छोड़कर सामग्री पर जाएँ
You are here : HomeExplanationSmartphone Companies Making Us Fool

Smartphone कम्पनियाँ हमें किस तरह बेवकूफ बनाती हैं?

How-Do-Smartphone-Companies-Make-Us-Fool

आज के दिन स्मार्टफोन मार्केट में बहुत ही भयंकर कम्पीटीशन है। ऐसे में हर स्मार्टफोन कंपनी को मार्केट में बने रहने के लिए कई तरह के पापड़ बेलने पड़ते हैंं। और इसके लिए ये कंपनियाँ अपने ग्राहकों को बेवकूफ बनाने से भी पीछे नहीं हटती। दरअसल आजकल यही हो रहा है। तमाम Smartphone कंपनियां अपने ग्राहकों को बेवकूफ बना रही हैं। और दनादन अपने Phones बेच रही हैं। इसीलिए आज हम इस विषय पर गंभीरता से चर्चा करेंगे। और जानेंगे कि ये स्मार्टफोन कंपनियाँ हमें किस तरह बेवकूफ बनाती हैं? और Specs के नाम पर हमारे साथ किस तरह खेल खेलती हैं?

Smartphone Trends

एक तो हर चार-छह महीने में कोई न कोई नया Trend शुरू हो जाता है। जब iPhone X लॉन्च हुआ, तो अचानक-से Notch का Trend शुरू हो गया। उसके बाद नॉच को हटाने के लिए Pop-up Camera का ट्रेंड चल पड़ा। और उसके बाद 48 मेगापिक्सल कैमरा का ट्रेंड शुरू हो गया। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए कुछ चीनी स्मार्टफोन कंपनियों ने 64 मेगापिक्सल और 108 मेगापिक्सल तक का कैमरा देना शुरू कर दिया। साथ ही Camera की संख्या को लेकर भी एक नया Trend शुरू हो गया। जिसे सारी कंपनियाँ फॉलो करने लग गई। और अपने फोन्स में Triple और Quad Camera Setup देने लग गई।

अवश्य पढेंः Truecaller का उपयोग करना कितना घातक हो सकता है? और कैसे?

इसी बीच फिंगरप्रिंट स्कैनर, इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट स्कैनर, फेस रिकग्निशन और Glass Design जैसे और भी कई सारे Trends आए। लेकिन कुछ Trends बेवजह शुरू हुए और फोन का हिस्सा बन गए। आगे भी इसी तरह नये-नये ट्रेंड्स आते रहेंगे। और ग्राहकों को बेवजह नया फोन खरीदने के लिए उकसाते रहेंगे। जैसे कि आजकल 90Hz और 120Hz रिफ्रेश रेट वाले Display का ट्रेंड शुरू हुआ है। यह एक ऐसा ट्रेंड है, जो बेवजह यूजर्स को नया फोन खरीदने के उकसाता है।

Smartphone पुराना हो गया?

आजकल नया फोन खरीदते ही वह पुराना लगने लगता है। क्योंकि एक तो विकल्प बहुत ज्यादा हो गए हैंं। और, दूसरा हमारा माइंडसेट ऐसा हो गया है कि नया फोन देखते ही हमें अपना Phone आउटडेटेड और पुराना लगने लगता है। वरना, वह भी एक समय था, जब फोन के नाम पर सिर्फ Nokia के गिने-चुने फोन मिलते थे। और तब एक बार फोन खरीदने के बाद उसे कम से कम 4-5 साल तक इस्तेमाल करते थे। और कई लोग तो एक ही फोन को धागे, रबर बैंड और टेप-चकरी की मदद से 10-10 साल तक चला लेते थे। तब 2-3 साल पुराना Second Hand Phone भी नया लगता था। और आज नया फोन भी पुराना लगने लगा है।

अवश्य पढेंः VPN क्या है और इसे कैसे इस्तेमाल करें? क्या VPN यूज करना जरूरी है?

क्या आपने कभी सोचा है कि Online Sales में पलक झपकते ही लाखों Phones कैसे बिक जाते हैं? और कौन खरीदता है इतने सारे Phones को? जबकि हर हफ्ते किसी न किसी कंपनी का नया Phone Launch होता है। और उसके लाखों Units बिकते हैं। इसके बावजूद Phones की डिमांड कम होने की बजाय बढ़ती ही क्यों जा रही है? दरअसल इसके पीछे Smartphone कंपनियों की सोची-समझी रणनीति होती है। जो Users को यह अहसास कराती है कि उनका फोन पुराना हो चुका है। इसीलिए उन्हें नया फोन खरीदना चाहिए।

Upgraded & Successor Varient

ज्यादातर Smartphone कंपनियाँ Upgraded Varient के नाम पर सिर्फ बेवकूफ बनाती हैं। जबकि फोन असल में पुराना ही होता है। बस उसे नया लुक देकर एक-दो Feature उपर-नीचे कर दिया जाता है। और पिछले फोन का Successor कहकर बेच दिया जाता है। लेकिन जब दोनों वेरिएंट्स के बीच तुलना की जाती है तो पता चलता है कि Upgradation के नाम पर सिर्फ फोन का हुलिया बदला गया है। और Camera का Megapixel बढ़ाया गया है। बाकी कुछ भी नहीं बदला है।

अवश्य पढेंः Dark Web क्या है? इसे Internet की काली दुनिया क्यों कहा जाता है?

दरअसल ज्यादातर Smartphone कंपनियाँ Upgradation के नाम पर यही खेल खेलती हैं। वे या तो फोन का हुलिया बदल देती हैं। या Display का आकार घटा-बढ़ा देती हैं। या कैमरा का Megapixel बढ़ा देती हैं। या फिर एक 2MP या 5MP का कैमरा सेंसर Add कर देती हैं। बस। इससे ज्यादा कुछ नहीं करती। क्योंकि उन्हें पता है कि जब लोग चमकता-दमकता लुक और चार-चार कैमरे देखेंगे तो दौड़े चले आऐंगे।

Multi Camera Smartphone

आजकल Multi Camera Smartphones का Trend चल रहा है। इसीलिए हर कंपनी अपने फोन्स में तीन-तीन, चार-चार कैमरे दे रही रही हैं। लेकिन एक आम उपभोक्ता इसे अलग नजरिए से देखता है। उसकी नजर में जिस फोन में जितने ज्यादा कैमरा होते हैं, वह फोन ही उतना ही अच्छा होता है। लेकिन वास्तव में यह बात सही नहीं है। क्योंकि Camera का Performance कोई लेना-देना नहीं है। अगर फोन में Processor ही ढंग का नहीं होगा, तो उसमें चार कैमरा लगाओ या आठ, क्या फर्क पड़ता है? सिर्फ कैमरे लगा देने से फोन अच्छा थोड़े ही हो जाएगा?

अवश्य पढेंः Phone Hack करने के कौन-कौनसे तरीके हैं व इनसे कैसे बचें?

और जो लोग कैमरा की संख्या देखकर Phone खरीदते हैं, उनसे मैं बस इतना पूछना चाहता हूँ कि क्यों? आखिर क्यों आप लोग Quality से ज्यादा Quantity पर भरोसा करते हैंं? क्या आपको मालूम नहीं कि Realme जैसी कंपनियाँ 2-2 मेगापिक्सल के कैमरे सिर्फ इसलिए देती हैं। ताकि कैमरों की संख्या बढ़ाई जा सके। वरना इनका कोई मतलब नहीं है। क्योंकि संख्या से ज्यादा क्वालिटी मायने रखती है। और क्वालिटी का संख्या से कोई लेना-देना नहीं है। क्योंकि अगर ऐसा होता तो iPhone XR का Single कैमरा, Realme XT के चार कैमरों से अच्छी फोटो कभी नहीं ले पाता।

Photo & Video Samples

अक्सर Smartphones के विज्ञापनों में हाई-क्वालिटी के Photo और Video Samples देखकर हम खुश हो जाते हैं। और सोचते हैं कि वाह! क्या Camera Quality है। लेकिन वास्तव में इस कैमरा क्वालिटी की हकीकत कुछ और ही होती है। दरअसल विज्ञापनों में इस्तेमाल होने वाले ये फोटो और वीडियो सैम्पल्स किसी फोन के कैमरा से नहीं! बल्कि एक महंगे DSLR से शूट किए जाते हैं। और वह भी एक अच्छे और नियंत्रित माहौल में। ताकि क्वालिटी में कोई कमी न रहे। यानि कि यूजर्स को साफ-साफ बेवकूफ बनाया जाता है।

अवश्य पढेंः Credit और Debit Card की डिटेल्स कैसे चुराई जाती है व इससे कैसे बचें?

यही वजह है कि जब हम खुद उसी Phone से Photo और Video शूट करते हैं। तो हमें वैसी Quality कभी नहीं मिलती, जैसी हम विज्ञापन में देखते हैं। यानि कि कैमरा क्वालिटी के नाम पर हमारे साथ धोखा किया जाता है। और यह कोई एक कंपनी का काम नहीं है। बल्कि करीब-करीब कंपनियाँ ऐसा ही करती हैं।

Data Breaching

ज्यादातर Smartphone कंपनियाँ अपने फोन्स में Bloatware देती हैं। जिसमें ज्यादातर Apps खुद कंपनी की ही होती हैं। इन Apps को Useful Apps बताकर बेवजह फोन में डाल दिया जाता है। ताकि इनके जरिए यूजर्स का सारा Data Collect किया जा सके। इनमें Mp3 Player, Video Player, Document Viewer, Cleaner App, Antivirus, Keyboard और Browser जैसी ऐप्स प्रमुख हैं। ज्यादातर यूजर्स इन Apps को Default Apps के रूप में इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में आप खुद समझ सकते हैं कि उनका Data कितना Secure है?

Accessaries में कटौती

आजकल ज्यादातर Smartphone कंपनियों ने फोन के साथ Earphones देना बंद कर दिया है। क्योंकि इन कंपनियों के मुताबिक Earphones की वजह से Phone की कीमत बढ़ जाती है। इसीलिए फोन की कीमत कम रखने के लिए एसेसरीज में कटौती करनी पड़ती है। लेकिन यह पूरा सच नहीं है। क्योंकि Earphones न देने से फोन की कीमत में कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। हद से हद 400-500 रूपये का फर्क पड़ता है। इसीलिए यह सिर्फ एक बहाना है।

अवश्य पढ़ेंः Track Lost Phone, अपना खोया हुआ फोन ढूंढिए मात्र एक क्लिक में

सच्चाई यह है कि ये कंपनियाँ Accessories अलग से बेचना चाहती हैं। ऐसे में आप खुद सोचिए कि अगर ये कंपनियाँँ फोन के साथ Earphones देने लगी। तो इनके महंगे Earpods कैसे बिकेंगे? कौन खरीदेगा उन्हें? जाहिर-सी बात है कोई नहीं खरीदेगा। इसीलिए अपने बाकी Products जैसे कि Earphones, Earpods, Wireless Speakers, Bluetooths, Fast Charger Adapter, Data Cable आदि को बेचने के लिए एसेसरीज में जानबूझकर कटौती की जाती है। ताकि आप इन्हे अलग से खरीदें। और कम्पनी को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो। Headphone Jack को गायब करना भी इसी चाल का एक हिस्सा है। क्योंकि कंपनियों को अपने Wireless Earbuds जो बेचने हैं।

Dollar Vs Smartphone Price

कोई भी Smartphone कंपनी Phone Launch करने के बाद उसकी कीमत नहीं बढ़ाती। लेकिन Xiaomi इसका अपवाद है। यह एकमात्र ऐसी कंपनी है, जो Launching के बाद अपने फोन्स की कीमत बढ़ाती है। और उन्हें 1000 से 2000 रूपये तक महंगा कर देती है। और जब इसकी वजह पूछी जाती है तो Xiaomi का हमेशा एक ही जवाब होता है कि डॉलर की कीमतें बढ़ गई हैं। इसलिए फोन की कीमत बढ़ानी पड़ी। लेकिन यह बात पूरी तरह सच नहीं है।

अवश्य पढ़ें: Online Earning Apps, ऑनलाइन कमाई के लिए 5 सबसे बेस्ट मोबाइल ऐप्स

क्योंकि अगर डॉलर की कीमत बढ़ने से वाकई कंपनी को कोई नुकसान होता तो फिर सारे Phones की कीमतें बढ़नी चाहिए। लेकिन कीमत सिर्फ उन्हीं Phones की बढ़ाई जाती है, जो सबसे ज्यादा बिक रहा होते हैंं। इसका मतलब समझते हैं ना आप? जी हाँ, लोकप्रियता को भुनाकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना। और यह आप इनकी बढ़ी हुई कीमत से अच्छी तरह समझ सकते हैं। क्योंकि जब डॉलर की कीमत 10 पैसे भी बढ़ती है तो Xiaomi अपने फोन्स की कीमत सीधे 1000 से 2000 तक रूपये बढ़ा देती है। मतलब डॉलर का सिर्फ एक बहाना होता है। असल मकसद मुनाफा कमाना होता है। कैसे? चलिए एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।

For Example

मान लीजिए कि Xiaomi ने आज एक फोन लॉन्च किया, जिसकी कीमत 14,000 रूपये रखी गई। अब मान लीजिए कि आज के दिन डॉलर की कीमत 70 रूपये है। और इस हिसाब से फोन की कीमत हो गई 200 डॉलर। लेकिन मान लीजिए कि दो महीने बाद डॉलर की कीमत 71 रूपये हो जाती है। और श्याओमी अपने फोन की कीमत बढ़ाकर 15,000 रूपये कर देती है। लेकिन डॉलर की कीमत के हिसाब से फोन कीमत सिर्फ 200 रूपये बढ़नी चाहिए थी। क्योंंकि 71×200 = 14,200 रूपये होता है। ऐसे में आप खुद समझ सकते हैं कि कीमत बढ़ाने की असली वजह क्या हो सकती है?

Favourite Smartphone Company

तो इस तरह तमाम Smartphone Companies मिलकर हमें बेवकूफ बनाती हैं। और हम बेवकूफ बनते हैं। क्योंकि हम अच्छे-से जाँच-पड़ताल नहीं करते। कंपनी जो कुछ हमें बताती है या अपने विज्ञापनों में दिखाती है, उसे हम सच मान लेते हैं। और उस पर भरोसा कर लेते हैं। क्योंकि हर इंसान की कोई न कोई एक फेवरेट Smartphone कंपनी होती है। जिस पर वह हद से ज्यादा भरोसा करता है। और उसके खिलाफ एक शब्द भी सुनना पसंद नहीं करता। लेकिन उस कंपनी के लिए वह सिर्फ एक ग्राहक होता है। और कुछ नहीं।

इसलिए किसी भी Smartphone कंपनी पर हद से ज्यादा भरोसा करना, और उसे ‘अपनी‘ कंपनी समझना सरासर बेवकूफी है। उम्मीद है यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। अगर पसंद आया तो इसे Like और Share कीजिए। और ऐसे ही ज्ञानवर्धक आर्टिकल्स के लिए ‘टेकसेवी डॉट कॉम‘ को Subscribe कर लीजिए। ताकि जब कोई नया Article प्रकाशित हो तो आपको उसकी सूचना मिल जाए।

अवश्य पढ़ें (खास आपके लिए) :-

Comment

error: Content is protected !!

Discover more from Techsevi

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading