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Nomophobia क्या है? परिभाषा, पहचान, लक्षण, बचाव

Nomophobia

आज हम स्मार्टफोन के इस्तेमाल से होने वाली एक भयंकर मानसिक बीमारी Nomophobia (नोमोफोबिया) के बारे में बात करेंगे। अगर आप भी एक स्मार्टफोन यूजर हैं। और इस बीमारी से बचना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी मददगार साबित होगा। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि नोमोफोबिया क्या है? यह क्यों और कैसे होता है? इसके लक्षण क्या हैं? इसके नुकसान क्या हैं? और इससे छुटकारा कैसे पाया जा सकता है? तो इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए।

What is Nomophobia?

दरअसल, आजकल Smartphone हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। और देखा जाए तो यह जरूरी भी है। क्योंकि रोजमर्रा के कामों में स्मार्टफोन हमारी काफी मदद करता है। मनोरंजन से लेकर सूचनाओं का आदान-प्रदान करने और इंटरनेट सर्फिंग से लेकर Intrnet Banking तक हर काम में स्मार्टफोन हमारी मदद करता है। इसलिए यह हमारी जरूरत बन गया है। और हम चाहकर भी इसका इस्तेमाल किए बिना नहीं रह सकते। यहाँ तक तो फिर भी ठीक है।

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लेकिन दिक्कत तो तब शुरू होती है जब इसी Smartphone का इस्तेमाल करना हमारी ‘आदत’ बन जाती है। या कह लीजिए कि हमें इसकी ‘लत’ लग जाती है। और हम अपने स्मार्टफोन के गुलाम बन जाते हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति एक पल भी बिना Phone के नहीं रह पाता है। और फोन, पास न होने पर बैचेन हो उठता है। इसी मनःस्थिति को Nomophobia कहा जाता है।

Nomophobia Meaning

Nomophobia का अर्थ है No Mobile Phobia (नो मोबाइल फोबिया) अर्थात मोबाइल नहीं होने का डर। यह एक तरह का Phobia है जिसमें व्यक्ति को फोन, पास न होने का डर लगता है। उसे हमेशा इस बात का डर लगा रहता है कि कहीं उसका Phone उससे दूर न हो जाए। फोन, पास न होने पर वह बैचेन हो उठता है। और उसे घबराहट होने लगती है। नोमोफोबिया से ग्रसित व्यक्ति को Nomophob (नोमोफोब) कहा जाता है।

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आजकल युवाओं में Smartphone की लत (Phone Addiction) बढ़ती जा रही है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार स्मार्टफोन की लत, नशे की लत से भी ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि यह व्यक्ति को शरीर के साथ-साथ दिमागी रूप से भी कमजोर कर देती है। इसलिए जितना जल्दी हो सके, इस लत को पहचानिए और इससे बाहर आने का प्रयास कीजिए।

Symptoms of Nomophobia

नोमोफोबिया के Symptoms को लेकर सभी मनोवैज्ञानिक एकमत नहीं हैं। कई मनोवैज्ञानिक इसे नशे की लत से भी ज्यादा खतरनाक मानते हैं वहीं कुछ मनौवैज्ञानिक इसे एक भय और मनो-विकार का नाम देते हैं। लेकिन फिर भी कुछ सामान्य लक्षण हैं जिनकी मदद से आप ‘नोमोफोबिया’ से ग्रसित व्यक्ति की पहचान कर सकते हैं। ये हैं Symptoms of Nomophobia यानि कि नोमोफोबिया के लक्षण :-

  • लगातार 5 मिनट भी Phone चेक बिना न रह पाना।
  • फोन की Battery खत्म होने पर घबराहट महसूस करना।
  • फोन के बगैर रहने पर बैचेन हो उठना।
  • रिंगटोन बजते ही नोटिफिकेशन चेक करने के लिए अधीर हो उठना।
  • इंटरनेट/नेटवर्क कवरेज न होने पर बैचेन हो उठना।
  • फोन के खोने अथवा घर पर छूट जाने का डर।
  • चिंता, थकान और स्वभाव में चिड़चिड़ापन।

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अगर आप अपने Smartphone का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो आप भी Nomophobia के शिकार हो सकते हैं। संतुष्टि के लिए आप ऊपर बताये गए Symptoms के आधार पर खुद का मूल्यांकन कर यह पता लगा सकते हैं कि आप नोमोफोबिया के शिकार हैं या नहीं। अगर आप नोमोफोबिया के शिकार बन चुकें हैं तो आपको जल्द से जल्द इसका Treatment (ईलाज) शुरू कर देना चाहिए। क्योंक समय रहते अगर इसका ईलाज नहीं किया गया तो आपको आगे चलकर इसके भयंकर दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।

नोमोफोबिया के नुकसान

वैस तो नोमोफोबिया एक मानसिक बीमारी है लेकिन यह व्यक्ति को सिर्फ मानसिक रूप से ही नहीं, बल्कि शारीरिक रूप से भी प्रभावित करती है। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि स्मार्टफोन की लत से व्यक्ति शारीरिक रूप से नाकारा और मानसिक रूप से विक्षिप्त भी हो सकता है। ये हैं Nomophobia से होने वाले नुकसान…

  • मानसिक तनाव
  • याददाश्त की कमजोरी
  • एकाग्रता में कमी
  • मस्तिष्क की निष्क्रियता
  • चिड़चिड़ापन
  • थकान
  • आँखों का विजन खराब होना
  • नजर कमजोर होना
  • अनिद्रा (नींद नहीं आना)
  • आलस्य
  • किसी भी काम में मन न लगना
  • गर्दन व रीढ़ की हड्डी में दर्द होना
  • चिंता, बैचेनी व घबराहट होना
  • आँखों में दर्द/सूजन/पानी आना
  • सिर दर्द होना

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इसके अलावा व्यक्ति को सामाजिक व पारिवारिक जीवन में भी कई समस्याओं का सामाना करना पड़ता है। परिवार को पर्याप्त समय न दे पाना, चीजें भूल जाना, आमने-सामने बैठे होने पर भी बात न करना, आए दिन झगड़े होना, परिवार में कलह व अशांति और संबंध-विच्छेद जैसी बहुत-सी समस्याओं के मूल में कहीं न कहीं स्मार्टफोन की बहुत बड़ी भूमिका है। Smartphone का आविष्कार मानव जाति की भलाई के लिए हुआ है। यह हमारी सुविधा के लिए है। स्मार्टफोन का इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से करना चाहिए लेकिन हम इसके गुलाम बन चुके हैं।

Treatment of Nomophobia

दरअसल, नोमोफोबिया शारीरिक बीमारी न होकर एक ‘मानसिक बीमारी’ है। इसलिए इससे निजात पाने के लिए आपको दवाईयों की नहीं, बल्कि दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है। आपकी इच्छाशक्ति ही आपको इस अवस्था से बाहर निकाल सकती है। अगर देखा जाए नोमोफोबिया का उपचार (Treatment of Nomophobia) काफी सस्ता और आसान है। लेकिन अगर आपका अपने मन पर नियंत्रण नहीं है या आपकी इच्छाशक्ति कमजोर है। तो आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। फिर भी अगर आप नीचे दिए बिन्दुओं को पूरी ईमानदारी के साथ Follow करेंगे तो आप Nomophobia से पीछा छुड़ाने में जरूर कामयाब होंगे।

1. फोन से दूरी बनाऐं

सबसे पहले अपने फोन से दूरी बनाऐं। यानि कि जितना हो सके, अपने Phone से दूर रहने का प्रयास करें। हालांकि शुरुआत में थोड़ी दिक्कत होती है। लेकिन धीरे-धीरे इसकी आदत हो जाएगी। और आपको काफी अच्छा महसूस होगा। हालांकि एकदम-से ऐसा नहीं करना संभव नहीं है। क्योंकि किसी भी Addiction को छोड़ने में समय लगता है। इसीलिए शुरुआत में आप सिर्फ 5-10 मिनट से शुरू कर सकते हैं। और धीरे-धीरे समय बढ़ा सकते हैं। जितनी देर आप फोन से दूर रहेंगे, उतना अच्छा।

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2. बुजुर्गों से बातचित करें

यह एक ऐसा तरीका है, जिससे न सिर्फ आप अपने फोन से दूर रह पाऐंगे। बल्कि नई-नई बातें भी सीख पाऐंगे। हालांकि बुजुर्गों के पास जिन्दगी भले ही कम होती हो। लेकिन ज्ञान, अनुभव और समय बहुत होता है। इसीलिए अपने घर-परिवार अथवा आस-पड़ोस के बुजुर्गों के साथ बातचित करें। और उनके अनुभवों से सीखने की कोशिश करें। आमतौर पर बुजुर्ग लोग Smartphone इस्तेमाल नहीं करते। इसीलिए उनके पास बातचित करने के लिए काफी समय होता है।

3.परिवार साथ समय बिताऐं

आजकल स्मार्टफोन की वजह से व्यक्ति अपने परिवार को समय नहीं दे पाता। यहाँ तक खाने की टेबल पर भी आदमी फोन में खोया रहता है। इसीलिए रिश्तों में अनबन और पारिवारिक कलह जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। और इन सबके मूल में स्मार्टफोन का बहुत बड़ा हाथ है। इसीलिए अपने माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी अथवा बच्चों के साथ खूब सारा समय बिताऐं। और उनके साथ ढ़ेर-सारी बातें करें। इससे न सिर्फ आप खुद अपने फोन से दूर रहेंगे। बल्कि अपने परिवार को भी स्मार्टफोन की लत से दूर रख पाऐंगे।

4. सुबह-शाम टहलने जाऐं

रोज सुबह-शाम टहलने जाऐं। और हो सके तो फोन को घर पर छोड़कर जाऐं। ताकि आपका सारा ध्यान अपने आस-पास की चीजों पर रहे। और आप हरेक चीज को महसूस कर सकें। इस दौरान अगर कोई जान-पहचान वाला मिलता है, तो उससे बातें जरूर करें। इससे आपका समय काफी अच्छा बीतेगा। और आपको फोन की याद नहीं आएगी।

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अगर आप रोज आधा-आधा घंटा भी टहलने जाऐंगे तो आपको काफी सकारात्मक Results देखने को मिलेंगे। इस दौरान आप न सिर्फ फोन से दूर रहेंगे, बल्कि स्वस्थ भी रहेंगे। साथ ही आपका मन प्रसन्न रहेगा। शरीर में स्फूर्ति रहेगी। काम में मन लगेगा। आलस्य दूर भागेगा। और खुद को तरोताजा महसूस करेंगे। यानि कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी आपको काफी लाभ होगा।

5. अखबार व पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ें

अपनी पसंद की किताबें व पत्र-पत्रिकाएं जरूर पढ़ें। साथ ही रोज कम से कम एक घंटा अखबार जरूर पढें। इससे न सिर्फ आपको देश-दुनिया की खबरें जानने को मिलेंगी। बल्कि आपका General Knowledge भी बढ़ेगा। साथ ही आपकी आँखों को बहुत फायदा होगा। क्योंकि कागज से Blue Light नहीं निकलती। इसीलिए Newspapers और Magazines जरूर पढ़ें।

6. Phone के बारे में न सोचें

अगर आप हर वक्त फोन के बारे में सोचते रहेंगे तो फोन से दूर रहना काफी मुश्किल होगा। क्योंकि बार-बार फोन यूज करने का मन करेगा। इसीलिए Phone के बारे में बिल्कुल न सोचें। जब भी फोन का ख़याल आए, तो किसी और चीज के बारे में सोचना शुरू कर दें। जैसे कि अपने बचपन के बारे में या स्कूल के दिनों की किसी घटना के बारे में सोचें। इससे आपका ध्यान फोन से हट जाएगा।

7. Notification Mute कर दें

हर स्मार्टफोन यूजर अपने फोन में ढ़ेर सारी Apps यूज करता है। लेकिन सारी Apps Important नहीं होती। कुछ ऐप्स ऐसी भी होती हैं, जो सिर्फ एकाध बार काम आती हैं। और फिर यूँ ही फोन में पड़े-पड़े नोटिफिकेशन्स भेजती रहती हैं। लेकिन अगर आप चाहें तो ऐसी ऐप्स को Uninstall कर सकते हैं। साथ ही जो ऐप्स ज्यादा जरूरी नहीं हैं, उन्हें म्यूट कर सकते हैं।

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खासकर जब आप कोई काम कर रहे हों या कोई मैगजीन वगैरह पढ़ रहे हों। तो Notifications को म्यूट कर दें। ताकि बार-बार आपका ध्यान न भटके। अगर आप गैर-जरूरी नोटिफिकेशन्स को स्थायी रूप से बंद कर दें तो और भी अच्छा होगा। इसके लिए एप्प की Settings में Notification को Disable करने का ऑप्शन होता है

8. खुद को व्यस्त रखें

एक कहावत है कि ‘खाली दिमाग शैतान का घर होता है।’ इसीलिए दिमाग को कभी भी खाली नहीं छोड़ना चाहिए। हमेशा किसी न किसी काम में उलझाए रखना चाहिए। ताकि वह बेमतलब की चीजों के बारे में न सोच सके। इसी तरह अगर आप भी खाली बैठे रहेंगे तो बार-बार फोन यूज करने का मन करेगा। लेकिन अगर आप कुछ न कुछ करते रहेंगे, तो दिमाग उसी में उलझा रहेगा। और उसे फोन की याद नहीं आएगी। इसीलिए खुद को व्यस्त रखें।

9. अपनी पसंद के खेल खेलें

खेल का नाम सुनकर आपको PUBG और Fortnight की याद आ रही होगी। लेकिन मैं Online Games की बात नहीं कर रहा। बल्कि मैं फिजिकल खेलों की बात कर रहा हूँ। जैसे कि खो-खो, कबड्डी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, क्रिकेट आदि। अगर संभव हो, तो शाम को घंटा भर Outdoor Games जरूर खेलें। जैसे कि क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल आदि। इससे आप Physically Fit रहेंगे। और फोन से भी दूर रहेंगे। वैसे अगर खेलने के लिए जगह नहीं है तो आप Indoor Games भी खेल सकते हैं। जैसे कि Chess, Ludo, Puzzles आदि।

10. योग (Yoga) करें

अगर आपका मन शांत नहीं रहता। बार-बार ध्यान भटक जाता है। एकाग्रता की कमी महसूस हो रही है। तो Yoga जरूर करें। क्योंकि मन की शांति के लिए Yoga बहुत जरूरी है। योग की मदद से आप अपने Mind को Control कर सकते हैं। और लम्बे समय तक ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं। इसीलिए ज्यादा नहीं तो कम से कम 10-15 मिनट योग व ध्यान जरूर करें। हफ्ते भर के अंदर आपको खुद में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

Nomophobia पर जीत

आप जितना अपने मन को नियंत्रण में रखेंगे, आपको उतना ही फायदा होगा और आप जल्दी ठीक होंगे। क्योंकि “मन के हारे हार हैं, मन के जीते जीत।” अगर आप मन में जीतने की ठान लेंगे तो नोमोफोबिया से जरूर जीतेंगे। फिर भी अगर आपका हौंसला कमजोर पड़े, तकलीफ हो, घबराहट या बैचेनी महसूस हो या आपको लगे कि बिना मदद के आप यह नहीं कर पाएंगे तो आप किसी अच्छे ‘मनोचिकित्सक’ से सलाह और सहायता ले सकते हैं।

उम्मीद है! इस आर्टिकल के जरिए आपको Nomophobia Kya Hai और इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है? इस विषय में काफी उपयोगी जानकारी मिली होगी। अगर अब भी इस टॉपिक को लेकर आपके मन में कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया तो इसे Like और Share कीजिए। और ऐसे ही और ज्ञानवर्धक आर्टिकल्स के लिए टेकसेवी डॉट कॉम को Subscribe कर लीजिए। ताकि जब भी कोई नया आर्टिकल प्रकाशित हो, तो आपको सूचना मिल जाए।

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