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Google Penguin Update क्या है? इससे कैसे बचें?

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गूगल अपने सर्च रिजल्ट्स को बेहतर बनाने और Users को “सर्वश्रेष्ठ खोज परिणाम” दिखाने के लिए अपने Algorithm को लगातार Update करता रहता है। और ऐसा ही एक अपडेट 2012 में रिलीज किया था! जिसे Penguin Update के नाम से जाना जाता है। इस अपडेट ने बहुत-सी वेबसाइट्स को रातों-रात Search Results से गायब कर दिया था। और कई वेबसाइट्स तो हमेशा के लिए बंद हो गई। लेकिन क्यों? आखिर यह पेंगुइन अपडेट है क्या? What is Google Penguin Update? और काम कैसे करता है? साथ ही Penguin Penalty क्या है? और इससे कैसे बचें? आइए, विस्तार से जानते हैं।

Google Penguin Update 

जरा सोचिए कि आप किसी Topic पर अच्छे-से Research करके एक लम्बा-सा, Detailed और जानकारी से भरपूर Article लिखें। और आपका आर्टिकल Google Search Results में 100वें स्थान पर Rank करे। जबकि उसी Topic पर एक दूसरे Blog का आर्टिकल, जिसमें न कोई जानकारी है, न क्वालिटी और न ही शब्द (सिर्फ 250 शब्द) हैं। लेकिन फिर भी वह #1 Rank करे, तो आपको कैसा लगेगा? जाहिर-सी बात है, बुरा ही लगेगा। और यही इस अपडेट को Launch करने की सबसे बड़ी वजह थी। क्योंकि 2012 से पहले यह आम बात थी।

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दरअसल उस वक्त Google Search Engine Algorithm इतना Advanced नहीं था। और Backlinks की Quality को लेकर कोई Strict Rule भी नहीं था। इसीलिए बहुत-से वेबसाइट मालिक Black Hat SEO Practices के जरिए आसानी से Top Ranking हासिल कर लेते थे। जबकि Quality Content वाली वेबसाइट्स (यहां तक कि .edu और .gov वेबसाइट्स) भी इनके नीचे कहीं दबकर रह जाती थी। इसीलिए Google को Penguin Update लाना पड़ा।

Google Penguin Update क्या है?

गूगल पेंगुइन अपडेट, Google का एक पॉपुलर Algorithm Update है! जो उन वेबसाइट्स को टारगेट करता है, जो अपनी Search Engine Ranking बढ़ाने के लिए Unnatural और Spammy Link Building Practices का इस्तेमाल करती हैं। जैसे कि Paid Links, Bulk Link Building, Link Exchange Schemes, Link Farming आदि। इस अपडेट ने खासकर उन वेबसाइट्स को Penalize किया, जो Keyword Stuffing, Low-Quality Backlinks और Black Hat SEO Techniques का सहारा ले रही थीं।

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गूगल Penguin Update को अप्रैल 2012 में लॉन्च किया गया था। और इस अपडेट के जरिए Google ने Webmasters को साफ संदेश दे दिया कि अब से Google Search Results में सिर्फ उन्हीं Websites को Priority मिलेगी, जो Natural Backlinks पर फोकस करेंगी। Penguin Update का असर यह हुआ कि कई बड़ी वेबसाइट्स, जो पहले Black Hat SEO Techniques के दम पर टॉप पोज़िशन पर थीं! अचानक-से Ranking में नीचे चली गई।

Google Penguin Update क्यों?

दरअसल Google Penguin Update लॉन्च करने का मुख्य कारण Internet पर बढ़ते Web Spam और Unnatural Link Building को रोकना था। उस समय बहुत सी वेबसाइट्स केवल Backlinks खरीदकर और Link Networks का हिस्सा बनकर Top Ranking हासिल कर लेती थीं। और जो यूजर, गूगल पर कुछ जानकारी लेने आता था! वह इन वेबसाइट्स के मकड़जाल में उलझकर रह जाता था। परन्तु उसे सही इन्फोर्मेशन कहीं नहीं मिलती थी।

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इसलिए Google Penguin Update को डिजाइन किया गया। क्योंकि गूगल चाहता था कि वह अपने यूजर्स को सही और प्रामाणिक जानकारी दे। न कि उन साइट्स को Promote करे! जो पैसे खर्च करके Link Schemes से ऊपर आ गई हैं। मगर न तो Users को कोई Information दे रही हैं और न ही Value. ऐसे में Search Results की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए गूगल ने यह कदम उठाया।

Penguin Update कैसे काम करता है?

अब सवाल यह है कि गूगल पेंगुइन अपडेट काम कैसे करता है? How does google penguin update work? तो यह मुख्यत: Backlink Profile और On-Page SEO Optimization पर फोकस करता है। जब भी Google किसी वेबसाइट को Crawl करता है! तो वह यह Check करता है कि उस वेबसाइट पर आने वाले Backlinks Natural हैं या Paid (खरीदे गए/फर्जी)।

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उदाहरण के लिए, अगर किसी फूड ब्लॉग पर अचानक-से किसी Tech Blog से हजारों बैकलिंक्स आने लगें! तो यह एक Natural Pattern नहीं है। और Google Penguin Update ऐसे Unnatural Patterns को पकड़कर साइट की Ranking गिरा देता है। इसके अलावा, यह Update Keyword Density पर भी नज़र रखता है। अगर कोई वेबसाइट अपने Content में एक ही Keyword का हद से ज्यादा उपयोग करती है! तो वह भी Penalize हो सकती है।

Google Penguin Update के बाद SEO

जब मैंने 2010 में अपना पहला Blog बनाया था! तो उस समय बहुत-सी Link Exchange वेबसाइट्स हुआ करती थी। जो “लिंक्स दे, लिंक ले” वाले सिद्धांत पर काम करती थी। लेकिन Google Penguin Update के बाद SEO Industry में बड़ा बदलाव आया। और पहले जहां बैकलिंक खरीदना और Link Exchange करना एक आम Practice थी। वहीं अब वेबसाइट्स को क्वालिटी पर फोकस करना जरूरी हो गया। और इसके निम्नलिखित कारण थे :-

  • जिन वेबसाइट्स के पास Low-Quality Backlinks थे, उनकी Ranking गिर गई।
  • Content Marketing और Guest Blogging जैसे नैचुरल तरीकों की डिमांड बढ़ी।
  • SEO Experts को Ethical Link Building Strategies अपनानी पड़ीं।
  • Black Hat SEO Techniques लगभग खत्म होने लगीं।
  • इस अपडेट ने Long-Term में SEO को सही दिशा दी। और Websites को मजबूर किया कि वे केवल Users के लिए काम करें। न कि Search Engines को धोखा देने के लिए।

Penguin Penalty से कैसे बचें?

जो वेबसाइट्स गूगल की Link Building Guidelines का उल्लंघन करती हैं, उन्हें गूगल Penguin Penalty से दंडित करता है। जिससे उनकी Ranking गिर जाती है। और वेबसाइट Search Results में दिखना कम हो जाती है। इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि आपकी वेबसाइट को कभी भी Google Penguin Penalty ना मिले! तो इन Steps को Follow करें :-

1. Quality & Relevance पर ध्यान दें

एक स्वस्थ Link Profile का आधार यह है कि उसके सभी लिंक उच्च-गुणवत्ता, विश्वसनीय और Niche से Related वेबसाइटों से आएं। एक Authoritative और Relevant Website से मिलने वाला एक लिंक, सैंकडों Low-quality और Spammy Links से कहीं ज्यादा मूल्यवान होता है। इसीलिए हमेशा Quality Backlinks पर फोकस करें, न कि बैकलिंक्स की संख्या पर।

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क्योंकि Google के अनुसार “अच्छा कॉन्टेंट स्वाभाविक रूप से Links को आकर्षित करता है।” यानि कि अगर आप Informative, Original और Valuable Content बनाएंगे, तो Reputable Sites खुद-ब-खुद आपके कॉन्टेंट को Naturally Link करेगी। इसलिए Manipulative तरीकों से बैकलिंक्स बनाने के बजाय अच्छा कॉन्टेंट बनाने पर ध्यान दें।

2. Anchor Text में सुधार करें

ऐंकर टेक्स्ट, लिंक का वह हिस्सा होता है, जिस पर आप क्लिक करते हैं। Penguin Update Over Optimized Anchor Text पर कड़ी नजर रखता है। यदि आपके अधिकांश Backlinks का ऐंकर टेक्स्ट सिर्फ आपका Commercial Keyword (जैसे “सस्ते जूते”) है! तो यह Google को एक स्पष्ट संकेत देता है कि आपके लिंक्स प्राकृतिक (Natural) नहीं हैं। बल्कि Manipulate किए गए हैं। इसीलिए हमेशा Same Anchor Texts का प्रयोग न करें।

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एक Natural Link Profile में ऐंकर टेक्स्ट का एक स्वाभाविक मिश्रण होना चाहिए। और इस मिश्रण में निम्नलिखित चीजें होनी चाहिए :-

  • ब्रांड का नाम (जैसे कि “Nike”)
  • वेबसाइट का URL (जैसे कि “www.techsevi.com”)
  • Generic Text (जैसे “यहाँ क्लिक करें”, “इस वेबसाइट पर जाएँ”), और
  • केवल एक छोटा प्रतिशत ही Exact-Match Keyword Anchors का होना चाहिए।

3. Black-Hat Techniques से बचें

गूगल के Webmaster Guidelines में ऐसे तरीकों को निषिद्ध किया गया है! जो पेजरैंक बढ़ाने के लिए Link Profile को Artificial रूप से Manipulate करते हैं। इनमें Paid Links (पैसे देकर लिंक खरीदना), Link Exchange (“तुम मुझे लिंक दो, मैं तुम्हें लिंक दूंगा”), Automated Link Building Tools, और लॉ-क्वालिटी डायरेक्टरी सबमिशन शामिल हैं।

इसके अलावा सबसे बड़ा जोखिम Private Blog Networks (PBNs) का उपयोग है। PBNs पुराने, खरीदे गए Domains का एक नेटवर्क होता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य Link Juice पास करना होता है। अब Google का AI (Artificial Intelligence) इन्हें आसानी से पहचान लेता है। और पूरे नेटवर्क को Penalize कर देता है।

4. Regular Backlink Audits करें

सिर्फ Quality Backlinks बनाना ही काफी नहीं है। बल्कि यह जानना भी जरूरी है कि आपकी साइट कहाँ-कहाँ से लिंक हो रही है। क्योंकि कई बार आपके Competitors और Bad Actors आपकी वेबसाइट को नुकसान पहुँचाने के लिए जानबूझकर Spammy Links बना देते हैं! जिससे आपकी वेबसाइट को Penguin Penalty मिल सकती है। और वेबसाइट की Ranking गिर सकती है। SEO की भाषा में इसे Negative SEO कहा जाता है।

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इसीलिए नियमित रूप से अपनी Backlink Profile की जांच (Audit) करें। इसके लिए आप Semrush, Ahrefs और Moz जैसे Professional Tools का उपयोग कर सकते हैं। इस ऑडिट का उद्देश्य Harmful, Spammy और Low-quality Links की पहचान करना है। ताकि उन्हें Disavow किया जा सके।

5. Disavow Tool का उपयोग करें

यदि ऑडिट के दौरान आपको Spammy, Low-quality और Suspicious Websites के लिंक मिलते हैं! जिन्हें हटाना संभव नहीं है, तो आप Google के Disavow Tool का उपयोग कर सकते हैं। यह टूल Google को ऐसे ही Specific Bad Links और Domains को अनदेखा करने का निर्देश देता है।

मगर, इस Tool का उपयोग अत्यंत सावधानी से करें। क्योंकि गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर आप अपने Good Links को भी नकार सकते हैं। और इससे आपकी रैंकिंग गिर सकती है। इसीलिए Disavow Tool का उपयोग केवल तभी करें, जब आपके पास एक Significant Number of Toxic Links हों। और आपने पहले उन्हें Manually हटाने का प्रयास (Email भेजकर) किया हो। और विफल रहे हों।

6. Naturally & Ethically लिंक बनाएं

अपने कॉन्टेंट और रिश्तों को लेकर ऐसी रणनीति बनाएं, जो स्वाभाविक रूप से लिंक आकर्षित करे। Guest Blogging हमेशा उच्च-गुणवत्ता वाली और Relevant Websites पर ही करें। लेकिन Guest Post सिर्फ लिंक के लिए नहीं, बल्कि यूजर्स को Value प्रोवाइड करने के लिए लिखें। साथ ही Broken Link Building जैसी Ethical Techniques का उपयोग करें। इसके अलावा Industry Influencers के साथ जुड़ें। और उन्हें अपनी उपयोगी सामग्री के बारे में बताएं।

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अगर किसी Blog या Website ने अपने किसी लेख में आपके Brand का उल्लेख किया है! तो उससे Contact करें और अपनी Website का सही लिंक जोड़ने का आग्रह करें। इससे आपको एक Natural Brand Mention लिंक मिल जाएगा। मगर याद रखें, Link Building एक मैराथन है। न कि एक स्प्रिंट। इसीलिए हमेशा लगे रहें। क्योंकि धैर्य और Consistency ही सफलता की कुंजी है।

Penguin Penalty मिल गई, क्या करूं?

अब सवाल यह है कि अगर वेबसाइट Penguin Penalty का शिकार हो गई, तो क्या करें? इसे कैसे हटाएं? और जो Search Ranking गिर गई, उसे कैसे Recover करें? How to recover from penguin penalty? तो इसके लिए आपको ये Steps फॉलो करने चाहिए :-

1. Penguin Penalty की पुष्टि करें

पेंगुइन पेनल्टी एक Algorithmic Penalty है। इसलिए Google Search Console में आपको मैनुअल एक्शन की सूचना नहीं मिलेगी। इसकी पहचान के लिए, अपने Google Analytics और Search Console डेटा का विश्लेषण करें। अगर आपके Organic Traffic या Ranking में अचानक और Significant गिरावट आई है। और वह भी किसी ज्ञात Penguin Update की तारीख के आस-पास, तो संभावना है कि आपकी साइट प्रभावित हुई है।

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इसके लिए आप SEMrush जैसे टूल्स की मदद से SERP Volatility और अपने Keyword Ranking में हुए बदलाव को ट्रैक कर सकते हैं । ध्यान रखें, Traffic में गिरावट के अन्य कारण भी हो सकते हैं। जैसे कि Seasonality, Technical Issues आदि। इसलिए पहले उन्हें भी Check कर लें।

2. Full Backlink Audit करें

पेनल्टी से रिकवरी की शुरुआत एक संपूर्ण और ईमानदार बैकलिंक ऑडिट से होती है। Ahrefs, Semrush और Majestic जैसे टूल्स का इस्तेमाल करके अपनी वेबसाइट की सभी Backlinks की List डाउनलोड करें। और इन लिंक्स का Analysis करते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें:

  • Link Quality: ऐसे लिंक्स जो Spammy, Low-Authority वाली साइट्स से आ रहे हैं! और जिनका आपकी साइट के Content से कोई Relevance नहीं है। या जो Clearly Manipulative हैं। (जैसे कि Article Directories, Comment Spam, Link Farms आदि)। 
  • Anchor Texts: ओवर-ऑप्टिमाइज़्ड एंकर टेक्स्ट (जैसे कि Exact-Match Keywords का अत्यधिक उपयोग) Penguin Penalty का एक प्रमुख Trigger Point है। इसीलिए लिंक्स को ‘Good’, ‘Bad’ और ‘Risky’ – इन तीन Categories में बाँट लें।

3. Toxic Links को Disavow करें

बैकलिंक ऑडिट के बाद Unnatural Links को हटाने की प्रक्रिया शुरू करें। लेकिन पहले मैनुअल तरीके का इस्तेमाल करें। अर्थात् सबसे पहले उन वेबसाइट मालिकों से संपर्क करें! जहाँ से Spammy Links आ रहे हैं। और उनसे लिंक हटाने का अनुरोध करें। यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया है। लेकिन बहुत ज़रूरी है।

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लेकिन जिन लिंक्स को आप किसी भी तरीके-से नहीं हटा पा रहे हैं, उनके लिए Disavow Tool का इस्तेमाल करें। इससे Google को संकेत मिलता है कि आप उन लिंक्स से जुड़े Ranking Benefits नहीं लेना चाहते। Disavow File एक टेक्स्ट फाइल (.txt) होती है। और इसे Google Search Console में जमा करना होता है। इस Step को बहुत ही सावधानी से Handle करें। क्योंकि गलत तरीके से बनाई गई Disavow File आपकी साइट को नुकसान पहुँचा सकती है।

4. Natural Link Building करें

अब Penguin गूगल के Core Algorithm का हिस्सा है। और 24×7 Real-Time काम करता है। इसीलिए अच्छे और Natural Link बनाने पर फोकस करें। और केवल White-hat SEO Techniques का ही इस्तेमाल करें। इसके लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करें :-

  • Value-Added Content बनाएं: हमेशा यूजर्स के उपयोगी, Informative, Engaging Content बनाएं। ताकि लोग Naturally Link करना चाहें।
  • Outreach और Relationship Building: अपनी इंडस्ट्री के Influencers, Bloggers और Website Owners के साथ अच्छा रिश्ता बनाएं। और उन्हें अपना बेहतरीन Content दिखाएं। इससे Natural तरीके से लिंक मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
  • Brand Mentions: अपने Brand Name को प्रमोट करें। Natural Brand Mentions (बिना लिंक के) भी आपकी Visibility बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।

5. Content को Update करते रहें

कई बार Penguin Content Quality और User Experience से भी जुड़ा होता है। ऐसे में आपकी वेबसाइट का Content Original, High-Quality और User-Friendly होना चाहिए। और सबसे जरूरी चीज, आपका Content Updated होना चाहिए। इसके लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करें :-

  • Duplicate Content ठीक करें: अपनी साइट के सभी पेजों की जाँच करें। और किसी भी तरह के Duplicate, Thin या Low-Value Content को Improve करें या फिर हटा दें।
  • Keyword Stuffing से बचें: Content Naturally लिखें। और कीवर्ड्स का जबरदस्ती इस्तेमाल न करें। Keyword Density Natural होनी चाहिए।
  • Regular Monitoring करें: बैकलिंक प्रोफाइल को नियमित रूप से Monitor करते रहें। ताकि भविष्य में फिर से स्पैमी लिंक्स न जुड़ पाएँ। साथ ही Google Search Console और Third-Party SEO Tools का इस्तेमाल करके अपनी Site’s Health पर नज़र बनाए रखें।

Penguin Penalty से Recovery

चूंकि Penguin 4.0 के बाद से, यह Google के Core Algorithm का Real-Time Part है। इसीलिए जैसे ही आप सुधार करते हैं। और Google आपकी साइट को फिर से Crawl करता है। वैसे ही Recovery के संकेत दिखना शुरू हो जाते हैं। हालाँकि, साइट को पूरी तरह Recover होने में समय लगता है। क्योंकि यह Process कुछ Weeks या Months भी ले सकती है। इसलिए धैर्य रखें।

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Reconsideration Request: अगर आपको एक Manual Action का भी Notification मिला है। (जो कि Penguin Algorithmic Penalty से अलग है) तो सभी सुधार कार्य पूरे करने के बाद Google Search Console में जाकर एक Reconsideration Request ज़रूर Submit करें। जिसमें आपको यह बताना होगा कि आपने पेनल्टी ठीक करने के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं।

Google Penguin Update : सारांश

कुल मिलाकर Penguin Update SEO की दुनिया में एक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ। जिसने उन सभी Websites को बता दिया कि एक सबक था! जो शॉर्टकट अपनाकर Top Ranking हासिल करना चाहती थीं। अब SEO का फोकस केवल Quality Content और Natural Link Building पर है। Penguin Update की वजह से आज यूज़र्स को गूगल पर बेहतर और Authentic जानकारी मिलती है।

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अगर आप Long-Term Success चाहते हैं। तो Ethical SEO Practices ही सही रास्ता है। उम्मीद है, इस आर्टिकल के जरिए आपको Google Penguin Update Kya Hai? यह कैसे काम करता है? Penguin Penalty क्या है? इससे कैसे बचें? और अगर पेंगुइन पेनल्टी लग जाए, तो उसे कैसे हटाएं? इन तमाम सवालों का जवाब मिल गया होगा। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर कीजिए। और ऐसे ही और आर्टिकल्स के लिए टेकसेवी डॉट कॉम को सब्सक्राइब कर लीजिए। ताकि नया आर्टिकल पब्लिश होते ही आपको नोटिफिकेशन मिल जाए।

Google Penguin Update : प्रश्नोत्तरी

1. Google Penguin Update कब लॉन्च हुआ था?

उत्तर: Google Penguin Update सबसे पहले 24 अप्रैल 2012 को लॉन्च हुआ था। लेकिन बाद में इसमें कई सुधार किए गए। ताकि स्पैम को और भी बेहतर तरीके से पकड़ सकें।

2. Penguin Update किन वेबसाइट्स को टारगेट करता है?

उत्तर: यह उन वेबसाइट्स को टारगेट करता है, जो Unnatural Backlinks, Paid Links, Link Farming और Keyword Stuffing जैसी गलत SEO Techniques का इस्तेमाल करती हैं।

3. मेरी साइट को Penguin Update से पेनलाइज़ किया गया है, मैं क्या करूं?

उत्तर: सबसे पहले अपनी वेबसाइट का Backlink Audit कीजिए। और स्पैमी तथा लो-क्वालिटी बैकलिंक्स को हटाइए। या Google Disavow Tool का इस्तेमाल कीजिए। फिर Fresh और Quality Content पर फोकस कीजिए।

4. क्या Penguin Update का असर सभी वेबसाइट्स पर हुआ?

उत्तर: नहीं। इसका असर सिर्फ उन वेबसाइट्स पर पड़ा जो Black Hat SEO या Spammy Link Building कर रही थीं। Genuine और High-Quality Content वाली साइट्स को इसका फायदा हुआ।

5. Penguin Update और Panda Update में क्या फर्क है?

उत्तर: पेंगुइन अपडेट Backlink Profile और Keyword Stuffing पर फोकस करता है। जबकि पांडा अपडेट Content Quality और Duplicate Content को टारगेट करता है।

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