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CEIR Portal पर सूचना दें, सरकार ढूंढेगी आपका फोन

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आजकल फोन चोरी होने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। फोन चोर इतने शातिर हो गए हैं कि चोरी किए हुए फोन में नकली IMEI Number प्रोग्राम करके उसे बेच देते हैं। इससे वे पकड़ में नहीं आते। लेकिन अब ऐसे चोरों की शामत आ गई हैं। क्योंकि भारतीय दूरसंचार विभाग (DoT) ने CEIR (Central Equipment Identity Register) के नाम से एक विस्तृत डाटाबेस तैयार किया है, जिसमें हरेक फोन की जानकारी दर्ज है। इसी डेटाबेस की मदद से सरकार खोये हुए या चोरी हो चुके Phones का पता लगाएगी। इसके लिए सरकार ने CEIR Portal शुरू किया है। लेकिन यह काम कैसे करेगा? आइए, विस्तार से जानते हैं।

CEIR Portal

दरअसल मोबाइल फोन्स की चोरी, क्लॉनिंग और रिप्रोग्रामिंग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए संचार मंत्रालय (Ministry of Communications) ने यह कदम उठाया है। इस प्रोजेक्ट के तहत DoT (Department of Telecommunication) ने सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) तैयार किया है। CEIR को जुलाई 2017 में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था, जिसका नेतृत्व भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने किया था। जनवरी 2018 में यह प्रोजेक्ट CDoT (Centre for Development of Telematics) को सौंप दिया गया और तब से यह CDoT के पास है। मई 2019 में महाराष्ट्र से इस सेवा का शुभारम्भ हो गया है। और दिसम्बर 2019 तक यह सेवा पूरे देश में शुरू हो जाएगी।

CEIR क्या है? What is CEIR?

CEIR दरअसल Data का एक विशाल भण्डार है, जिसमें देश के हर फोन की जानकारी है। इसमें फोन के मॉडल नम्बर से लेकर IMEI नम्बर और नेटवर्क से लेकर Manufacturer तक की पूरी जानकारी दर्ज है। इसी जानकारी के आधार पर खोये हुए फोन का पता लगाया जाता है। साथ ही फोन को Block या UnBlock किया जाता है। CEIR का ऑनलाइन पोर्टल भी है, जहाँ आप खोये हुए या चोरी हो चुके फोन की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके अलावा अगर आप चाहें तो CEIR के हेल्पलाइन नम्बर 14422 पर कॉल करके भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

CEIR काम कैसे करता है

दरअसल भारत में हर सर्विस प्रोवाइडर के पास एक EIR (Equipment Identity Register) मौजूद है। जिसमें उसके नेटवर्क से जुड़े फोन्स की जानकारी है। जैसे कि जिन फोन्स में Jio का सिम कार्ड इस्तेमाल हो रहा है, उनकी जानकारी Jio के EIR में है। इसी तरह Airtel, Vodafone, BSNL, MTNL सबके पास अपना-अपना EIR डेटाबेस है। और ये सभी EIR डेटाबेस एक केन्द्रीय डेटाबेस (CEIR) से जुड़े हुए हैं। यानि कि CEIR भारत के सभी सर्विस प्रोवाइडर्स से जुड़े फोन्स का एक संयुक्त Database है।

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खैर, अब सवाल यह है कि जब कोई फोन चोरी हो जाता है तो उसे कैसे ढूँढा जाता है? आइए, इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। मान लीजिए कि आपका फोन चोरी हो गया, जिसमें आप Jio का सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहे थे। फोन के चोरी होते ही आपने शिकायत दर्ज करवा दी। यह तो हो गया आपका काम। अब शुरू होता है EIR और CEIR का काम, जो कुछ इस तरह Process होता है…

CEIR का काम

आपकी शिकायत मिलते ही आपका सर्विस प्रोवाइडर (Jio) अपने EIR डेटाबेस के आधार पर आपके फोन को Blacklist कर देगा। इससे आपके आपके फोन में Jio का कोई भी सिम कार्ड काम नहीं करेगा। लेकिन अगर चोर ने Airtel का सिम कार्ड डाला तो वह काम करेगा। साथ ही Jio के अलावा बाकी जितनी भी कंपनियाँ हैं उन सबका सिम कार्ड भी काम करेगा। लेकिन इसका भी उपाय है। फोन को ब्लैकलिस्ट करने के बाद आपका सर्विस प्रोवाइडर (Jio) आपकी शिकायत को CEIR के साथ साझा करेगा। और चूँकि CEIR से सभी EIR जुड़े हैं तो ऐसे में आपकी शिकायत सभी EIR तक पहुँच जाएगी। और सभी सर्विस प्रोवाइडर्स आपके फोन को ब्लैकलिस्ट कर देंगे।

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अब अगर फोन चोर आपके फोन में किसी भी कंपनी का सिम कार्ड डालेगा, तो वह काम नहीं करेगा। फोन में Network ही नहीं आएगा। ऐसे में चोर के पास एक ही रास्ता बचेगा… फोन का IMEI नम्बर बदलना। लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि IMEI नम्बर बदलने के बाद भी Phone को Track करके चोर को पकड़ा जा सकता है। दरअसल CEIR, GSMA डेटाबेस के आधार पर नकली और अप्रामाणिक IMEI नम्बर की पहचान कर सकता है। आपको बता दूँ कि किसी भी डिवाइस के IMEI नम्बर के साथ छेड़छाड़ करना और IMEI नम्बर की क्लॉनिंग करना दण्डनीय अपराध है।

IMEI Cloning क्या है?

IMEI Cloning का मतलब है किसी एक फोन के IMEI नम्बर को दूसरे फोन में प्रोग्राम करना। यानि कि IMEI नम्बर की डुप्लीकेट कॉपी बनाना। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक ही IMEI नम्बर के हजारों फोन हैं। 2012 में कपिल सिब्बल ने संसद में भी यह मामला उठाया था। उन्होंने एक ऐसे मामले का जिक्र किया था, जिसमें 18,000 फोन्स का एक ही IMEI नम्बर था। 18,000 फोन्स का Same IMEI Number! इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे देश में IMEI Cloning कितनी बड़ी समस्या है। यह देश की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है। इसीलिए CEIR की शुरुआत की गई है।

How To File A Complaint?

अब सवाल यह है कि अगर हमारा फोन खो जाए या चोरी हो जाए तो हम उसकी Complaint (शिकायत) कैसे दर्ज कराएं? How to file a complaint about phone lost or stolen? तो इसके लिए सबसे पहले अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर Complaint दर्ज करवाऐं। उसके बाद CEIR की मदद से अपने Phone को Block करवाऐं। इसके लिए आपके पास दो Options हैं। पहला है, CEIR Web Portal, और दूसरा है, CEIR 14422 हेल्पलाइन। चलिए, मैं आपको इन दोनों के बारे बता देता हूँ।

1. CEIR का Web Portal

अपने ब्राउज़र में CEIR का वेब पोर्टल ceir.gov.in खोलिए और Block Stolen/Lost Phone के ऑप्शन पर क्लिक कीजिए। अब आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा। फॉर्म में मांगी गई सभी सूचनाऐं सही-सही भरिए। और फॉर्म के अंत में जो मोबाइल नम्बर का ऑप्शन दिया गया है, उसमें घर का कोई मोबाइल नम्बर डालकर Get OTP पर क्लिक कर दीजिए। अब आपके पास एक OTP आएगा, यही OTP डालकर Submit कर दीजिए। अगले पेज पर आपको एक Request ID मिलेगी, जो आपके बाद में काम आएगी।

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CEIR Portal (ceir.gov.in)

जब आपका फोन वापिस मिल जाए तो फिर से CEIR के Web Portal पर जाइए और UnBlock Found Mobile पर क्लिक कीजिए। आपके सामने एक छोटा-सा फॉर्म खुलेगा। इस फॉर्म के पहले बॉक्स में आपको Request ID डालनी है। दूसरे बॉक्स में वही घर वाला मोबाइल नम्बर डालना है, जिस पर पिछली बार OTP आया था। और तीसरे बॉक्स में एक नया मोबाइल नम्बर डालकर Get OTP पर क्लिक कीजिए। उसके बाद OTP डालकर Submit पर क्लिक कर दीजिए। बस! आपका फोन फिर से UnBlock हो जाएगा।

2. CEIR की Helpline

इसके लिए आपको CEIR की हेल्पलाइन (14422) पर कॉल करना है और दिए गए निर्देशों का पालन करना है। उसके बाद कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव आपसे बात करेगा और कुछ जरूरी सूचनाऐं माँगेगा। जैसे कि आपका नाम, पता, Lost or Stolen Phone का मॉडल नम्बर, IMEI नम्बर, फोन के खोने/चोरी होने की तारीख आदि। आपको बस सारे सवालों का सही-सही जवाब देना है। Blocking Process पूरी होने के बाद आपको एक Request ID मिलेगी, जो आपके बाद में काम आएगी, जब आप फोन को UnBlock करेंगे। CEIR 14422

Phone Tracking का नया तरीका

अब तक चोर जो भी फोन चुराते थे, उसका IMEI नम्बर बदलकर आराम से बेच देते थे। क्योंकि IMEI नम्बर बदलने के बाद Phone को Track नहीं किया जा सकता था। इसलिए अपराधों में इन फोन्स का धड़ल्ले से इस्तेमाल होता था और पुलिस भी कुछ कर नहीं पाती थी। यानि कि IMEI Cloning वाले फोन्स देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गए थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। क्योंकि CEIR के पास ऐसी Technology है, जिसकी मदद से IMEI नम्बर बदलने के बाद भी Phone को Track किया जा सकता है।

सारांश

इसके अलावा देश में लाखों फोन्स ऐसे भी हैं जो इनवैलिड IMEI नम्बर के साथ प्रयोग किए जा रहे हैं। यानि कि इन फोन्स में 15 अंकों के वैलिड IMEI नम्बर की जगह सभी अंक शून्य हैं। लेकिन अब CEIR की मदद से ऐसे फोन्स को Block किया जाएगा। अगर कोई जानबूझकर ऐसे फोन्स का उपयोग करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि Duplicate और Invalid IMEI Number वाले Phones का प्रयोग करना दण्डनीय अपराध है।

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