जब भी हम Google पर कुछ Search करते हैं! हमें सबसे पहले वही Results दिखते हैं जो सबसे अधिक प्रासंगिक (Relevant) और भरोसेमंद होते हैं। लेकिन यह तय कैसे होता है कि कौन-सी वेबसाइट टॉप पर आएगी और कौन-सी नीचे? तो इसका जवाब है Google का PageRank Algorithm. यह गूगल का पहला और सबसे महत्वपूर्ण एल्गोरिद्म है, जिसने इंटरनेट पर सर्चिंग की पूरी दुनिया बदल दी। लेकिन यह PageRank Algorithm है क्या? और यह काम कैसे करता है? आइए, विस्तार से जानते हैं।
Google PageRank Algorithm
इस आर्टिकल से हम Google Algorithms की एक नई सीरीज शुरू कर रहे हैं। जिसमें आप एक-एक करके गूगल के सभी अल्गोरिदम के बारे में विस्तार से जानेंगे। और यह इस सीरीज का पहला आर्टिकल है। इसीलिए अगर आप एक Blogger, Website Owner या SEO Person हैं! तो इस सीरीज को जरूर Follow कीजिए। और इसका हर आर्टिकल पढ़िएगा। क्योंकि यह सीरीज आपके लिए बहुत Helpful होगी।
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खैर, PageRank Algorithm Google का सबसे पहला और सबसे पुराना अल्गोरिदम है। जो गूगल की शुरुआत से चला आ रहा है। लेकिन आखिर यह है क्या? What is the Google PageRank Algorithm? और यह कैसे काम करता है? साथ ही इसकी जरूरत क्यों पड़ी? आइए, विस्तार से समझते हैं।
PageRank Algorithm क्या है?
पेजरैंक (PageRank) गूगल के संस्थापकों, लैरी पेज (Larry Page) और सर्गेई ब्रिन (Sergey Brin) द्वारा 1996 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में विकसित एक गणितीय Algorithm है। जिसका नाम लैरी पेज के नाम पर रखा गया है। न कि Webpage के ‘पेज‘ पर। यह Google Search Results को रैंक करने की सबसे मूल (Core) तकनीकों में से एक है।
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PageRank एक वोटिंग सिस्टम की तरह है। जो इस सिद्धांत पर काम करता है कि इंटरनेट पर मौजूद हर वेबपेज दूसरे पेजों को “लिंक” (Link) के रूप में “वोट” (Vote) देता है। और जिस वेबपेज को जितने ज़्यादा और गुणवत्ता वाले “वोट” (Backlinks) मिलते हैं, Google उसे उतना ही महत्वपूर्ण और उच्च गुणवत्ता वाला मानता है। और Search Results में उसकी Ranking ऊपर कर देता है।
PageRank का इतिहास
- 1996: Stanford University में रिसर्च प्रोजेक्ट के रूप में Larry Page और Sergey Brin ने इसे विकसित किया।
- 1998: Google की स्थापना हुई। और PageRank Algorithm को इसका आधार बनाया गया।
- 2000s: Google ने PageRank Toolbar सार्वजनिक की। जिससे वेबसाइट मालिक अपना PageRank Score देख सकते थे।
- 2016 के बाद: Google ने सार्वजनिक PageRank Score दिखाना बंद कर दिया। लेकिन यह एल्गोरिद्म अभी भी Backend में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
PageRank कैसे काम करता है?
अब सवाल यह है कि गूगल पेजरैंक अल्गोरिदम काम कैसे करता है? How Does Google PageRank Algorithm Work? तो इस अल्गोरिदम का मूल सिद्धांत यह कहता है कि, “एक वेबपेज की Importance उसके लिंक्स से मिलने वाले Votes से तय होती है।” अर्थात् उस पेज को मिलने वाले Backlinks से तय होती है।
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लेकिन यह सिर्फ Links की गिनती नहीं करता। बल्कि उनकी Quality को भी मापता है। इसे निम्नलिखित Concepts से समझा जा सकता है :-
1. लिंक्स वोट्स हैं (Links as Votes)
मान लीजिए कि Webpage ‘A’ पर एक दूसरे Webpage ‘B’ का लिंक है। इसे ऐसे समझें कि पेज ‘A’ ने पेज ‘B’ को एक वोट (Vote) दिया है। और जिस पेज को जितने ज़्यादा Votes मिलते जाते हैं! उसका PageRank Value उतना ही ज्यादा बढ़ता जाता है।
2. वोट की कीमत (Value of a Vote)
सभी Votes की कीमत एक जैसी नहीं होती। एक महत्वपूर्ण (High PageRank) वेबपेज से मिला लिंक, एक कमजोर (Low PageRank) वेबपेज से मिले लिंक से ज़्यादा मूल्यवान होता है। उदाहरण के लिए, BBC की Website से आपके Blog का एक लिंक, आपके दोस्त के ब्लॉग के 10 Links से कहीं ज़्यादा मूल्यवान होगा।
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इसके अलावा, एक Page जितने कम बाहरी साइटों को Link करता है! उसके वोट की कीमत उतनी ही ज़्यादा होती है। अगर एक पेज सिर्फ 5 Sites को लिंक करता है! तो उसके Vote की Value उस पेज से ज़्यादा होगी, जो 100 Sites को लिंक करता है।
3. डेम्पिंग फैक्टर (Damping Factor – ‘d’)
पेजरैंक अल्गोरिदम यह मानता है कि एक आदर्श User बेतरतीब ढंग से Links पर Click करता हुआ एक पेज से दूसरे पेज पर जाता रहता है। लेकिन कभी-कभी वह उब जाता है। और इस वजह से Direct किसी दूसरी Website पर चला जाता है।
इस संभावना (Probability) को डेम्पिंग फैक्टर (d) कहते हैं। इसका मान आमतौर पर 0.85 रखा जाता है। इसका मतलब है कि Links के जरिए किसी पेज पर पहुँचने की 85% संभावना है। जबकि User के अचानक से किसी बिल्कुल नए पेज पर पहुँचने की संभावना सिर्फ 15% है।
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आपका तो पता नहीं, पर मुझे यह Damping Factor काफी व्यावहारिक लगा। ऐसा लगा मानो यह मेरे बारे में ही बात कर रहा है। क्योंकि जब मैं किसी आर्टिकल को पढ़ता हूँ! तो उसके पूरा होते ही नीचे कुछ और Similar Articles के लिंक होते हैं। और मैं अक्सर उनमें से किसी एक पर क्लिक कर ही देता हूँ। फिर एक पेज से दूसरे, दूसरे से तीसरे, तीसरे से चौथे…. और इसी तरह चलता रहता है। जाहिर है, आप भी ऐसा करते होंगे!
PageRank की गणना
अब सवाल यह है कि गूगल पेजरैंक की गणना (PageRank Calculation) कैसे करता है? तो इसके लिए गूगल एक Formula यूज करता है। मूल PageRank Formula इस प्रकार है:-
PR(A) = (1-d) + d x ( PR(T1)/C(T1) + PR(T2)/C(T2) + ... + PR(Tn)/C(Tn) )
इस फॉर्मूले को समझिए:
PR(A): पेज ‘A’ का PageRank (जिसे हम निकालना चाहते हैं)।
d: डेम्पिंग फैक्टर, आमतौर पर 0.85 होता है।
PR(T1), PR(T2), … PR(Tn): वे सभी पेजों (T1, T2,…Tn) के PageRank हैं, जो पेज ‘A’ को लिंक करते हैं।
C(T1), C(T2), … C(Tn): उन पेजों (T1, T2,…Tn) पर मौजूद बाहरी लिंक्स (Outbound Links) की कुल संख्या है।
उदाहरण (PageRank Example)
मान लीजिए, पेज ‘A’ को सिर्फ दो पेजों से लिंक मिला है: पेज ‘B’ और पेज ‘C’ से।
पेज ‘B’ का पेजरैंक 5 है और उस पर कुल 10 लिंक्स हैं।
पेज ‘C’ का पेजरैंक 8 है और उस पर कुल 5 लिंक्स हैं।
और डेम्पिंग फैक्टर (d) = 0.85 है।
तो पेज ‘A’ का PageRank होगा:
PR(A) = (1 - 0.85) + 0.85 * ( (5 / 10) + (8 / 5) )
PR(A) = 0.15 + 0.85 * ( 0.5 + 1.6 )
PR(A) = 0.15 + 0.85 * (2.1)
PR(A) = 0.15 + 1.785
PR(A) = 1.935
इस तरह, पेज ‘A’ का PageRank = 1.935 होगा।
ध्यान रखें: यह गणना पूरे Internet के लिए एक साथ, बार-बार (Iterations) की जाती है। ताकि सही और स्थिर मान मिल सके। यह एक बेहद जटिल प्रक्रिया है।
PageRank का SEO में महत्व
पेजरैंक Google Search Engine का पहला और सबसे जरूरी Algorithm था। जो आज भी इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। क्योंकि PageRank ने Google को दूसरे Search Engines (जैसे कि Yahoo, AltaVista) से अलग और बेहतर बनाया था। दरअसल, उस समय के अन्य सर्च इंजन्स सिर्फ Keywords की गिनती और Density देखते थे।
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जबकि PageRank ने वेबपेजों की Quality और Authority को मापने का एक वैज्ञानिक तरीका दिया था। जो काफी पॉपुलर हुआ। और इसी की वजह से Google अन्य सर्च इंजन्स से आगे निकल पाया। इसीलिए PageRank Algorithm इतना खास है। और SEO के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि –
- Backlinks की अहमियत: SEO में High-Quality Backlinks पाना हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है।
- Authority Building: PageRank किसी वेबसाइट की Authority को दर्शाता है।
- Ranking Factor: भले ही Google अब सैकड़ों Ranking Factors इस्तेमाल करता है। लेकिन PageRank उनमें सबसे पुराना और मूल एल्गोरिद्म है।
PageRank Algorithm की खूबियाँ
पेजरैंक ने पहली बार Websites को Rank करने का एक गणितीय और वैज्ञानिक आधार दिया। जो अपने आप में एक Unique Metric था। यह वेबसाईट मालिकों को विश्वास दिलाता था कि उनकी वेबसाईट बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के Naturally Rank कर सकती है। इसके अलावा भी PageRank Algorithm की कई खूबियाँ थी। जैसे कि :-
- यह वेबसाइट की Authority और Credibility को मापने का एक गणितीय तरीका देता है।
- यूज़र को सबसे भरोसेमंद और उपयोगी Results दिखाने में मदद करता है।
- Link building को SEO रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।
PageRank Algorithm की कमियाँ
हालांकि PageRank Algorithm की बहुत सारी खूबियाँ थी। लेकिन इसके बावजूद इसमें कुछ कमियाँ भी थी। जिनका वेबसाईट मालिकों ने जमकर फायदा उठाया। इसीलिए Google को कई नए Algorithms लाने पड़े। PageRank Algorithm की ये कमियाँ थी :-
- केवल Quantity पर ध्यान: शुरुआती दौर में लोग ज्यादा से ज्यादा Backlinks खरीदकर PageRank बढ़ाने लगे।
- Spammy SEO: Link Farms और Paid Links का गलत इस्तेमाल हुआ।
- Content Quality पर कम ध्यान: PageRank सिर्फ Links को महत्व देता था। न कि Content की वास्तविक गुणवत्ता को।
PageRank आज भी जरूरी है?
PageRank आज भी Google के Search Algorithm का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन अब यह अकेला नहीं है। आज Google 200+ Ranking Factors (रैंकिंग कारकों) का उपयोग करता है। हालांकि Google ने सार्वजनिक PageRank Toolbar (जो 0 से 10 तक का स्कोर दिखाता था) को 2016 में हटा दिया था। लेकिन PageRank Algorithm आज भी एक Important Ranking Factor के रूप में काम कर रहा है। इसीलिए SEO के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि :-
- Backlinks अभी भी SEO में सबसे बड़े Ranking Factors में से एक हैं।
- Authority और Trustworthiness का आकलन अब भी Link Profile से होता है।
- कई SEO Tools (जैसे कि Ahrefs का DR, Moz का DA/PA, SEMrush का Authority Score) PageRank के Concept पर ही आधारित हैं।
PageRank Algorithm : सारांश
Google PageRank Algorithm ने इंटरनेट पर सर्चिंग की दुनिया को पूरी तरह बदल दिया। इसने Website Ranking को गणितीय और निष्पक्ष बनाया। हालांकि आज Google ने अपने एल्गोरिद्म को और भी जटिल और स्मार्ट बना दिया है। लेकिन PageRank अभी भी उसकी नींव है। अगर आप SEO कर रहे हैं, तो यह समझना ज़रूरी है कि Quality Backlinks और Relevant Linking अब भी आपकी वेबसाइट की सफलता की कुंजी हैं।
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उम्मीद है इस आर्टिकल के जरिए आपको PageRank Algorithm Kya Hai? यह कैसे काम करता है? और एक वेबसाइट की SERP Ranking में इसका क्या योगदान है? इस विषय में उपयोगी जानकारी मिली होगी। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर कीजिए। और ऐसे ही और आर्टिकल्स के लिए टेकसेवी डॉट कॉम को सब्सक्राइब कर लीजिए। ताकि नया आर्टिकल पब्लिश होते ही आपको नोटिफिकेशन मिल जाए।
PageRank Algorithm : प्रश्नोत्तरी
1. PageRank Algorithm क्या है?
उत्तर: यह Google का पहला एल्गोरिद्म है, जो किसी वेबपेज की महत्ता (Importance) को Backlinks की संख्या और गुणवत्ता के आधार पर तय करता है।
2. PageRank Algorithm को किसने विकसित किया?
उत्तर: इसे 1996 में Stanford University में Google के संस्थापक Larry Page और Sergey Brin ने विकसित किया।
3. PageRank Algorithm कैसे काम करता है?
उत्तर: हर लिंक को “Vote” माना जाता है। जिस Page को जितनी अधिक और उच्च-गुणवत्ता वाली वेबसाइटें लिंक करती हैं, उसका PageRank उतना ही ज्यादा होता है।
4. क्या PageRank अभी भी Google में इस्तेमाल होता है?
उत्तर: हाँ, पेजरैंक अभी भी Google के Core Algorithm का हिस्सा है। लेकिन यह अकेला Ranking Factor नहीं है। अब Google सैकड़ों Signals का उपयोग करता है।
5. SEO में PageRank क्यों ज़रूरी है?
उत्तर: क्योंकि Backlinks अभी भी सबसे बड़े Ranking Factors में से एक हैं। अच्छे और भरोसेमंद Links आपकी वेबसाइट की Authority और Search Ranking बढ़ाते हैं।

