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Google Panda Update क्या है? कम्प्लीट SEO गाइड

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एक वक्त था जब Google पर Keyword Stuffing से भरपूर Thin, Duplicate और Low-Quality Content वाली Websites प्रमुखता से Rank किया करती थी। और गूगल इससे बहुत परेशान था। इसीलिए 2011 में Google ने एक ऐसा Algorithm Update निकाला, जिसने रातों-रात ऐसी वेबसाइट्स की छुट्टी कर दी। और Content Quality को Ranking का मुख्य Factor बना दिया। इसी को “गूगल पांडा अपडेट” के नाम से जाना जाता है, जो आज भी गूगल के Core Algorithm का एक अभिन्न हिस्सा है। लेकिन यह है क्या? What is google panda update? और यह काम कैसे करता है? आइए, विस्तार से जानते हैं।

Google Panda Update

अगर बात करें 2000 के दशक की! तो उस वक्त Google Search Engine इतना एडवांस्ड नहीं था। उस जमाने में Internet पर Low Quality Content का बोलबाला था। और यूजर्स को अपने काम की Information ढूंढने के लिए हद से ज्यादा विज्ञापन देखने पड़ते थे।

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इसीलिए 2010 का दशक आते-आते Google के Search Results की Quality में भारी गिरावट महसूस की जाने लगी। क्योंकि उस समय “Content Farms” नामक वेबसाइटों का आतंक था। ये साइटें (जैसे eHow, Suite101, Associated Content आदि) बड़ी मात्रा में सस्ता, Low-Quality और अक्सर Duplicate Content पब्लिश करती थी! जो केवल Ads से पैसे कमाने के लिए होता था। इसीलिए Users अक्सर इन सतही और बेकार लेखों में फंस जाते थे। इससे Google की Usefulness पर सवाल उठने लगे थे।

Google Panda Update क्या है?

गूगल पांडा अपडेट, Google Search Engine Algorithm का एक महत्वपूर्ण Update है! जिसने SEO की दुनिया को हिलाकर रख दिया। क्योंकि इसने पहली बार Website Owners की बजाय Users के Perspective से सोचा। और Content की Quality पर ध्यान देना शुरू किया। Google Panda Update का मुख्य लक्ष्य Low Quality Websites को फिल्टर करना और High Quality Websites को Top Rank दिलाना था। इस अपडेट के बाद Content Quality सबसे बड़ा और मुख्य Ranking Factor बन गया।

Google Panda Update का इतिहास

गूगल पांडा अपडेट को पहली बार 23 फरवरी 2011 को अमेरिका में लॉन्च किया गया था। जिसे “Farmer Update” का नाम दिया गया। क्योंकि इसने “Content Farms” को सीधे निशाने पर लिया था। लेकिन बाद में इस अपडेट का नाम Google के एक इंजीनियर Navneet Panda के नाम पर “Panda Update” रखा गया।

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शुरुआती दौर में इस अपडेट ने लगभग 12% वेबसाइट्स की Ranking को प्रभावित किया था। साथ ही इसकी वजह से “Content Farms” और “Thin Content” वाली वेबसाइट्स का Traffic रातों-रात 50-90% तक गिर गया। और बहुत-सी वेबसाइट्स अचानक Search Results में नीचे चली गईं।

अप्रैल 2011: Panda Update को UK के English Search Results में लागू किया गया।

मई 2011: Panda 2.0 लॉन्च हुआ, जो और भी Refined था।

जून 2011: Panda 2.1 लॉन्च किया गया।

अगस्त 2011: Panda 2.2 लॉन्च हुआ। इसके बाद, Panda Algorithm को धीरे-धीरे Google के Core Algorithm में Integrate कर दिया गया। इसका मतलब था कि अब यह Real-Time या Near Real-Time में काम करने लगा।

जनवरी 2012 (Panda 3.2): Google ने एक “Site-Wide Quality Algorithm” की घोषणा की! जो पूरी साइट की Overall Quality को देखता था।

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मार्च 2012 (Panda 3.4): इस Update ने “Over-Optimization” पर चोट की।

सितंबर 2012 (Panda #20): इस Update ने Small Websites को भी प्रभावित किया! जिन्होंने पहले Panda से बचने के लिए Low-Quality Pages हटा दिए थे। लेकिन बचे हुए Pages की Quality अभी भी खराब थी।

जनवरी 2014 (Panda 4.1): Google के अनुसार, इस Update का Goal छोटे-मझोले Size की High-Quality Websites को और भी ज्यादा बढ़ावा देना था।

12 जनवरी 2016: Google ने Officially घोषणा की कि Panda अब उसके Core Ranking Algorithm का एक Permanent हिस्सा बन गया है।

Google Panda Update का उद्देश्य

गूगल Panda Update का मुख्य उद्देश्य था, गूगल यूजर्स को Better और Relevant Search Results देना। इसके लिए Google ने उन वेबसाइट्स की रैंकिंग घटा दी, जो SEO Tricks से ऊपर आ रही थीं। मगर उनका कॉन्टेंट बहुत ही Low-Quality का था। इस अपडेट से Google ने साफ कर दिया था कि कॉन्टेंट ही असली किंग है। यानि कि “Content is King”. और जीत हमेशा Quality Content की ही होगी।

Google Panda Update का असर

गूगल Panda Update का Impact एक Seismic Shift (भूकंपीय बदलाव) की तरह था! जिसने पूरे SEO Industry को हिला कर रख दिया था। इसे Disadvantage of Panda Update के रूप में देखा जाता है। लेकिन Panda Update का सबसे ज्यादा नुकसान किसको हुआ? और क्या नुकसान हुआ? आइए, विस्तार से समझते हैं।

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Panda Update ने मुख्य रूप से “Content Farms” और Low-Quality Sites को टारगेट किया। लेकिन इसकी चपेट में कई तरह की वेबसाइटें आईं। जैसे कि :-

1. कॉन्टेंट फार्म्स (Content Farms)

कॉन्टेंट फार्म्स इसके सबसे बड़े शिकार थे। इन साइटों का एकमात्र उद्देश्य विज्ञापनों (Ads) से कमाई करना था। और इनकी मुख्य Strategy थी :-

  • बड़ी मात्रा में Low-Quality Content: ये वेबसाइट्स बहुत सारे लेखकों से सस्ते में, जल्दी-जल्दी Content तैयार करवाती थी।
  • Keyword Stuffing: इनके लेखों में बार-बार Keywords का प्रयोग किया जाता था। ताकि SERP (Search Engine Results Page) पर आसानी से Rank हो जाऐं।
  • User Intent को Ignore करना: इन वेबसाइट्स का उद्देश्य पाठक के लिए Value Create करने की बजाय, सिर्फ Search Engines को खुश करना था।
  • Duplicate और Rewritten Content: एक ही Topic पर कई लेख या दूसरी साइटों के Content को Paraphrase करके Publish करना इनका मुख्य काम था।

नुकसान: इन साइटों का Search Traffic 80-90% तक गिर गया। कई साइटें तो पूरी तरह से बंद हो गईं। मशहूर उदाहरणों में eHow.com, Suite101, Associated Content शामिल हैं।

2. ई-कॉमर्स साइट्स (e-Commerce Sites)

बहुत सारी e-Commerce Website को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा। खासकर वे साइट्स, जिनके Product Pages बहुत Weak थे। उदाहरण के लिए :-

  • Thin Content: Product Descriptions बहुत छोटे और Non-Descriptive थे। जैसे सिर्फ “Good Product” या “Best Quality” लिखकर छोड़ देना।
  • Duplicate Content: ऐसी वेबसाइट्स, जो Manufacturers से Copy-Paste किए गए Product Descriptions यूज करती थी, जो हजारों अन्य साइटों पर भी मौजूद होते थे।
  • User-Generated Content की कमी: उन साइटों को फायदा हुआ जहाँ Genuine User Reviews और Ratings थे। जबकि जहाँ ये नहीं थे, वे पीछे रह गए।

नुकसान: Organic Traffic और Sales में भारी गिरावट देखने को मिली। खासकर उन Product Categories में जहाँ Competition ज्यादा था।

3. एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing)

सभी Affiliate Marketing साइटें खराब नहीं थीं। लेकिन जो सिर्फ और सिर्फ Affiliate Links पर निर्भर थीं, उन्हें एक बड़ा झटका लगा। जैसे कि :-

  • बिना Value के Reviews: Products के बारे में Unbiased और गहन Review लिखने के बजाय, सिर्फ Affiliate Links भरने वाली वेबसाइट्स।
  • Auto-Generated Content: Software के जरिए Automatically Content बनाने वाली वेबसाइट्स।
  • Original Research की कमी: अपना कोई Unique Perspective या Analysis न देने वाली वेबसाइट्स।

नुकसान: Traffic गिरने से Commissions में भारी कमी आई। और कई Affiliate Marketers को अपना Business Model बदलना पड़ा।

4. विज्ञापनों पर निर्भर (Ad Dependent Sites)

वे साइटें जहाँ Content से ज्यादा विज्ञापन (Ads) दिखाई देते थे। क्योंकि इनका प्राथमिक उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ Ads से पैसे कमाना था। न कि Users को Information देना। उदाहरण के लिए :-

  • Above-the-fold Ads: पेज लोड होते ही User को Content न दिखाकर Ads से भरा हुआ Screen दिखाने वाली वेबसाइट्स।
  • Content-to-Ads Ratio खराब होना: एक छोटे से Paragraph में ही 4-5 Ads लगाने वाली वेबसाइट्स।

नुकसान: Google ने ऐसी Websites को Explicitly नीचे करना शुरू कर दिया। क्योंकि इनका User Experience बहुत खराब था।

5. न्यूज़ ब्लॉग्स (News Blogs)

छोटे-मझोले News Aggregators और Blogs जो बिना किसी Original Reporting या Analysis के बड़े News Outlets की खबरों को Copy-Paste करके Publish कर देते थे।

नुकसान: Google Panda Update के बाद इनका Traffic कम हो गया। और कई Blogs बंद हो गए।

Google Panda Update के फायदे

हालांकि Google Panda Update को एक “दंड” (Penalty) के रूप में देखा जाता है। लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य अच्छी वेबसाइटों को पुरस्कृत करना और इंटरनेट पर मौजूद कॉन्टेंट की Overall Quality को बेहतर बनाना भी था। जहाँ एक तरफ Low-Quality Websites को भारी नुकसान हुआ। वहीं एक बड़े वर्ग को इससे बहुत फायदा हुआ।

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जैसा कि आपने जाना कि Panda Update का मुख्य लक्ष्य High-Quality, User-Focused और Original Content पब्लिश करने वाली वेबसाइटों को Search Results में ऊपर लाना और उन्हें उनका सही मूल्य देना था। इसलिए, जो वेबसाइटें पहले Low-Quality “Content Farms” के नीचे दबी हुई थीं! वे अचानक Top Positions पर दिखाई देने लगी। आइए विस्तार से जानते हैं कि किस Websites को और क्या फायदा हुआ।

1. Authoritative Brands & Publications

बड़े, विश्वसनीय ब्रांड्स और प्रकाशनों को सबसे ज्यादा लाभ मिला। इनमें शामिल थे :-

  • Top News Websites: जैसे NYTimes.com, TheGuardian.com, BBC.com, आदि।
  • Authentic Blogs और Magazines: जैसे TechCrunch, Mashable, Smashing Magazine आदि।
  • Educational & Govt. Websites: .edu और .gov डोमेन वाली वेबसाइट्स, जिनका Content हमेशा High Quality और Research Based होता है।

फायदा: हालांकि इनकी Authority पहले से ही थी। लेकिन Panda Update ने इन्हें SERP (Search Engine Results Page) पर Top Ranking दिलवाई। जिससे इनका Organic Traffic, Brand Visibility और User Trust और ज्यादा बढ़ गया।

2. Niche Experts वाले Blogs

छोटे लेकिन विशेषज्ञता वाले ब्लॉग्स, जो अपने Niche पर गहराई से और मूल्यवान Content बना रहे थे। उनको Panda Update से काफी फायदा हुआ। जैसे कि :-

  • In-Depth Content: सतही जानकारी के बजाय, किसी Topic को पूरी तरह से कवर करने वाले Guides और Tutorials पब्लिश करने वाले ब्लॉग्स।
  • Original Research और Data: अपना खुद का Data, Case Studies और Research पब्लिश करने वाले ब्लॉग्स।
  • Personal Experience: केवल Rewrite करने के बजाय, अपने व्यक्तिगत अनुभव और राय को शामिल करने वाले ब्लॉग्स।

फायदा: इन्हें अपने Keywords में #1 Ranking हासिल करने का मौका मिला। जिससे इनका Traffic कई गुना बढ़ गया। क्योंकि अब Users को सही में उच्च-गुणवत्ता वाला जवाब मिल रहा था।

3. UX Focused e-Commerce Websites

वे E-commerce Websites जिन्होंने सिर्फ Products बेचने के बजाय एक अच्छा Shopping Experience देने पर ध्यान केन्द्रित किया। जैसे कि :-

  • Unique Product Descriptions: Manufacturers का Description को Copy-Paste करने के बजाय, अपना खुद का Unique और Detailed Descriptions लिखने वाली वेबसाइट्स।
  • High-Quality Images और Videos: Products की Multiple Images और Demonstration Videos अपलोड करने वाली वेबसाइट्स।
  • Genuine Customer Reviews: हमेशा Real User Reviews और Ratings के साथ Unique Content बनाने वाली वेबसाइट्स।
  • Helpful Blog Content: Products से Related Helpful Articles और Buying Guides बनाने वाली वेबसाइट्स। जैसे कि “How to choose the best running shoes?”

फायदा: इन्होंने न केवल More Traffic हासिल किया। बल्कि Higher Conversion Rates और Better Brand Loyalty भी हासिल की। क्योंकि Visitors को जानकारी से भरपूर और भरोसेमंद Experience मिला।

4. Forum & Community Based Sites

बड़े और एक्टिव Forums जहाँ Real Users के Genuine Discussions होते थे। जैसे कि Quora, StackOverflow, Reddit के Quality Subreddits और बहुत-से Niche Forums. क्योंकि :-

  • User-Generated Content (UGC): यह Content Authentic, Unique और लगातार Update होते रहने वाला Content था।
  • Real Questions, Real Answers: लोगों को उनके सवालों के असली जवाब मिलते थे, जो अनुभव से दिए जाते थे।

फायदा: Panda Update ने Duplicate और Thin Content वाली वेबसाइट्स को हटाया। तो Forums के लिए अवसर का द्वार खुल गया। इनके Pages Long-tail Keywords के लिए Ranking करने लगे। और इन्हें भारी मात्रा में Organic Traffic मिलने लगा।

5. Local Business & Services

ऐसी Local Business Websites जो अपने Pages पर अच्छा, Unique और Original Content लिखा करती थी। जैसे कि :-

  • Detailed Service Pages: सिर्फ “We Provide SEO Services” लिखने के बजाय, इन्होंने हर Service के बारे में विस्तार से बताया।
  • Local Area Information: अपने Service Areas के बारे में सही, Useful और Location Based Information दी।
  • Customer Testimonials: Real Testimonials और Case Studies को शामिल किया।

फायदा: Local Search Results में ज्यादा Visibility मिली। जिससे More Phone Calls और More Leads Generate हुए।

Google Panda Update के बाद SEO

जैसा कि मैंने बताया कि Google Panda Update के बाद SEO की दुनिया एकदम से बदल गई। इस अपडेट का SEO Industry पर काफी गहरा असर हुआ। जिससे बहुत-से SEO Experts और Bloggers को अपनी SEO Strategy बदलनी पड़ी। पहले जहां सिर्फ Backlinks और Keywords से काम चल जाता था। वहीं अब High-Quality Content, User Engagement और Authority Building पर ज्यादा ध्यान देना ज़रूरी हो गया। इस अपडेट के बाद SEO Industry में निम्न बदलाव देखने को मिले :-

  1. Content Quality पर जोर दिया जाने लगा।
  2. Duplicate, Low-Quality और Thin Content का अंत हो गया।
  3. User Experience और Engagement जरूरी हो गया।
  4. Content Marketing का उदय हुआ।
  5. Authority और Trustworthiness का महत्व बढ़ा।
  6. Long-Form Content की अहमियत बढ़ी।
  7. SEO Experts को नई SEO Strategies बनानी पड़ी।

Panda Update और Content Marketing

इस अपडेट के बाद Content Marketing की दुनिया में एक बड़ा Shift देखने को मिला – Quantity से Quality की ओर। इसीलिए अब Brands और Bloggers अपने Content को Informative, Engaging और Problem-Solving बनाने पर जोर देने लगे। और Long, Research-Based और User-Oriented Content लिखने लगे। ताकि SEO में बड़ा फायदा मिल सके।

  • गूगल पांडा अपडेट के बाद Marketers को एहसास हुआ कि एक गहन, शोधपूर्ण और Comprehensive Article, 10 लॉ-क्वालिटी Articles से ज्यादा शक्तिशाली है।
  • Brands ने Surveys करवाने, Case Studies बनाने, Original Research Publish करने, और Expert Interviews Conduct करने पर जोर देना शुरू किया।
  • Content Marketers का फोकस सिर्फ Search Engines को खुश करने से हटकर असली Users को Engage और Satisfy करने पर केंद्रित हो गया।
  • नियमित कॉन्टेंट ऑडिट Content Marketing Strategy का एक जरूरी हिस्सा बन गया।

Panda Penalty से बचने के तरीके

गूगल Panda Penalty से बचने का मतलब है एक ऐसी वेबसाइट बनाना जो गूगल के Quality Guidelines को पूरा करती हो। Panda अब गूगल के Core Algorithm का हिस्सा है। यह कोई अलग से Penalty नहीं है। लेकिन अगर आपकी साइट की क्वालिटी खराब है!

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तो आपको Traffic में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। इससे बचने के लिए यहां Step-By-Step Guide दी गई है! जिसकी मदद से आप आप अपनी साइट को Google Panda के Negative Impact से बचा सकते हैं।

1. Original & Quality Content बनाएं

Panda सीधे तौर पर Content Quality को Target करता है। इसीलिए क्वालिटी पर फोकस करें। इसके लिए,

  • Original Research और Insights: सिर्फ दूसरी वेबसाइट्स के Content को Rewrite न करें। अपना Unique Perspective, Research, Data या Expert Opinion दें।
  • Comprehensive Content: ऐसा Content बनाएं जो Topic को पूरी तरह से Cover करे। छोटे-छोटे, बिना मेहनत के लिखे गए Articles (Thin Content) से बचें।
  • User Intent पूरा करें: जब कोई User आपके Page पर आए, तो उसे उसके सवाल का जवाब मिलना चाहिए। Content सिर्फ SEO Keywords के लिए नहीं,  बल्कि Users के लिए बनाएं।
  • Readable और Engaging Content: अच्छे Formatting, Headings, Bullet Points, Images और Videos का इस्तेमाल करें। ताकि पढ़ना आसान हो।

2. Duplicate Content से बचें

एक ही Content का Website के Multiple Pages पर होना नुकसानदायक है। इसीलिए प्रत्येक Page के लिए अलग, यूनिक और Fresh Content लिखें। इसके अलावा,

  • Canonical Tags Use करें: अगर Similar Content बनाना ज़रूरी है! तो Canonical Tag का उपयोग करके Google को बताएं कि Original Version कौन-सा Page है।

2. 301 Redirects का उपयोग करें: Similar Pages को एक-दूसरे पर Redirect कर दें।

3. Parameter Handling: Google Search Console में जाकर Duplicate Content पैदा करने वाले URL Parameters को Manage करें।

3. Low-Value Pages को मैनेज करें

कहीं आपकी Website पर ऐसे Pages तो नहीं हैं, जिनमें 500 Words भी नहीं हैं। और कोई Value भी नहीं है? अगर हैं, तो उन्हें Fix या Remove करें। इसके लिए,

  • Website Audit करें: Website के सभी Pages का Audit करें। और Low-quality Pages को ढूंढें।
  • Content Improve करें: उन Pages के Content को Expand करें। और उन्हें Useful बनाएं।
  • Noindex Tag यूज करें: अगर कोई Page (जैसे Tag Page, Author Page) ज़रूरी है! लेकिन उस पर Unique Content नहीं है! तो उसे Noindex Tag से Block कर दें।
  • Delete और Redirect करें: एकदम Useless Pages को Delete कर दें। और उन्हें 301 Redirect की मदद से Homepage या दूसरे Relevant Category Page पर Redirect कर दें।

4. User Experience (UX) पर ध्यान दें

गूगल Users Experience पर बहुत जोर देता है। इसीलिए अपनी साइट के Design पर खास ध्यान दें। इसके लिए,

  • Page Speed बढ़ाएं: अपनी Website की Loading Speed Optimize करें। Google PageSpeed Insights Tool का उपयोग करें।
  • Mobile-Friendly बनाएं: हल्की, तेज और Responsive Theme यूज करें। और पक्का करें कि आपकी Website हर डिवाइस पर अच्छे से खुल रही है।
  • Intuitive Navigation: Website का Menu Clear और Easy To Use हो।
  • Ad-to-Content Ratio: Pages पर Ads Content से ज़्यादा न हों। Especially Above-The-Fold (पेज के ऊपरी हिस्से) में Ads लगाने से बचें।
  • Distracting Ads से बचें: Pop-ups, Intrusive Ads जो Content को Overlap कर रहे हों, या कॉन्टेंट को पढ़ने में बाधा बन रहे हैं, उनसे बचें।

5. Authority और Trustworthiness बढ़ाएं

हाई-अथोरिटी और विश्वसनीयता, Google का एक अहम Ranking Factor है। इसीलिए अपने Blog या Website की Authority Build करें। इसके लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करें :-

  • About Us और Contact Page: अपनी वेबसाइट पर Professional “About Us” और “Contact Us” Pages ज़रूर बनाएं।
  • Professional Author Bio: Content Writers का Bio लिखें। इससे E-E-A-T (Experience, Expertise, Authoritativeness, Trustworthiness) बढ़ता है।
  • Fact-Checking करें: अगर आप Educational, Informative और Fact-Base Content बनाते हैं! तो यह सुनिश्चित करें कि आपकी Information Accurate और Fact-Based हो।
  • Outbound Links: जहाँ ज़रूरी हो, वहां Authoritative Websites (जैसे Wikipedia, Govt. Sites) को Link करें।

6. Regular Content Audit करें

यह एक ऐसी Practice है, जो SEO के लिए बहुत जरूरी है। इसीलिए अपने कॉन्टेंट को लगातार अपडेट करते रहें। इसके लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करें :-

  • Content को Update करें: समय-समय पर (साल में कम से कम एक बार) अपने पुराने Content को Update करते रहें।
  • Outdated Information को सही करें: समय के साथ कुछ सूचनाऐं बदल जाती हैं। और पुरानी (Outdated) हो जाती है। इसीलिए नए तथ्य जोड़ें। और जहां जरूरी हो, वहां Images Update करें।
  • Website Maintained रखें: अगर आप अपनी वेबसाइट को लगातार Update करते रहेंगे! तो Google को लगेगा कि आपकी Website Active और Well Maintained है।

Panda Penalty लग गई, क्या करें?

अगर आपको लगता है कि आपकी Website Panda Penalty की शिकार हो चुकी है। तो घबराएं नहीं। क्योंकि Panda Penalty Reverse की जा सकती है। इसीलिए अगर आपने वेबसाइट के Traffic में अचानक गिरावट देखी है! तो इन Steps को Follow करें :-

  • पहले Confirm करें: Google Search Console के “Manual Actions” सेक्शन में जाकर Check करें। और पता लगाएं कि कोई Manual Penalty तो नहीं है। (Panda ज़्यादातर Automatic है, लेकिन Check करना ज़रूरी है)।
  • Site Audit करें: Semrush, Ahrefs, Screaming Frog जैसे टूल्स की मदद से Full Site Audit करें।
  • Identify Problems: अपनी वेबसाइट पर मौजूद Low-Quality Content, Duplicate Content और Thin Content वाले Pages को ढूंढें।
  • Problems Fix करें: ऊपर दिए गए सभी Steps Follow करते हुए Problems को Fix करें।
  • Disavow Tool (अंतिम उपाय): अगर आपको लगता है कि Low-Quality Backlinks की वजह से भी Issue है! तो Google Disavow Tool का उपयोग करें। और सभी Low-Quality Backlinks को हटाएं।

Google Panda Update : सारांश

Google Panda Update ने SEO की दुनिया को हमेशा के लिए बदल दिया। अब केवल SEO Tricks से वेबसाइट को टॉप पर लाना आसान नहीं है। असली जीत हमेशा उन वेबसाइट्स की होगी, जो अपने यूजर्स के लिए Valuable, Relevant और High-Quality Content पब्लिश करती हैं। अगर आप SEO में लंबी रेस दौड़ना चाहते हैं, तो Panda Update के नियमों को समझकर अपनी वेबसाइट को Optimize करना ज़रूरी है।

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उम्मीद है, इस आर्टिकल के जरिए आपको Google Panda Update Kya Hai? कैसे काम करता है? किन वेबसाइट्स को नुकसान पहुंचाता है? और कान Websites के लिए फायदेमंद है? साथ ही Google Panda Penalty से कैसे बचें? और अगर Penalty मिल जाए, तो वापिस Recover कैसे करें? इं तमाम सवालों का जवाब मिल गया होगा। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर कीजिए। और ऐसे ही और आर्टिकल्स के लिए टेकसेवी डॉट कॉम को सब्सक्राइब कर लीजिए। ताकि नया आर्टिकल पब्लिश होते ही आपको नोटिफिकेशन मिल जाए। Happy Tearchers Day!

Google Panda Update : प्रश्नोत्तरी

1. Google Panda Update कब लॉन्च हुआ था?

उत्तर: Google Panda Update पहली बार फरवरी 2011 में लॉन्च किया गया था। इसका मकसद Low Quality Content को फ़िल्टर करना और बेहतरीन वेबसाइट्स को टॉप पर लाना था।

2. Google Panda Update का नाम “Panda” क्यों रखा गया?

उत्तर: इसका नाम Google इंजीनियर Navneet Panda के नाम पर रखा गया, जिन्होंने इस Algorithm को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

3. Panda Update से सबसे ज्यादा किस तरह की वेबसाइट्स प्रभावित हुईं?

उत्तर: Duplicate Content, Keyword Stuffing, Thin Content और Content Farms जैसी साइट्स को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।

4. Panda Update से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर: Original, Informative और User-Friendly Content लिखना चाहिए। साथ ही Keyword Stuffing से बचना चाहिए। और Content को Natural तरीके से Optimize करना चाहिए।

5. क्या Panda Update अभी भी लागू है?

उत्तर: हाँ, Panda Update अब Google के Core Algorithm का हिस्सा है। यानी यह हमेशा SEO और Ranking पर असर डालता है।

6. Panda Update और Penguin Update में क्या फर्क है?

उत्तर: Panda Update मुख्य रूप से Content Quality पर ध्यान देता है। जबकि Penguin Update का ध्यान Backlink Quality पर होता है।

7. Panda Update से वेबसाइट की रैंकिंग गिर जाए तो क्या करें?

उत्तर: वेबसाइट रिकवरी के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करें:-

  • वेबसाइट को Audit करें।
  • Duplicate और Thin Content हटाएँ।
  • High-Quality और Value-Based Content जोड़ें।
  • धीरे-धीरे Ranking Recover हो जाएगी।

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