एक ब्लॉग या वेबसाइट को Google पर Rank करवाने में SEO (Search Engine Optimization) का बहुत बड़ा हाथ होता है। यह न सिर्फ Website को Rank करवाने में मदद करता है। बल्कि अच्छा-खासा Traffic भी दिलाता है। इसीलिए बतौर एक Blogger आपको पता होना चाहिए कि SEO Kya Hai? और यह कैसे काम करता है? साथ ही उपयोगी SEO Tools और Techniques के बारे में भी पूरी जानकारी होनी चाहिए। ताकि आप अपने Blog को आसानी-से Rank करवा सकें।
अगर आप Blogging की फील्ड में नये हैं। और एसईओ के बारे में विस्तार से सीखना चाहते हैं! तो यह आर्टिकल खास आपके लिए है। क्योंकि इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि Search Engine Optimization Kya Hai? यह कैसे काम करता है? कितने प्रकार का होता है? मुख्य SEO Factors कौन-कौनसे हैं? और एक Blog या Website का Complete SEO कैसे किया जाता है? और इसके लिए कौन-कौनसे Tools और Techniques का इस्तेमाल किया जाता है? अगर आप भी इन सभी सवालों का जवाब जानना चाहते हैं! तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए।
SEO (Search Engine Optimization)
आजकल लोग हर Information को Online Search करना पसंद करते है। इसीलिए आप किसी भी महत्वपूर्ण जानकारी को अपने Blog Articles के जरिए ऑनलाइन उपस्थित करा सकते हैं। और अच्छे-खासे पैसे कमा सकते हैं। क्योंकि जब भी कोई भी व्यक्ति आपके Article से संबंधित जानकारी को Google पर खोजेगा! तो उसे सबसे पहले आपके ब्लॉग का आर्टिकल दिखाई देगा। लेकिन यह तभी होगा, जब आप अपने प्रत्येक Article का ठीक से एसईओ करेंगे।
अवश्य पढ़ें: Free Website कैसे बनाऐं और उससे Earning कैसे करें?
क्योंकि जब तक आपकी Website गूगल पर दिखाई नहीं देगी। तब तक आपको पर्याप्त Organic Traffic नहीं मिलेगा। यानि कि लोग आपकी वेबसाइट पर विजिट नहीं करेंगे। और अगर लोग विजिट ही नहीं करेंगे! तो फिर वेबसाइट रन करने और Content लिखने का क्या फायदा? है कि नहीं? इसीलिए SEO Optimization जरूरी है। क्योंकि यह Blogging की जान है।
एसईओ एक ऐसा तरीका है! जिसकी मदद से आप अपने Blog अथवा Business Website को टॉप पर Rank करा सकते हैं। और Google के पहले पेज पर दिखा सकते हैं। लेकिन अगर आपको एसईओ का ज्ञान नहीं है! तो आप कितना भी अच्छा और Quality Content लिख लीजिए! आपका ब्लॉग कभी भी Top Search Results में नहीं दिखेगा। इसीलिए एसईओ के बारे में जानना बहुत जरूरी है। तो आइए! सबसे पहले यह समझते हैं कि What SEO is? यानि कि एसईओ है क्या?
What is SEO?
SEO का फुल फॉर्म है Search Engine Optimization. यानि कि किसी वेबसाइट या वेबपेज को सर्च इंजन के अनुसार ऑप्टिमाइज करना। ताकि Search Engines उसे आसानी से ढूँढ सकें। और अपनी Index में शामिल कर सकें। SEO कोई एक तरीका या Technique नहीं है। बल्कि यह बहुत सारी Techniques और Processes का एक समूह है। जो एक वेबसाइट, ब्लॉग पोस्ट या वेबपेज को Google पर Rank में मदद करता है।
अवश्य पढ़ें: Slow WordPress Site को कैसे ठीक करें? 2025
अगर आसान शब्दों में कहें तो Search Engine Optimization (SEO) का मतलब है:- किसी Content (ब्लॉग पोस्ट, वेबपेज, ईमेज, वीडियो आदि) को इस तरह से ऑप्टिमाइज़ करना कि जब कोई यूजर उसे Internet पर खोजे! तो उसे वह (Content) SERP (Search Engine Results Page) के टॉप पर दिखाई दे। अर्थात् Google जैसे सर्च इंजन्स उसे पहले Page पर दिखाऐं। लेकिन SEO कोई स्विच नहीं है, जिसे दबाया और On हो गया। यह एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है।
SEO vs Paid Promotion
एसईओ और Paid Promotion में बहुत अंतर है। एसईओ में Organic Ranking शामिल है। जिसका अर्थ है कि आप गूगल या किसी अन्य Search Engine में Top पर रैंक करने और टीके रहने के लिए भुगतान नहीं करते। जबकि Paid Promotion में आप इसी काम के लिए भुगतान करते हैं।
इसके अलावा Organic Search Traffic उच्च गुणवत्ता वाला ट्रैफ़िक होता है। क्योंकि इसमें एक User सक्रिय रूप से किसी खास विषय, उत्पाद या सेवा को खोज रहा होता है। जिसके लिए कोई Website Rank कर सकती है। और यदि कोई User उस वेबसाइट को Search Engine के माध्यम से ढूंढता है! तो इससे आपकी Website पर बेहतर User Engagement होता है। लेकिन Paid Promotion में ऐसा कुछ नहीं होता।
SEO क्यों जरूरी है?
अब सवाल यह है कि आखिर एसईओ इतना जरूरी क्यों है? Why is SEO necessary? आइए समझते हैं। जरा सोचिए कि कोई यूजर Google पर जाता है। और “SEO Kya Hai” सर्च करता है! इससे क्या पता चलता है? जाहिर सी बात है यूजर को एसईओ के बारे में जानना है। और अगर आपने इस विषय पर जानकारी से एक आर्टिकल लिखा है। तो आप जरूर चाहेंगे कि वह आपका आर्टिकल पढ़े। लेकिन आपका आर्टिकल वह तभी पढ़ पाएगा। जब उसे Top-10 Results में आपका आर्टिकल दिखाई देगा!
अवश्य पढ़ें: Video SEO क्या है? अपने Youtube Videos का SEO कैसे करें?
इसके लिए आपको “SEO Kya Hai” शीर्षक के साथ जो Websites पहले से Rank कर रही हैं। उनको पछाड़कर उनसे ऊपर रैंक करना होगा। जो कि आसान नहीं है। लेकिन एसइओ इसी तरह काम करता है। इसी को SEO Marketing कहा जाता है।
आपको बताना चाहूंगा कि दुनियाभर में जितने भी Online Search होते हैं। उनमें से अधिकांश Search गूगल से शुरू होते हैं। और ये कुल Searches के 75 फीसदी से भी ज्यादा हैं। यानि कि गूगल दुनिया का सबसे बड़ा Search Engine है। और सबसे ज्यादा Traffic भी गूगल से ही आता है। इसीलिए SEO की मदद से अपने ब्लॉग अथवा वेबसाइट को Google पर Rank करवाना बहुत जरूरी है।
SEO के प्रकार
अब बात करते हैं एसईओ के प्रकारों (Types of SEO) की। असल में, अलग-अलग आधार पर एसईओ के अलग-अलग प्रकार हैं। जैसे कि Page Optimization के आधार पर अलग प्रकार हैं। जबकि नैतिकता और Search Engine Guidelines की अनुपालना के आधार पर अलग प्रकार हैं। आइए, दोनों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
(A). Optimization के आधार पर
पेज ऑप्टिमाइजेशन के आधार पर एसईओ के तीन प्रकार (Types of SEO) हैं :- On-Page SEO, Off-Page SEO और Technical SEO. आइए! इनके बारे में थोड़ा-सा जान लेते हैं:-
1. ऑन-पेज एसईओ (On-Page SEO)
ऑन-पेज एसईओ का मतलब है, वेबसाइट पर मौजूद Content को Optimize करना। अर्थात् सर्च इंजन्स के हिसाब से Content को बेहतर बनाना। ताकि SERP Ranking में सुधार हो। इसे On-Site SEO भी कहा जाता है। क्योंकि यह पूरी तरह आपकी साइट पर ही किया जाता है। और पूरा नियंत्रण आपके हाथ में होता है। इसमें निम्नलिखित Practices शामिल हैं:-
- Quality Content लिखना
- Content में Keywords एड करना
- Keyword Density मेंटेन करना
- Title और Metatag लिखना
- इमेजेज के लिए Alt Tags लिखना
- Internal Linking करना
- Outbound Links (External Links) एड करना
- Content की Length को मेंटेन करना, आदि।
2. ऑफ-पेज एसईओ (Off-Page SEO)
ऑफ-पेज एसईओ का मतलब है, Website के बाहर का एसईओ। अर्थात् दूसरी वेबसाइट्स पर किया जाने वाला ऑप्टिमाइजेशन। इसे Off-Site SEO भी कहा जाता है। यह असल में, आपकी वेबसाइट को Recommandation प्रदान करता है। यानि कि दूसरी वेबसाइट्स से Traffic लाने में मदद करता है। इसमें मुख्यत: निम्नलिखित SEO Practises शामिल हैं:-
- Backlinks बनाना
- Guest Posting
- Blog Commenting
- Social Media Sharing
- Bookmarking, आदि।
3. टेक्निकल एसईओ (Technical SEO)
यह आपकी वेबसाइट के तकनीकी पक्ष को बेहतर बनाने की एक प्रक्रिया है। इसका मकसद वेबसाइट को Healthy और Easy To Use बनाना है। साथ ही User Experience को बेहतर बनाना है। इसका आपके Content से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन Site Health और Security के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें मूलतः निम्नलिखित Practices शामिल हैं:-
- डिजायन (User Interface)
- Navigation System
- वेबसाइट की Security
- Site Loading Speed
- Usability
- AMP Version
- Robot Files
- XML Sitemap
- Canonical Tags
- Social Sharing Buttons
- Stylesheet, आदि।
(B). नैतिकता के आधार पर
नैतिकता और Search Engine Guidelines के अनुपालन के आधार पर भी SEO के तीन प्रकार हैं: व्हाइट हैट एसईओ (White Hat SEO), ब्लेक हैट एसईओ (Black Hat SEO), और ग्रे हैट एसईओ (Grey Hat SEO). आइए, इनके बारे में विस्तार से जानते हैं :-
1. व्हाइट हैट एसईओ (White Hat SEO)
व्हाइट हैट एसईओ पूरी तरह सही और लीगल है। यह सर्च इंजन गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन करता है। और सर्च इंजनों का विश्वास बनाए रखता है। साथ ही यह Brand की विश्वसनीयता को भी बढाता है। White Hat SEO Techniques से काम करने पर वेबसाइट को किसी भी तरह की पेनल्टी का खतरा नहीं होता। White Hat SEO में निम्नलिखित Practices को शामिल किया जाता है:-
- High Quality Content लिखना
- नेचुरल तरीके से Backlinks प्राप्त करना
- वेबसाइट की तकनीकी खामियों को दूर करना
- User Experience को प्राथमिकता देना
2. ब्लैक हैट एसईओ (Black Hat SEO)
ब्लैक हैट एसईओ, पूरी तरह गलत और illegal है। यह सर्च इंजन गाइडलाइंस का उल्लंघन करता है। और गलत व अनैतिक तरीकों से Ranking पाने की कोशिश करता है। जो कि Search Engines को बिल्कुल पसंद नहीं है। Black Hat SEO Practices से वेबसाइट को गंभीर Penalty मिल सकती है। और वेबसाइट की रैंकिंग गिर सकती है। साथ ही वेबसाइट को सर्च रिजल्ट्स से पूरी तरह हटाया जा सकता है। Black Hat SEO में निम्नलिखित Tactics को शामिल किया जाता है:-
- Keyword Stuffing
- क्लोकिंग (Cloaking)
- लिंक फार्म्स (Link Farms)
- Duplicate Content
- स्पैम (Spam) तकनीकें
3. ग्रे हैट एसईओ (Grey Hat SEO)
ग्रे हैट एसईओ, व्हाइट हैट और ब्लैक हैट एसईओ का मिश्रण है। यह न तो पूरी तरह सही है और न ही स्पष्ट रूप से गलत। Grey Hat SEO Techniques कभी-कभी अस्थायी रूप से काम कर सकती हैं। लेकिन इनमें जोखिम बहुत ज्यादा होता है। क्योंकि सर्च इंजन्स इन्हें पहचानकर Penalty दे सकते हैं। ग्रे हैट एसईओ में निम्नलिखित Practices को शामिल किया जाता है:-
- PBNs (Private Blog Network) का उपयोग
- पैसे लेकर Guest Posting करना
- बिना डिस्क्लोज किए Sponsored Post पब्लिश करना
- आर्टिफिशियल सोशल सिग्नल्स, आदि
SEO कैसे काम करता है?
एसईओ, सर्च इंजन्स की जरूरतों के हिसाब से काम करता है। यानि कि Search Engines की Requirements के आधार पर Websites को Optimize करता है। ताकि वे Search Results में दिखाई दें। अगर आसान भाषा में कहें तो एसईओ आपकी वेबसाइट को उस सर्च इंजन के हिसाब से अनुकूलित करता है! जिसके लिए आप उसे Rank करना चाहते हैं। जैसे कि Google, Bing, Baidu, DuckDuckGo आदि।
आपका काम यह सुनिश्चित करना है कि जब कोई यूजर कोई ऐसा कीवर्ड खोजता है। जो आपकी वेबसाइट पर आर्टिकल के रूप में मौजूद है। तो उस कीवर्ड के लिए Search Engine आपकी वेबसाइट को “सर्वश्रेष्ठ परिणाम” के रूप में देखता है या नहीं?
अवश्य पढ़ें: Adsense का अप्रूवल पाने के लिए 10 जरूरी टिप्स
अब आप पूछेंगे कि सर्च इंजन मेरी वेबसाइट को “सर्वश्रेष्ठ परिणाम” के रूप में कैसे देखेगा? तो यह आपकी Website की Authority, Relevancy, Content Quality, Loading Speed और सैंकड़ों अन्य Factors पर निर्भर करता है। जैसे कि Google के एल्गोरिदम में 200 से भी ज्यादा Ranking Parameters हैं। इसी तरह हर सर्च इंजन के अपने-अपने रैंकिंग पैरामीटर्स हैं।
लेकिन उससे पहले आपको यह समझना होगा कि Search Engine काम कैसे करता है? ताकि आप अपने Blog तथा Blog Posts को Fully Optimized for SEO कर सकें। तो आइए, सर्च इंजन की कार्यप्रणाली को समझते हैं।
Search Engine कैसे काम करता है?
असल में, एक Search Engine के पास बहुत सारे Bots (रोबोट्स) होते हैं! जो लगातार काम करते रहते हैं। ये बोट्स कई तरह के होते हैं। इनमें से जो Websites को Crawl करते हैं, उन्हें Crawler कहा जाता है! ये वेबसाइट्स को क्रॉल (स्कैन) करते हैं। और उनके Content को Search Engine पर List/Update करते रहते हैं। यानि कि कॉन्टेंट को उसकी Quality, मौलिकता और उपयोगिता आदि के आधार पर Index करते रहते हैं। और यह काम हर वक्त चलता रहता है।
दूसरी तरफ, जब आप किसी Search Engine (उदाहरण के लिए Google) पर कुछ खोजते हैं! तो एक Algorithm वास्तविक समय में आप तक Result पहुँचाने का काम करता है। ताकि आपको “सर्वश्रेष्ठ” खोज परिणाम (Best Search Results) मिल सकें।
अवश्य पढ़ें: Blogger Vs WordPress में से कौन बेहतर है? और क्यों?
खासकर, जब आप कोई Keyword Search करते हैं! तो Google के Bots अनगिनत पेजों को Scan करते हैं। और उनमें से वो Pages खोजकर लाते हैं! जो आपके कीवर्ड से Related होते हैं। लेकिन ये पेजेज आपको ऐसे ही नहीं दिखाए जाते। इन्हें User Intent और Query के हिसाब से Format किया जाता है। और Content की Quality, Usability, Trust, Websites की Rank आदि हिसाब से घटते क्रम (बेहतर से बदतर के क्रम) में दिखाया जाता है। ताकि आपको सर्वश्रेष्ठ परिणाम मिल सकें।
Google सर्वश्रेष्ठ परिणाम का निर्धारण कैसे करता है?
दरअसल, Google अपने Algorithms के आंतरिक कामकाज को सार्वजनिक नहीं करता। क्योंकि अगर गूगल ने ऐसा किया, तो चाइना वाले रातों-रात Copy करके Google का चाइनीज वर्जन Choogle लॉन्च कर देंगे। और गूगल को सड़क पर ला देंगे। इसीलिए अच्छा ही है कि गूगल अपनी टेक्नोलॉजी को सार्वजनिक नहीं करता। लेकिन हम जानते हैं कि Google एक Website या Webpage को किस आधार पर रैंक करता है। तो देर किस की? आइए, जानते हैं उन Factors को, जिनके आधार पर एक वेबसाइट या वेबपेज को रैंक किया जाता है :-
1. प्रासंगिकता (Relevancy)
यह Search Engine का पहला और सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है। क्योंकि हर यूजर यही चाहता है, कि उसे उसकी Query से Related खोज परिणाम दिखाए जाऐं। उदाहरण के लिए, अगर आप “SEO Kya Hai” सर्च करते हैं! तो जाहिर है आप “जलेबी बनाने की विधि” तो नहीं जानना चाहेंगे। ऐसे में अगर कोई सर्च इंजन आपको ऐसे बेसिर-पैर के Results दिखाएगा! तो उसकी क्या उपयोगिता रह जाएगी? इसलिए Google उन Webpages को प्राथमिकता देता है! जो यूजर की Query या Keyword के साथ Relevant होते हैं।
अवश्य पढ़ें: Video SEO : Tags क्या हैं? इनकी मदद से अंधाधुंध Traffic कैसे लें?
हालाँकि, Google सबसे अधिक Relevant Pages को Top पर दिखाने की कोशिश करता है। लेकिन हर बार ऐसा संभव नहीं होता। क्योंकि प्रत्येक Keyword Search के लिए हजारों (या लाखों) Relevant पेज होते हैं। उदाहरण के लिए “SEO Kya Hai” कीवर्ड के लिए Google पर 76.60 लाख से भी ज्यादा Page मौजूद हैं। ऐसे में सिर्फ 10 पेज ही सबसे ज्यादा Relevant हैं। यह कहना शायद गलत होगा।
अब आप सोच रहे होंगे कि जब इतना भयंकर Competition है! तो हम अपने वेबपेज को कैसे Rank करा सकते हैं? तो आपको बताना चाहूँगा कि बिल्कुल Rank करा सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको एसईओ का Knowledge होना जरूरी है। क्योंकि Search Engine Optimization SEO ही वह तरीका है! जिसकी मदद से आप अपने वेबपेज को Top पर रैंक करा सकते हैं।
2. अधिकार (Authority)
दूसरा महत्वपूर्ण फैक्टर है Authority यानि कि अधिकार। इसका मतलब यह है कि Content कितना सही, सटीक और विश्वसनीय है? अर्थात लेखक का अपने विषय पर कितना अधिकार (नॉलेज) है? उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि Rocket की कार्यप्रणाली पर 2 आर्टिकल्स हैं। जिनमें से पहला आर्टिकल एक किसान ने लिखा है। और दूसरा एक NASA Scientist ने। अब आप ही बताइए कि दोनों में से कौनसा आर्टिकल ज्यादा सटीक और विश्वसनीय माना जाएगा? जाहिर-सी बात है, Nasa Scientist का आर्टिकल ज्यादा विश्वसनीय माना जाएगा। क्योंकि उसे रॉकेट्स के बारे में किसान से ज्यादा नॉलेज है।
अवश्य पढ़ें: Video SEO : Content Optimization क्या होता है?
इसी तरह अगर आप Heart Sugery के बारे में कोई आर्टिकल पढ़ रहे हैं। और उसको किसी हलवाई ने लिखा है! तो जाहिर-सी बात है, वह उतना विश्वसनीय नहीं होगा! जितना कि एक हार्ट सर्जन का आर्टिकल। इसी तरह “SEO Kya Hai” विषय पर अगर कोई Blogger, SEO Person या Marketing से जुड़ा व्यक्ति आर्टिकल लिखेगा! तो वह ज्यादा सटीक और विश्वसनीय माना जाएगा।
बिल्कुल इसी तरह एक Website की भी Authority होती है! जो Relevant और Quality Backlinks से तय होती है। यानि कि जिस वेबसाइट से जितनी ज्यादा Relevant और High DA PA वाली Websites Linked होती हैं! उसकी अथॉरिटी उतनी ही अधिक होती है। और ज्यादा अथॉरिटी का मतलब है, SERP Ranking में विशेष प्राथमिकता।
3. उपयोगिता (Usefulness)
तीसरा महत्वपूर्ण फैक्टर है Usefulness यानि कि उपयोगिता। असल में, टॉप पर Rank करने के लिए सिर्फ Relavancy और Authority ही काफी नहीं है। बल्कि Content की उपयोगिता भी मायने रखती है। किसी भी वेबपेज को रैंक करते वक्त Google यह देखता है कि वह यूजर्स के लिए कितना उपयोगी है?
इस संबंध में Google ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि “उच्च गुणवत्ता वाले कॉन्टेंट” और “उपयोगी कॉटेन्ट” में बहुत फर्क है। असल में, ये दोनों अलग हैं। यह जरूरी नहीं है उच्च गुणवत्ता वाला कॉन्टेंट यूजर्स के लिए उपयोगी भी हो। नहीं समझे? चलिए, एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।
अवश्य पढ़ें: Video SEO : Thumbnail क्या है? Perfect Thumbnail कैसे बनाएँ?
मान लीजिए कि आपने गूगल पर “SEO Strategy” सर्च किया। और पहले रिजल्ट पर क्लिक करके एक वेबसाइट पर गए। जो कि काफी Relevant और High Authority वाली Website है। मगर इसका कॉटेन्ट बहुत कठिन है। इतना कठिन कि आपको कुछ भी समझ नहीं आता। इसीलिए आप कुछ ही सैकंड्स में वापिस लौट आते हैं।
अब आप एक दूसरी वेबसाइट पर विजिट करते हैं! जिसकी Authority काफी कम है। लेकिन Content बहुत अच्छा है। इस वेबसाइट पर SEO Strategy विषय पर न सिर्फ विस्तार से जानकारी दी गई है। बल्कि हर बिन्दु को बहुत ही सरल व रोचक ढंग से समझाया गया है। जिसे पढ़ने के बाद आपके मन में कोई सवाल नहीं रहता। ऐसे में जाहिर है यह वेबसाइट SERP Ranking में अच्छा प्रदर्शन करेगी। क्योंकि गूगल “User Experience” को ज्यादा महत्व देता है।
SEO कैसे करें?
एसईओ न तो कोई स्विच है, और न ही Rocket Science. बल्कि यह एक Skill है! जिसे थोड़ी-सी मेहनत और Practice से सीखा जा सकता है। बस, आपकी इच्छा होनी चाहिए। अगर आप धैर्य और लगन के साथ Regular Practice करें! तो कुछ ही समय में SEO के जानकार बन सकते हैं। लेकिन अगर आपको लगता है कि सिर्फ 2-4 आर्टिकल पढकर आप SEO के मास्टर बन जाऐंगे! तो यह संभव नहीं है। क्योंकि एसईओ कोई एक टेक्नीक नहीं है। बल्कि Group of Techniques है। जिसमें कई सारी टेक्नीक्स शामिल हैं। इसीलिए एक-एक टेक्नीक को सीखना और आजमाना जरूरी है। Practice, Analysis, Improvement की सीरीज में।
अवश्य पढ़ें: Video SEO : Title क्या है? Youtube Videos के लिए Perfect Title कैसे लिखें?
दरअसल, एसईओ एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है! जो कभी खत्म नहीं होती। इसीलिए एक Blogger रोज इस प्रक्रिया को फॉलो करता है। यानि कि वह प्रत्येक आर्टिकल के लिए Topic Research से लेकर Keyword Research, Content Optimization, Link Building, Marketing… इस क्रम को बार-बार और लगातार दोहराता रहता है।
असल में, SEO की शुरुआत तभी हो जाती है! जब आप किसी टॉपिक पर आर्टिकल लिखने के बारे में सोचते हैं। क्योंकि टॉपिक का चयन करना (Topic Research) भी एसईओ का ही एक हिस्सा है। इससे आपको पता चल जाता है कि आप जिस टॉपिक का चुनाव करने जा रहे हैं! वह चलेगा या नहीं? इस तरह आप गलत और Dead Topic का चयन करने से बच जाते हैं। खैर, आइए विस्तार से समझते हैं कि SEO Kaise Kare? How to do SEO?
1. Content Optimization
कॉन्टेंट को लेकर 1996 में Microsoft के Founder Bill Gates ने कहा था “Content Is King“. साथ ही उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की थी कि “कॉन्टेंट में वास्तविक पैसा बहुत अधिक होगा।” यानि कि “Content Is Money“. उनकी यह भविष्यवाणी बिल्कुल सच साबित हुई। क्योंकि आज Content की वजह से लोग अंधाधुंध पैसे कमा रहे हैं। और कॉन्टेंट वाकई Real Money है। खैर, पॉइंट पर आते हैं! और जानने की कोशिश करते हैं कि SEO के Point of View से कॉन्टेंट कितना महत्वपूर्ण है?
Why Is Content King?
एक Google User को सबसे ज्यादा खुशी तब होती है! जब उसे उसकी Query का Correct Answer मिल जाता है। अर्थात् जो परिणाम उसकी समस्या का पूरी तरह समाधान करता है! वही उसके लिए “सर्वश्रेष्ठ परिणाम” होता है। और हर यूजर इसी तरह के परिणामों की उम्मीद करता है। इसीलिए हर सर्च इंजन, सबसे Relevant, Reliable, Useful और Quality Content को Priority देता है।
अवश्य पढ़ें: Google Content Rating क्या है? और यह क्यों दी जाती है?
इसका मतलब यह है कि SEO के लिए सबसे पहले High Quality Content चाहिए। क्योंकि अगर कॉन्टेंट अच्छा नहीं होगा, तो Super Advanced SEO भी किसी काम का नहीं है। ठीक उसी तरह, जिस तरह दुनिया की सबसे अच्छी Marketing भी एक खराब प्रोडक्ट को नहीं बेच सकती।
कहने का अर्थ यह है कि सबसे पहले आपको उच्च गुणवत्ता वाला कॉन्टेंट तैयार करना पड़ेगा। हालांकि यह मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन बिल्कुल नहीं है। अगर आप थोड़ी-सी Practice करेंगे! तो काफी अच्छा कॉन्टेंट तैयार कर पाऐंगे। कैसे? आइए, जानते हैं।
Quality Content कैसे लिखें?
अब सवाल यह है कि क्वालिटी कॉन्टेंट कैसे लिखें? How to write quality content? या कहें कि SEO Friendly Content कैसे लिखें? तो आइए, जानते हैं कि पाठकों को पसंद आने वाला उपयोगी कॉन्टेंट कैसे लिख सकते हैं?
- User Intent को समझें: कॉन्टेंट लिखते समय हमेशा यूजर्स के बारे में सोचें। यह आंकलन करें कि एक यूजर क्या जानना चाहता है? और उसके क्या-क्या सवाल हो सकते हैं? आपको उन तमाम सवालों का जवाब देना होगा।
- Readers के हिसाब से सोचें: अपने पाठकों के हिसाब से सोच विकसित करें। और समझने का प्रयास करें कि वे कौन है? उन्हें क्या पसंद है, क्या नापसंद हैं? और वे यहां क्यों हैं?
- छोटे पैराग्राफ्स लिखें: लंबे Paragraphs पाठकों को बोर करते है। इसलिए छोटे पैराग्राफ लिखें। और पैराग्राफ्स की फॉर्मेटिंग सही रखें। साथ ही प्रवाह और तारतम्यता का खास ध्यान रखें।
- Content को Actionable बनाये: अपने कॉन्टेंट को Content को Sections में विभाजित करें। और प्रोपर Headings (H2, H3) का प्रयोग करें। ताकि यूजर्स आसानी से नेविगेट कर सकें। और वे भ्रमित ना हों।
Useful SEO Tools
एसईओ, एक लम्बी और थका देने वाली प्रक्रिया है। लेकिन इसे आसान बनाने के लिए मार्केट में कई सारे SEO Tools मौजूद हैं! इन टूल्स की मदद से आप अपने कॉन्टेंट को आसानी से Search Engines के अनुसार Optimize कर सकते हैं। साथ ही Keyword Research, SEO Report, SEO Strategy और SERPs पर रैंक कर रही Website को Analyze भी कर सकते हैं।
1. SEMRush
सेमरश (SEMRush) एक SEO Agency है। जो दर्जनों SEO Services मुहैया करवाती है। इसकी मदद से आप Keyword Research से लेकर Competitor Analysis, Link Building, Market Analysis, Ranking Tracker और SSM जैसे सैंकड़ों काम कर सकते हैं। यह एक Complete SEO Service है।
2. Google Analytics
गूगल एनालिटिक्स (Google Analytics) एक गूगल सर्विस है, जो पूरी तरह फ्री हैं। इसकी मदद आप अपनी Website पर आने वाला Traffic का 360° Analysis कर सकते हैं। यानि कि अपने Visitors के बारे में सब-कुछ जान सकते हैं। जैसे कि उनकी कंट्री, शहर, उम्र, डिवाइस, एक्टिविटीज, पसंद, नापसंद वगैरह-वगैरह।
3. Google Search Console
यह भी गूगल का ही एक फ्री टूल है! जो Search से रिलेटेड Data दिखाता है। Google Search Console आपको यह बताता है कि आपकी वेबसाइट Google Search में कैसा प्रदर्शन कर रही है? और किन-किन कीवर्ड्स पर रैंक कर रही है। साथ ही यह आपको Errors, Cyber Attacks, Bot Attacks और Security से संबंधित जानकारी भी देता है।
4. Yoast SEO
योस्ट एसईओ (Yoast SEO) एक WordPress Plugin है! जो On-Page SEO के लिए काफी अच्छा टूल है। इसमें आपको Meta Tag, Meta Title, Meta Description, Schema, Keyword Density, Breadcrumbs, Images ALT Tag, Content Length और Social Sharing जैसे कई सारे विकल्प मिल जाते हैं। वैसे तो यह एक Paid Tool है। लेकिन इसका Free Version भी उपलब्ध है।
5. Ahrefs
यह भी एक पॉपुलर और Feature-Rich SEO Service है। जो SEO Audit, Rank Tracker, Keyword Explorer और Backlink Checker जैसी दर्जनों SEO Services मुहैया करवाती है।
6. Google Trends
गूगल ट्रेंड्स की मदद से आप गूगल पर Trend कर रहे Popular Trending Topics और Keywords के बारे में जान सकते हैं। और उन्हें इस्तेमाल करके Quality Content तैयार कर सकते हैं। जो आपकी Website को Top पर Rank करने में मदद करेगा।
SEO के फायदे
अब सवाल यह है कि एक ब्लॉग या वेबसाइट को एसईओ से क्या फायदा है? What are the benefits of SEO? तो आप सभी जानते हैं कि World Wide Web पर अनगिनत वेबसाइट्स हैं। और इनमें से एक ही Keyword पर Rank करने वाली हजारों-लाखों वेबसाइट्स हैं। ऐसे में आप खुद समझ सकते हैं कि जो वेबसाइट 1000 वें नम्बर पर Rank कर रही है! उसको कितना Traffic मिलेगा? और जो वेबसाइट पहले नम्बर (या पहले पेज) पर रैंक कर रही है! उसको कितना ट्राफिक मिलेगा? जाहिर है आप समझ गए होंगे।
असल में, 1000 वें रिजल्ट तक कोई नहीं जाता। क्योंकि ज्यादातर यूजर्स, पहले पेज से ही संतुष्ट होकर लौट जाते हैं। वे पहले पेज से आगे कभी कभार ही बढ़ते हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा ट्राफिक इन्हीं Top-10 Websites को मिलता है। इसीलिए Search Engine Optimization बहुत जरूरी है। ताकि आप अपनी वेबसाइट को 1000 वें स्थान से पहले स्थान तक ला सकें। और Traffic के साथ-साथ SEO के तमाम फायदे (All the Benefits of SEO) ले सकें। जैसे कि :-
1. Build Trust & Credibility
जो वेबसाइट Google के पहले पेज पर रैंक करती हैं! वह सबसे ज्यादा Trusted और High Authority Websites मानी जाती है। क्योंकि सर्च इंजन्स हमेशा Relevant और High Quality Content को ही सबसे उपर रखते हैं। ऐसे में SEO की मदद से आप अपनी वेबसाइट और Content की विश्वसनीयता को बढ़ा सकते है। सही Content और अच्छा User Experience आपकी वेबसाइट को उच्च SEO Ranking दिला सकता है।
2. Reach To Maximum People
एसईओ की मदद से आप मनचाहे Keyword को Target कर सकते हैं। और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सकते हैं। क्योंकि एसईओ, User Intent के हिसाब से काम करता है। यानि कि यूजर भले ही Exact Keyword सर्च न करे। मगर फिर भी वह आपकी वेबसाइट पर पहुंच जाएगा।
अवश्य पढ़ें: Google Keyword Planner क्या है? इसे कैसे इस्तेमाल करें?
अगर आप एक Business पर्सन हैं! और अपने उत्पादों या सेवाओं के लिए नये Customers ढूँढ रहे हैं! तो एसईओ आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। क्योंकि Search Engines विशिष्ट उत्पादों और सेवाओं के लिए Keywords का सहारा लेते हैं। और जो Business जिस Keyword या Query के लिए रैंक करना चाहे! वह SEO Optimization के जरिए आराम से कर सकता है।
3. Support Content Marketing
किसी खास Keyword पर रैंक करने के लिए आपके पास Quality Content का होना जरूरी है। क्योंकि कॉन्टेंट सबसे महत्वपूर्ण है। लेकिन अगर आपके पास Quality Content के साथ-साथ Relevant Keywords की सूची भी है! तो आप न सिर्फ SERP पर अच्छी रैंकिंग हासिल कर सकते हैं। बल्कि अपने यूजर्स को भी उपयोगी जानकारी दे सकते हैं। क्योंकि Content और SEO दोनों एक दूसरे के साथ तालमेल बिठाकर काम करते हैं।
अगर एक लाइन में कहें तो एसईओ Content Marketing का सबसे अच्छा और सबसे प्रभावी विकल्प है। इसकी मदद से एक Business अपने ग्राहकों के साथ संवाद कर सकता है। उनकी राय/फीडबैक जान सकता है। Brand Awareness फैला सकता है। नये कस्टमर बना सकता है। अपनी Sales बढ़ा सकता है। और यहाँ तक कि अपने Business को तेजी-से Grow कर सकता है।
4. Local Searches में बेहतर रैंक
ऑनलाइन उत्पादों और सेवाओं की खोज करने वाले लोग अक्सर, स्थानीय खोज परिणामों को अधिक महत्व देते हैं। क्योंकि Hotels, Restaurants, Pubs, ATMs, Petrol Pumps, Hospitals और Shopping Malls जैसी जगहों के लिए Local Search Results बहुत उपयोगी होते हैं। इसीलिए हर सर्च इंजन्स अपनी Local Listing को बेहतर बनाने पर जोर देता है। Google का Google My Business App भी इसी का एक उदाहरण है, जो अब Google Maps में मर्ज हो गया है।
अवश्य पढ़ें: Fake Shopping Website Fraud क्या है? इससे कैसे बचें?
खैर, Local Searches में बेहतर रैंक पाने के लिए Local SEO जरूर करें। आप अपने बिजनेस को Google Maps (My Business) में लिस्ट कर सकते हैं। ताकि जब भी कोई Google पर आपके बिजनस से रिलेटेड Keyword Search करे! आपका बिजनेस टॉप पर दिखाई दे। इससे आपको ज्यादा Organic Traffic और Customers मिलेंगे।
5. Get Qualified Results
एसईओ के प्रभाव को Measure करने के लिए कई सारे Tools और Services हैं। जैसे कि Google Analytics को ही ले लीजिए। यह एक फ्री टूल है! जो आपको Organic Traffic के बारे में In-Depth जानकारी मुहैया करवाता है। जैसे कि आपकी Website पर किस तरह के Visitors आ रहे हैं। वे कहाँ से और किस देश से आ रहे हैं? उनका Age Group क्या है? वे कौनसा डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हैं? कौनसे Webpages को ज्यादा पसंद कर रहे हैं? वगैरह-वगैरह।
कहने का मतलब यह है कि आप अपनी वेबसाइट को भली प्रकार से Analyze करके उसमें सुधार कर सकते हैं। जैसे कि यूजर्स की पसंद के हिसाब से Content तैयार करना। User Interface में बदलाव करना। किसी खास Age Group को टारगेट करना। Post Publish करने का समय निर्धारित करना। Website व Content को Improve करना आदि।
SEO Optimization : सारांश
यह आर्टिकल एसईओ का अंत नहीं, सिर्फ एक शुरुआत है। क्योंकि एसईओ, एक बहुत ही बड़ा और विस्तृत विषय है! जिसे एक आर्टिकल में कवर करना लगभग नामुमकिन है। फिर भी इस आर्टिकल में मैंने SEO का एक बेसिक परिचय देने की कोशिश की है। ताकि आप यह समझ सकें कि SEO Kya Hai? और यह क्यों जरूरी है? साथ ही एक Search Engine कैसे काम करता हैं? और सर्च इंजन्स के हिसाब से कॉन्टेंट को किस तरह Optimize किया जाता है?
दरअसल, यह टेकसेवी की नई SEO Series है। जिसमें कई सारे आर्टिकल्स शामिल हैं। आने वाले दिनों में हम On-Page, Off-Page और Technical SEO के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही विभिन्न SEO Strategies, Techniques, Google Algorithms और अन्य SEO Related Topics पर भी बात करेंगे। साथ ही यह भी जानेंगे कि टॉप SEO Agency और SEO Company कौन-कौनसी हैं?
SEO Optimization : प्रश्नोतरी
1. एसईओ क्या है?
उत्तर: एसईओ का मतलब है, किसी वेबसाइट को Search Engines के हिसाब से Optimize करना! ताकि जब कोई यूजर उसे सर्च करे! तो वह Top Search Results में दिखाई दे। यह बेहतर SERP Ranking हासिल करने की एक प्रक्रिया है। जो वेबसाइट को Organic Traffic दिलाने में मदद करती है।
2. एसईओ कितने प्रकार का होता है?
उत्तर. मुख्य रूप से SEO के तीन प्रकार हैं:-
- ऑन-पेज एसईओ (On-Page SEO)
- ऑफ-पेज एसईओ (Off-Page SEO)
- टेक्नीकल एसईओ (Technical SEO)
3. एसईओ में सबसे महत्वपूर्ण रैंकिग फेक्टर्स कौन-कौनसे होते हैं?
उत्तर: एसईओ के मुख्य Ranking Factors निम्नलिखित हैं:
- उच्च-गुणवत्ता वाला कंटेंट
- अथॉरिटी वाली वेबसाइट्स से बैकलिंक्स
- मोबाइल-फ्रेंडली वेबसाइट
- पेज लोडिंग स्पीड
- यूजर एक्सपीरियंस (UX)
4. एसईओ रिजल्ट्स दिखने में कितना समय लगता है?
उत्तर: एसईओ, एक लम्बी प्रक्रिया है। लेकिन 3 से 6 महीने में रिजल्ट्स दिखने शुरू हो जाते हैं। यह Keyword Competition और वेबसाइट Optimization पर निर्भर करता है।
5. एसईओ के लिए सही कीवर्ड्स कैसे ढूंढें?
उत्तर: इसके लिए आप Google Keyword Planner, Ahrefs, SEMrush जैसे टूल्स की मदद ले सकते हैं। इनकी मदद से आप कीवर्ड्स का Search Volume, Competitive Score और Relevance भी चेक कर सकते हैं।