आपने Elon Musk की कंपनी न्यूरालिंक (Neuralink) के बारे में तो जरूर सुना होगा। अगर हाँ, तो उस भेड़ का वीडियो भी जरूर देखा होगा, जिसके दिमाग में Neuralink Chip डाली गई थी। दरअसल न्यूरालिंक एक ऐसी चिप है, जो ऑपरेशन के जरिए दिमाग में डाली जाती है। और उसके बाद आपके सोचने भर से जैसा काम हो जाता है। लेकिन कैसे? आखिर यह Neuralink है क्या? What is Neuralink? और यह काम कैसे करता है? साथ ही, अगर कोई इसे Hack कर ले तो क्या होगा? आइए, विस्तार से जानते हैं न्यूरालिंक की कार्यप्रणाली, फायदे, नुकसान और भविष्य के बारे में।
Neuralink क्या है?
न्यूरालिंक, एलन मस्क द्वारा स्थापित एक न्यूरोटेक्नोलॉजी (Neurotechnology) कंपनी है! जो मानव मस्तिष्क को कंप्यूटर से जोड़ने का काम करती है। इस तकनीक को ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (Brain-Computer Interface – BCI) कहा जाता है। Neuralink का उद्देश्य पैरालिसिस (Paralysis), मेमोरी लॉस (Memory Loss) और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (Neurological Disorders) जैसी समस्याओं का इलाज करना है। साथ ही भविष्य में मनुष्यों को एक Super-Intelligent Species बनाना है।
Neuralink कैसे काम करता है?
न्यूरालिंक एक इम्प्लांटेबल डिवाइस (Implantable Device) है! जिसे सर्जरी के जरिए मस्तिष्क में लगाया जाता है। यह डिवाइस Neurons (मस्तिष्क की कोशिकाओं) और कंप्यूटर के बीच संचार स्थापित करता है। अर्थात् कम्प्यूटर और दिमाग के बीच डेटा का आदान-प्रदान (Communication) करता है। और यह प्रक्रिया 3 चरणों में पूरी होती है। आइए, Neuralink की पूरी कार्यप्रणाली को समझते हैं। (The working of neuralink) :-
1. इलेक्ट्रोड्स (Electrodes) का उपयोग
न्यूरालिंक डिवाइस में अत्यंत पतले और लचीले थ्रेड्स (Threads) होते हैं, जिनमें इलेक्ट्रोड्स लगे होते हैं। ये थ्रेड्स मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों में लगाए जाते हैं। और न्यूरॉन्स की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी (Electrical Activity) को पढ़ते हैं। अर्थात् मस्तिष्क द्वारा छोड़े जाने वाले सिग्नल्स को पढ़ते हैं।
2. सिग्नल प्रोसेसिंग (Signal Processing)
मस्तिष्क से प्राप्त सिग्नल्स को एक चिप (N1 Chip) द्वारा प्रोसेस किया जाता है। यह Chip Neuralink Device का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जो वायरलेस तकनीक (Bluetooth) के माध्यम से स्मार्टफोन या कंप्यूटर को Data भेजता है। आपको बता दें कि Neuralink Device अलग-अलग हिस्सों से मिलकर बना है। जिनमें N1 Chip के साथ-साथ एक बैटरी भी है।
3. कंप्यूटर इंटरफेसिंग (Computer Interfacing)
यह एक सॉफ्टवेयर (Software) है! जो न्यूरालिंक डिवाइस से प्राप्त सिग्नल्स को डिकोड (Decode) करता है। और उन्हें कमांड्स (Commands) में बदलता है। उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति एक हाथ हिलाने के बारे में सोचता है! तो Neuralink उस सिग्नल को पकड़कर एक रोबोटिक आर्म (Robotic Arm) को कंट्रोल कर सकता है।
Neuralink की तकनीक
न्यूरालिंक एक सिक्के का आकार का छोटा-सा डिवाइस है, जो कई हिस्सों से मिलकर बना है। यह एक छोटा कम्प्यूटर है, जो बेहद Advanced और Compex Technologies से लैस है। इसे खोपड़ी में छेद करके मस्तिष्क में Implant किया जाता है। और यह एक रोबोटिक सर्जरी (Robotic Surgery) द्वारा किया जाता है। खैर, आइए, Neuralink की विभिन्न तकनीकियों (Technologies) के बारे में समझते हैं:-
1. न्यूरल थ्रेड्स (Neural Threads)
यह Neuralink का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये वे पतले तार होते हैं, जो मानव मस्तिष्क के अंदर कनेक्शन का काम करते हैं। न्यूरल थ्रेड्स असल में इंसान के बाल से भी पतले (4-6 माइक्रोमीटर) होते हैं। ये थ्रेड्स 1024 इलेक्ट्रोड्स तक सपोर्ट करते हैं। यह पुरानी BCI तकनीकों से 10 गुना ज्यादा है।
अवश्य पढ़ें: Data Science क्या है? यह कैसे काम करता है?
न्यूरल थ्रेड्स, असल में फ्लेक्सिबल पॉलीमर (Flexible Polymer) से बने होते हैं। इसीलिए दिमाग को कोई नुकसान नहीं पहुँचाते। इन थ्रेड्स को रोबोटिक सर्जन (Robotic Surgeon) द्वारा लगाया जाता है। जो माइक्रोन-लेवल प्रेसिजन से काम करता है। यह एक रोबोटिक सर्जरी है, जिसमें इंसान का कोई हस्तक्षेप नहीं होता।
2. एन1 चिप (N1 Chip)
यह असल में दिमाग का ब्लूटूथ मॉड्यूल है। N1 Chip इम्प्लांट की एक क्रांतिकारी डिज़ाइन है। जो 10,000 न्यूरॉन्स को एक साथ मॉनिटर कर सकती है। यह Wireless Charging और Bluetooth 5.0 को सपोर्ट करती है (फोन से कनेक्ट होने के लिए)। साथ ही यह रीयल-टाइम डेटा प्रोसेसिंग करती है, ताकि सिग्नल में देरी (Latency) न हो। यानि कि जैसे ही व्यक्ति कुछ सोचे, वह तुरन्त हो जाए।
3. रोबोटिक सर्जरी (Surgical Robot)
Neuralink का “रोबोटिक सर्जन” एक उन्नत मशीन है जो माइक्रोस्कोपिक कैमरा और ऑटोमेटेड नीडल का उपयोग करता है। यह खोपड़ी में 8 मिमी. का छेद करके थ्रेड्स इंसर्ट करता है। यह पारंपरिक Brain Surgery से कम खतरनाक है। इस पूरी प्रक्रिया में सिर्फ 1 घंटे का समय लगता है। और उसके बाद मरीज उसी दिन घर जा सकता है।
Neuralink के उपयोग
न्यूरालिंक 21वीं सदी की एक क्रांतिकारी खोज है। यह विकलांग लोगों का जीवन बदल सकती है। अगर इसे AI (Artificial Intelligence) के साथ Integrate कर दिया जाए, तो यह मानवता के उन्नयन के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है। लेकिन फिलहाल इसका उपयोग सिर्फ मेडिकल साइंस तक सीमित है। आइए, कुछ उदाहरण देखते हैं। Applications of Neuralink :-
1. मेडिकल में (Medical Applications)
- पैरालाइज्ड मरीजों के लिए: Neuralink उन लोगों को मोबिलिटी (Mobility) वापस दिला सकता है जिनका स्पाइनल कॉर्ड डैमेज (Spinal Cord Injury) हो चुका है। यह ब्रेन सिग्नल्स को पढ़कर व्हीलचेयर या रोबोटिक लिम्ब्स (Robotic Limbs) को कंट्रोल कर सकता है।
- अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग का इलाज: यह तकनीक मेमोरी लॉस (Memory Loss) और Tremors (कंपकंपी) को कम करने में मदद कर सकती है।
- दृष्टिहीनों के लिए: Neuralink भविष्य में आर्टिफिशियल विजन (Artificial Vision) प्रदान कर सकता है! जिससे अंधे लोग देख पाएँगे।
2. टेक्नोलॉजी और AI के साथ इंटीग्रेशन
- माइंड-कंट्रोल्ड डिवाइसेज (Mind-Controlled Devices): उपयोगकर्ता बिना हाथ लगाए कंप्यूटर, स्मार्टफोन या गेम कंसोल को कंट्रोल कर सकेंगे। उदाहरण के लिए टाइप करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बस सोचिए और टेक्स्ट अपने आप लिखा जाएगा।
- ह्यूमन-AI सिम्बायोसिस (Human-AI Symbiosis): भविष्य में Neuralink, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के साथ मिलकर मनुष्यों की सोचने की क्षमता को बढ़ा सकता है। इससे लर्निंग स्पीड (Learning Speed), मेमोरी पावर (Memory Power) और प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल्स (Problem-Solving Skills) में सुधार होगा।
Neuralink के प्रमुख प्रयोग
अब तक न्यूरालिंक ने कई प्रयोग किए हैं। हालांकि ज्यादातर प्रयोग जानवरों (चूहों, सुअरों और बंदरों) पर किए गए हैं। लेकिन इंसानों पर प्रयोग करने से पहले यह एक जरूरी कदम था। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह तकनीक पूरी तरह काम करती है या नहीं? और अगर काम करती है तो पूरी तरह सुरक्षित है या नहीं? जानवरों पर प्रयोग सफल होने के बाद Neuralink को FDA से मंजूरी मिल गई। और 2024 में कंपनी ने अपना पहला Human Trial भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। आइए, न्यूरालिंक के अब तक किए गए प्रयोगों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. चूहों पर प्रयोग (2019-2020)
न्यूरालिंक ने सबसे पहले अपने प्रोटोटाइप चिप (N1) का परीक्षण चूहों पर किया था। क्योंकि चूहे इंसानों के सबसे ज्यादा करीबी हैं। और ज्यादातर Medical Experiments में चूहे ही सलेक्ट किए जाते हैं। खैर, इस चिप को मस्तिष्क से सिग्नल पढ़ने और बाहरी उपकरणों को नियंत्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
2. सूअरों पर प्रयोग (2020)
अगस्त 2020 में, Neuralink ने गर्ट्रूड नामक एक Pig (सुअर) के दिमाग में अपना BCI Chip लगाकर लाइव डेमो दिया। यह चिप मस्तिष्क की गतिविधि को रिकॉर्ड कर सकती थी। और सुअर के पैरों की गति से जुड़े सिग्नल्स का पता लगा सकती थी। उसके बाद 2021 में, Neuralink ने एक और डेमो दिखाया! जिसमें एक सुअर का BCI डेटा वायरलेस तरीके से ट्रांसमिट किया गया।
3. बंदरों पर प्रयोग (2021-2022)
अप्रैल 2021 में, Neuralink ने एक बंदर (मैकाक) के दिमाग में अपना चिप लगाकर दिखाया। जो सिर्फ अपने दिमाग से वीडियो गेम (Pong) खेल सकता था। इस प्रयोग में, बंदर ने कर्सर को मानसिक रूप से नियंत्रित किया, जो BCI की क्षमता को दर्शाता है। उसके बाद 2022 में, Neuralink ने एक और वीडियो जारी किया! जिसमें एक बंदर कंप्यूटर पर टाइपिंग कर रहा था।
4. मनुष्यों पर प्रयोग (2023-वर्तमान)
मई 2023 में, Neuralink को FDA (अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन) से मनुष्यों पर परीक्षण की मंजूरी मिली। उसके बाद जनवरी 2024 में, न्यूरालिंक ने पहले मानव प्रत्यारोपण (Human Implant) की घोषणा की। फरवरी 2024 में, एलन मस्क ने बताया कि पहला मानव रोगी Neuralink Chip का उपयोग करके कंप्यूटर को नियंत्रित कर सकता है।
5. पहला ह्यूमन ट्रायल (2024)
न्यूरालिंक ने 2024 में अपना पहला ह्यूमन इम्प्लांट (Human Implant) किया। पहला मरीज नोलन अरबो (Noland Arbaugh) था, जो पैरालाइज्ड है। उसने Neuralink की मदद से कंप्यूटर गेम खेलकर और ऑनलाइन चैट करके दिखाया कि यह तकनीक सफलतापूर्वक काम कर रही है।
इसके अलावा Neuralink के कई फ्यूचर गोल्स (Future Goals) हैं। जो निम्नलिखित हैं :-
- टेलीपैथी (Telepathy): मन की बातें बिना बोले समझना।
- मेमोरी अपलोड/डाउनलोड (Memory Upload/Download): ज्ञान को कंप्यूटर में स्टोर करना।
- फुल-डाइव VR (Full-Dive Virtual Reality): मस्तिष्क को सीधे वर्चुअल वर्ल्ड से जोड़ना।
Neuralink : चुनौतियाँ और विवाद
इतने सारे सफल प्रयोगों और Human Trials के बावजूद न्यूरालिंक की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। कंपनी को बहुत-सी चुनौतियों और आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। आइए, Neuralink की चुनौतियों (Challenges) और Controversies पर एक नजर डालते हैं।
1. मेडिकल से जुड़ी चिंताएं
- ब्रेन सर्जरी का जोखिम: इम्प्लांट लगाने के लिए खोपड़ी में छेद (Skull Drill) करना पड़ता है, जो खतरनाक हो सकता है।
- लॉन्ग-टर्म सेफ्टी: सर्जरी के बाद Neuralink Device हमेशा मस्तिष्क में रहता है। इससे इंफेक्शन (Infection) और न्यूरल डैमेज (Neural Damage) का खतरा हो सकता है।
2. Privacy & Social Concern
- प्राइवेसी इश्यू (Privacy Issues): न्यूरालिंक चिप को लेकर सबसे बड़ी चिंता यही है कि इस तरह कंपनियाँ हमारे विचारों तक पहुँच जाऐंगी। इसके अलावा हैकर्स हमारे विचारों को चुरा सकते हैं। और हमारे दिमाग को कंट्रोल करके हमसे जो चाहें, करवा सकते हैं।
- AI का नियंत्रण: अगर Neuralink के साथ AI को Integrate कर दिया! तो यह हमारे दिमाग को हैक करके अपने हिसाब से कंट्रोल कर सकता है?
- सामाजिक असमानता (Social Inequality): यह काफी महंगी तकनीक है, जो गरीबों की पहुंच में नहीं है। ऐसे में यह सिर्फ अमीरों की तकनीक बन जाएगी। जिससे सामाजिक असमानता बढ़ेगी।
3. नैतिक चिंताएं (Ethical Issues)
न्यूरालिंक से जुड़ी एक बड़ी चिंता यह भी है कि क्या इंसान साइबोर्ग (Cyborg) बन जाएगा? साइबोर्ग असल में एक साइंस फिक्शन जीव है। ऐसा जीव, जो जैविक और मशीनरी – दोनों तत्वों से मिलकर बना हो। यानि कि आधा इंसान, आधा मशीन।
अवश्य पढ़ें: Dark Web क्या है? डार्क वेब पर क्या-क्या होता है?
इन सभी चिंताओं पर Elon Musk (एलन मस्क) जवाब देते हैं, “हम सबसे पहले मेडिकल उपयोगों पर फोकस कर रहे हैं। AI के साथ विलय अभी दूर की बात है।”
Neuralink का भविष्य
अगर मेडिकल साइंस के नजरिए से देखें! तो Neuralink का भविष्य काफी उज्जवल नजर आता है। कंपनी ने भविष्य के लिए कई लक्ष्य निर्धारित किए हैं। यहां हम ऐसे कुछ लक्ष्यों के बारे में बात करेंगे, जिनके लिए कंपनी ने 2030 की डेडलाइन रखी है।
1. मेडिकल ब्रेकथ्रू (Medical Innovations)
- 2025-27: पैरालिसिस के मरीज रोबोटिक एक्सोस्केलेटन (Exoskeletons) चलाने लगेंगे।
- 2028-30: अल्जाइमर रोगियों की याददाश्त को डिजिटल बैकअप किया जा सकेगा।
2. टेक्नोलॉजी और AI इंटीग्रेशन
- माइंड-टू-टेक्स्ट (Mind-to-Text): सिर्फ सोचकर 100+ WPM (शब्द प्रति मिनट) की स्पीड से टाइप करना।
- ड्रीम रिकॉर्डिंग (Dream Recording): नींद में देखे सपनों को वीडियो की तरह सेव करना।
- इमोशन शेयरिंग (Emotion Sharing): दूसरों को अपनी भावनाएँ डिजिटली भेजना।
3. साइबरनेटिक अपग्रेड्स (Cybernetic Enhancements)
- मेमोरी एक्सपेंशन (Memory Expansion): कंप्यूटर की तरह दिमाग की स्टोरेज क्षमता बढ़ाना।
- इंस्टेंट स्किल डाउनलोड (Instant Skill Download): 5 मिनट में नई भाषा सीखना या गाड़ी चलाना सीखना।
Neuralink : सारांश
न्यूरालिंक, इस सदी की एक क्रांतिकारी तकनीक (Revolutionary Technology) है! जो मेडिकल साइंस और AI को एक नए स्तर पर ले जा सकती है। अभी यह शुरुआती चरण (Early Stage) में है। लेकिन इसका भविष्य अनगिनत संभावनाओं से भरा हुआ नजर आता है। बहुत सी मानसिक बीमारियों के इलाज में इसके नतीजे काफी अद्भुत हैं। यह मेडिकल साइंस के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। भविष्य में, Neuralink मस्तिष्क के कई अनसुलझे रहस्यों से पर्दा उठा सकता है।
अवश्य पढ़ें: Machine Learning (ML) क्या है? यह कैसे काम करती है?
लेकिन दूसरी तरफ, Neuralink से जुड़ी कुछ गंभीर चुनौतियां भी हैं। खासकर, सुरक्षा (Safety), नैतिकता (Ethics) और सामाजिक प्रभाव (Social Impact) पर गंभीर बहस की जरूरत है। उम्मीद है इस आर्टिकल के जरिए आपको Neuralink के बारे में काफी कुछ नया जानने को मिला होगा। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया, तो इसे लाइक और शेयर जरूर कीजिएगा। साथ ही टेकसेवी को सोशल मीडिया पर फॉलो जरूर कीजिएगा – धन्यवाद!
Neuralink : प्रश्नोत्तरी
1. Neuralink क्या है और यह कैसे काम करता है?
उत्तर: Neuralink एक ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) डिवाइस है। जो मस्तिष्क और कंप्यूटर के बीच सीधा संपर्क स्थापित करता है। यह न्यूरॉन्स (तंत्रिका कोशिकाओं) की गतिविधि को रिकॉर्ड करता है। और AI द्वारा प्रोसेस करके कंप्यूटर या रोबोटिक उपकरणों को नियंत्रित करता है।
2. क्या Neuralink सर्जरी दर्दनाक है?
उत्तर: नहीं! सर्जरी में लोकल एनेस्थीसिया का उपयोग होता है। मरीज को दर्द नहीं होता।
3. क्या Neuralink Device जीवनभर चलेगा?
उत्तर: हाँ, लेकिन इसकी बैटरी को हर दूसरे-तीसरे दिन वायरलेसली चार्ज करना होगा।
4. क्या Neuralink से दिमाग को हैक किया जा सकता है?
उत्तर: अभी तो नहीं, लेकिन भविष्य में Cyber Security एक बड़ी चुनौती होगी।
5. आम लोगों के लिए Neuralink कब उपलब्ध होगा? और इसकी कीमत क्या होगी?
उत्तर: 2027 से 2030 के बीच। लेकिन शुरुआत में कीमत $20,000+ (लगभग 17,25,000 रुपये से भी ज्यादा) हो सकती है।