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Nano Diamond Battery (NDB) चलती है 28000 साल

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आजकल बैटरी चार्ज करना हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। हम रोज अपने फोन, लैपटॉप, घड़ी, कैमरा आदि की Battery Charge करते हैं। लेकिन कुछ ही समय बाद बैटरी डिस्चार्ज हो जाती है। और हमें फिर से चार्ज करनी पड़ती है। लेकिन अब नहीं! क्योंकि अब आ चुकी है एक ऐसी बैटरी, जो एक बार चार्ज करने पर हजारों साल चलेगी। जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ NDB द्वारा विकसित Nano Diamond Battery की! जो एक बार चार्ज करने पर 28,000 साल चलेगी। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या है इस बैटरी मेंं, जो यह हजारों सालों तक डिस्चार्ज नहीं होती? आइए, विस्तार से जानते हैं।

Nano Diamond Battery

आमतौर पर हम दो तरह की Batteries इस्तेमाल करते हैं। एक Rechargable और दूसरी Non-Rechargable. यानि कि हमारे फोन, लैपटॉप, कैमरा आदि में Rechargable Battery इस्तेमाल की जाती है। जिसे हम बार-बार चार्ज कर सकते हैं। वहीं TV Remote, दीवार घड़ी और कैलकुलेटर आदि में Non-Rechargable Battery इस्तेमाल की जाती है। जिसे हम चार्ज नहींं कर सकते।

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अगर कायदे से देखा जाए, तो कोई भी बैटरी ऐसी नहीं है, जो लम्बे समय तक चल सके। हालांकि Rechargable Battery जरूर दो-तीन साल चल सकती है। लेकिन उसे भी बार-बार चार्ज करना पड़ता है। इसीलिए हमें जरूरत है एक ऐसी बैटरी की, जो बिना चार्ज किए सालों-साल चल सके। और Nano Diamond Battery हमारी इसी जरूरत को पूरा करती है। यानि कि यह बिना चार्ज किए हजारों साल चल सकती है। साथ ही अन्य उपकरणों (जैसे कि मोबाइल, लैपटॉप, कैमरा आदि) को चार्ज भी कर सकती है।

Nano Diamond Battery क्या है?

नैनो डायमंड बैटरी असल में एक Self-Charging Battery है, जो अपने आप चार्ज होती है। इसीलिए इसे चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती। इस बैटरी को अमेरिकी कंपनी NDB ने बनाया है। कंपनी के मुताबिक इस बैटरी को Artificial Diamond और Carbon-14 Watse की मदद से बनाया गया है। आपको बता दें कि कार्बन-14 एक रेडियोएक्टिव पदार्थ है, जो काफी खतरनाक है। इसलिए इसके रिसाव को रोकने के लिए कंपनी ने हीरे के लेप का प्रयोग किया है।

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NDB के मुताबिक Nano Diamond Battery पूरी तरह सुरक्षित है। हालांकि इसमें रेडियोएक्टिव कचरे (Carbon-14) का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन फिर भी इसके उपर Anti Radioactive Diamond का लेप लगा होने के कारण रिसाव का कोई खतरा नहीं है। अगर कंपनी की माने तो यह Lithium-ion Batteries के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हैं। क्योंकि इसमें Heating और Explosion (विस्फोट) का कोई खतरा नहीं है। कंपनी ने तमाम सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए इस बैटरी का निर्माण किया है। इसीलिए इसे इस्तेमाल करना बिल्कुल Safe है।

NDB कैसे काम करती है?

अब सवाल यह है कि NDB (Nano Diamond Battery) काम कैसे करती है? How does Nano Diamond Battery work? तो इसका जवाब थोड़ा पेचीदा है। क्योंकि यह एक Nuclear Reactor (परमाणु रिएक्टर) की तरह काम करती है। यानि कि इसके अंदर बिजली बनती है। आप पूछेंगे कि वह कैसे? तो आइए, Nano Diamond Battery की पूरी कार्यप्रणाली को समझते हैं।

दरअसल इस Battery के तीन प्रमुख हिस्से हैं, जो इस प्रकार हैं :-

  1. बाहरी खोल या कवर, जो Artificial Diamond से बना है।
  2. अंदर का रेडियोएक्टिव पदार्थ, जो Carbon-14 का Waste है।
  3. कवर पर लगाया गया लेप, जो Anti Radiactive Diamond से बना है।

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नैनो डायमंड बैटरी को Artificial Diamond के खोल में Carbon-14 Waste डालकर बनाया गया है। और खोल के उपर रेडियोएक्टिव रोधी हीरे का लेप लगाया गया है, ताकि रिसाव न हो। लेकिन सवाल यह है कि बैटरी के अंदर बिजली कैसे बनती है? तो इसके लिए बैटरी में मौजूद Radioactive तत्व जिम्मेदार है। यानि कि रेडियोएक्टिव तत्वों की वजह से इलेक्ट्रॉन्स का निर्माण होता है। जिससे बैटरी के अंदर अपने आप बिजली पैदा होती है।

Nano Diamond Battery के उपयोग

नैनो डायमण्ड बैटरी एक बहु-उपयोगी ऊर्जा-स्त्रोत है। जिसे कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका आकार इसकी सबसे बड़ी खासियत है। क्योंकि इसे गेहूँ के दाने जितने छोटे आकार में भी बनाया जा सकता है। जिससे यह छोटे से छोटे डिवाइस में भी आसानी से फिट हो सकती है। इसके अलावा Nano Diamond Battery से निम्न क्षेत्रों में ऊर्जा की समस्या स्थायी रूप से हल हो सकती है।

Consumer Electronics

हमारे दैनिक जीवन में काम आने वाले ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण Battery से चलते हैं। जैसे कि हमारा Smartphone, Laptop, Tablet, Camera, Smartwatch, Fitness Bands आदि। इन तमाम उपकरणों को हमेंं बार-बार Charge करना पड़ता है। लेकिन अगर इन उपकरणों में Nano Diamond Battery लगा दी जाए! तो इन्हें कभी भी चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। और हमें Battery Charge करने के झंझट से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी।

Healthcare

बहुत-से Medical Devices जैसे कि Hearing Aids (श्रवण यंत्र), Artificial Pacemakers आदि बैटरी से चलते हैं। इसलिए बैटरी खत्म होने पर इनमें नई बैटरी लगानी पड़ती है। लेकिन अगर इन Devices में Nano Diamond Battery लगा दी जाए, तो जिन्दगी भर बैटरी बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानि कि कृत्रिम अंगों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है।

Industrial Area

सबसे ज्यादा ऊर्जा की जरूरत औद्योगिक क्षेत्र को होती है। क्योंकि बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों में अलग-अलग तरह की मशीनरी इस्तेमाल होती है। जो बिजली से चलती है। इन औद्योगिक इकाइयों में, खासकर Data Centers में 24 घंटे निर्बाध रूप से बिजली की आवश्यकता होती है। ऐसे में Nano Diamond Battery काफी उपयोगी साबित हो सकती है।

Defence System

रक्षा संबंधी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में Nano Diamond Battery काफी कारगर साबित हो सकती है। खासकर दुर्गम क्षेत्रों में, जहाँ बिजली की पहुंच नहीं है। ऐसे क्षेत्रों में निगरानी तंत्र को मजबूत करने और रक्षा संबंधी उपकरणों के निर्बाध संचालन के लिए Nano Diamond Battery एक बेहतरीन विकल्प है।

Transportation

लगभग हर वाहन में Nano Diamond Battery का इस्तेमाल किया जा सकता है। क्योंकि करीब-करीब वाहनों में Batteries का इस्तेमाल होता है। जिन्हें नियमित अंतराल पर बदलना पड़ता है। लेकिन अगर इन Batteries को Nano Diamond Battery से बदल दिया, तो वाहन लम्बे समय तक चलेंगे। खासकर, Electric Vehicles के लिए यह क्रांतिकारी कदम साबित होगा।

Aerospace

अंतरिक्ष प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में Nano Diamond Battery काफी उपयोगी साबित हो सकती है। क्योंकि यह Space Stations, Sattelites, Aircrafts, Power Drones और Space Rovers को लम्बे समय तक ऊर्जा मुहैया करवा सकती है। जिससे अंतरिक्ष मिशनों का जीवनकाल बढ़ सकता है। और ये अंतरिक्ष में रहकर लम्बे समय तक काम कर सकते हैं। इसके अलावा Nano Diamond Battery अंतरिक्ष मिशनों में लगने वाले खर्चे को भी कुछ हद तक कम कर सकती है।

अन्य उपयोग

कंपनी का लक्ष्य हर घर को बिजली उपलब्ध करवाना है। साथ ही Schools और Hospitals को भी इस तकनीकी से फायदा पहुंचाने की मंशा है। कंपनी के मुताबिक Nano Diamond Battery से घर, दुकान, मकान, ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, फैक्टरी और हॉस्पीटल्स की ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है।

Nuclear Waste में कमी

NDB के मुताबिक दुनिया भर में 33 मिलियन क्यूबिक मीटर Nuclear Waste पैदा होता है। जिसे ठिकाने लगाने में करीब 100 बिलियन डॉलर का खर्चा आता है। लेकिन आज तक Nuclear Waste को Recycle करने का विचार किसी को नहीं आया। इसीलिए NDB ने इस परमाणु कचरे को रिसाइकिल करके ऊर्जा में रूपांतरित करने और न्यूक्लियर वेस्ट को कम करने की दिशा में कदम बढाया है। NDB के इस कदम से Nuclear Waste के स्टोरेज और संधारण में लगने वाले खर्चे को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।

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Nano Diamond Battery से हमारी ऊर्जा की जरूरतें पूरी होगी। साथ ही इससे जैविक इंधन की खपत में कमी आएगी। जिससे पर्यावरण को काफी फायदा होगा। फिलहाल जिस गति से हम ऊर्जा के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं। उस हिसाब से आने वाले कुछ ही सालों में हम ऊर्जा (Energy) के संकट से जूझने लगेंगे। क्योंकि बढ़ती आबादी के कारण ऊर्जा की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ेगी। जिसे पूरा करने के लिए हमारे पास पर्याप्त संसाधन नहीं होंगे। इसलिए Nano Diamond Battery इस संकट से बचाने में हमारे लिए मददगार साबित हो सकती है।

Nano Diamond Battery Life

वैसे तो Nano Diamond Battery 28,000 साल चल सकती है। लेकिन अगर कंपनी की मानें तो इसका जीवनकाल बढ़ाया जा सकता है। दरअसल इस बैटरी में Carbon-14 Waste (कचरे) का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन अगर कचरे की बजाय शुद्ध Carbon का इस्तेमाल किया जाए, तो बैटरी का जीवनकाल और बढ़ सकता है। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि इतने लम्बे जीवनकाल का हम करेंगे क्या? जब हमारा खुद का जीवनकाल ही 100 वर्ष से कम है! है कि नहीं? 

लेकिन एक फायदा तो है। हजारों साल बाद भी जब हमारे Gadgets किसी को मिलेंगे! तो वे चालू हालत में होंगे। काश! हड़प्पा और मोहनजोदड़ो के वक्त इस बैटरी का आविष्कार हो गया होता! तो आज हमें उनके सारे उपकरण चालू हालत में मिलते। पर कोई बात नहीं, कम से कम हमारी आने वाली पीढियां तो जान पाऐंगी कि हम कितने Advaced थे।

उम्मीद है इस आर्टिकल के जरिए आपको Nano Diamond Battery (NDB) Kya Hai? यह कैसे काम करती है? और इसके क्या-क्या उपयोग हैं? इस विषय में उपयोगी जानकारी मिली होगी। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया तो इसे Like और Share कीजिए। और ऐसे ही ज्ञानवर्धक आर्टिकल्स के लिए टेकसेवी डॉट कॉम को Subscribe कर लीजिए। ताकि जब भी हमारा नया आर्टिकल प्रकाशित हो! आपको उसकी सूचना मिल जाए।

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