हाई-स्पीड Optical Wireless Communication Technology है! जो डाटा ट्रांसमिशन के लिए Visible Light का उपयोग करती है। अर्थात् प्रकाश की किरणों का इस्तेमाल करती है। और इसके लिए प्रकाश उत्सजर्क डायोड्स यानि कि LEDs का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि LEDs Semiconductors होते हैं। इसीलिए इनको सप्लाई की जाने वाली धारा में बदलाव किया जा सकता है। और इनके द्वारा Emit की जाने वाली Light को संशोधित किया जा सकता है।

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LiFi Technology बेहद फास्ट और सुरक्षित टेक्नोलॉजी है। यह 224 GB प्रति सैकण्ड की स्पीड से Data Transmit करने में सक्षम है। जो कि WiFi से करीब 100 गुना तेज है। LiFi Technology का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पूरी तरह Harmless है। यानि कि इससे किसी भी प्रकार का Radiation नहीं निकलता। इसीलिए स्वास्थ्य की दृष्टि से यह काफी सुरक्षित है।

LiFi : FAQs

प्रश्न-1. लाई-फाई (Li-Fi) क्या है?

उत्तर: लाई-फाई एक High Speed Optical Wireless Communication Technology है! जो डाटा ट्रांसमिशन के लिए Light (प्रकाश) का उपयोग करती है। अर्थात् Data Signals को भेजने और रिसीव करने के लिए LEDs (Light Emitting Diodes) का उपयोग करती है।

प्रश्न-2. LiFi का फुल फॉर्म क्या है?

उत्तर: LiFi का फुल फॉर्म Light Fidelity है।

प्रश्न-3. लाईफाई की खोज किसने की?

उत्तर: लाईफाई की खोज Professor Herald Haas ने की थी।

प्रश्न-4. लाईफाई और वाईफाई में क्या अंतर है?

उत्तर: लाईफाई और वाईफाई में बहुत अंंतर हैं। वाईफाई Radio Waves के जरिए काम करती है। जबकि लाईफाई Visible Light Waves  के जरिए काम करती है। लाईफाई की Range काफी कम होती है। लेकिन स्पीड, वाईफाई से 100 गुना तेज होती है। इसके अलावा Wi-Fi Radiation पैदा करती है। पर Li-Fi एक Harmless तकनीक है। साथ ही यह Security और Privacy के मामले में वाईफाई से कई गुना बेहतर है।

प्रश्न-5. LiFi, WiFi से कितनी तेज है?

उत्तर: लाईफाई, वाईफाई से करीब 100 गुना तेज है।

प्रश्न-6. लाईफाई की अधिकतम स्पीड कितनी है?

उत्तर: लाईफाई की अधिकतम डाटा ट्रांसफर स्पीड 224GBps है।

उम्मीद है इस आर्टिकल के जरिए आपको LiFi Technology Kya Hai? यह कैसे काम करती है? इसके क्या-क्या फायदे हैं? क्या-क्या नुकसान हैं? और यह WiFi से किस तरह बेहतर है? साथ ही LiFi vs WiFi में क्या अंतर है? इसके बारे में पूरी जानकारी मिली होगी। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया तो इसे Like और Share कीजिए। और ऐसे ही ज्ञानवर्धक आर्टिकल्स के लिए टेकसेवी डॉट कॉम को Subscribe कर लीजिए। ताकि जब भी हम कोई नया आर्टिकल पब्लिश करें, आपको Notification मिल जाए।

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“LiFi क्या है? यह कैसे काम करती है? इसे कैसे यूज करें” पर 7 विचार

  1. Respected sir, मैं अभी सउदी अरब मैं हूं, और एक नया चैनल create करना चाहता हूं । क्या भारत जाने पर उसी चैनल को चलाने के लिए create करते समय कुछ विशेष ( मेरा मतलब Country, location, language Gmail ,monetization या और भी कुछ ) settings करनी होगी ताकि यहां से वहां जाने पर समस्या न उत्पन्न हो । ((( Adsense बनाने के time मैं भारत मे रहूंगा )))

    Please guide me.

    1. आपका कॉन्टेंट किस भाषा में होगा? और आपकी ऑडियंस (ज्यादातर) कहाँ से है? उसके हिसाब से भाषा और कंट्री का चुनाव करें? और चूंँकि एडसेंस अकाउंट आप इंडिया में बेस्ड रखना चाहते हैंं। इसलिए चैनल की Location और Country भी इंडिया में ही बेस्ड रखिए। ताकि कोई प्रॉब्लम न हो। हालांंकि चैनल को आप कहीं से भी मैनेज कर सकते हैं।

      1. धन्यवाद सर जी,आपने मेरे सवाल का जवाब देकर मेरा मार्गदर्शन किया । मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ । और आगे भी tech से संबंधित जानकारी मिलते रहने की उम्मीद करता हूँ ।
        शुक्रिया !

  2. Respected sir, मैं डेढ़ वर्षों से सउदी अरब में हूं और एक नया चैनल create करना चाहता हूँ । उसी को भारत जाकर भी चलाने के लिए क्या कुछ विशेष settings करनी होगी ( मेरा मतलब Country, location, language, Gmail या और कुछ ) ताकि कोई problem न हो ।

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