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Article Writing क्या है? SEO Friendly Article कैसे लिखें?

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अगर आप एक Blogger हैं तो जाहिर-सी बात है अपने ब्लॉग के लिए आर्टिकल्स भी लिखते होंगे। लेकिन क्या आप अच्छे आर्टिकल्स लिख पाते हैं? अगर हाँ, तो बधाई हो! आप एक अच्छे लेखक हैं। लेकिन अगर नहीं लिख पाते, तो कोई बात नहीं! आज के इस आर्टिकल में हम इसी विषय पर बात करने वाले हैं। अगर आप जानना चाहते हैं कि Article Writing क्या है? और एक SEO Friendly Article लिखने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए।

Article Writing

एक बार किसी ने मुझे Quora पर पूछा था कि 10 मिनट में एक अच्छी Blog Post कैसे लिखें? मैंने कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन उसके बाद मैंने इसी से मिलते-जुलते कई और सवाल देखे। जैसे कि रोज 5 ब्लॉग-पोस्ट कैसे लिखें? आप रोजाना कितनी Blog Posts लिखते हैं? क्या 10 मिनट में एक अच्छी ब्लॉग पोस्ट लिख सकते हैं? क्या 10 मिनट में एक SEO Friendly Blog Post लिख सकते हैं? वगैरह-वगैरह। इस तरह के सवाल पढ़कर लगा मानो Blog Post न हुई! मैगी हो गई, जो 2 मिनट में तैयार चाहिए। हद है जल्दबाजी की!

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असल में दस मिनट में कोई ब्लॉग पोस्ट नहीं लिखी जा सकती। ‘अच्छी ब्लॉग पोस्ट‘ तो छोड़िए, ‘घटिया ब्लॉग पोस्ट‘ भी नहीं लिखी जा सकती। क्योंकि दस मिनट बहुत कम है। और इतने कम समय में ठीक से रिसर्च तक नहीं हो सकती। ब्लॉग पोस्ट लिखना तो दूर की बात है। फिर भी अगर कोई लिखता है तो उसकी Quality कैसी होगी? यह आप खुद समझ सकते हैं। क्योंकि ‘लिखने’ और ‘अच्छा लिखने’ में बहुत फर्क है। ‘लिख’ तो हर कोई लेता है। लेकिन ‘अच्छा’ सिर्फ वही लिख सकता है, जो लिखने की कला जानता है।

Article Writing क्या है?

आर्टिकल राईटिंग एक ऐसी विधा है, जिसमें विषयवस्तु को विस्तार से समझाने का प्रयास किया जाता है। यानि कि विषयवस्तु को खण्डों में विभक्त कर सरल, स्पष्ट व रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया जाता है। ताकि पाठक के मन में जिज्ञासा पैदा हो। हालांकि Article Writing एक साहित्यिक विधा है। लेकिन इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल कमर्शियल लेखन में होता है। अगर सच कहें तो Article Writing एक कला है! एक हुनर है! एक कौशल है! जिसे सीखने के लिए अभ्यास की जरूरत पड़ती है।

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वैसे हिन्दी में Article को ‘लेख’ कहा जाता है। और लेख मुख्यत: तीन खण्डों में बंटा होता है। यानि कि इसमें प्रारम्भ, मध्य और अंत जरूर होता है। साथ ही प्रत्येक खण्ड में कई अनुच्छेद (Paragraphs) होते हैं, जो विषयवस्तु को Explain करते हैं। इस तरह सारे अनुच्छेदों को मिलाकर एक आर्टिकल (लेख) बनता है। लेकिन सवाल यह है कि आर्टिकल लिखा कैसे जाता है? क्या इसका कोई Format है? आइए, जानते हैं।

अच्छा Article कैसे लिखें?

हालांकि Article लिखना कोई ज्यादा मुश्किल काम नहीं है। अगर आप थोड़ी Practice करें तो एक अच्छा आर्टिकल या Blog Post लिख सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। चलिए हम एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। मान लीजिए कि आपको 5G पर एक आर्टिकल लिखना है। तो इसके लिए आपको निम्न Steps को Follow करना होगा :-

Topic Research

सबसे पहले आपको टॉपिक पर रिसर्च करके ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटानी होगी। यानि कि 5G के बारे में अच्छी तरह जानना और समझना होगा। ताकि आप Topic को अच्छे-से Explain कर सकें। Research के लिए आप Google Search, Wikipedia और Tech Portals की मदद ले सकते हैं। साथ ही प्रामाणिक तथ्यों के लिए सरकारी वेबसाइट्स और पोर्टल्स जैसे कि TRAI, DoT (Department of Telecommunications) आदि की मदद ले सकते हैं। इन Websites पर आपको 5G से जुड़ी काफी सारी जानकारी मिल जाएगी।

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Research के बाद मुख्य बिन्दुओं की एक लिस्ट बना लीजिए। यानि कि 5G से Related उन सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं की एक सूची तैयार कर लीजिए, जिनके बारे में आप आर्टिकल में जानकारी देने वाले हैं। जैसे कि 5G Technology क्या है? यह कैसे काम करती है? इसके क्या-क्या फायदे हैं? क्या-क्या नुकसान हैं? और यह 4G से किस तरह अलग है? वगैरह-वगैरह।

Keyword Research

टॉपिक के बाद बारी आती है कीवर्ड रिसर्च की। कीवर्ड रिसर्च असल में सबसे महत्वपूर्ण स्टेप है। क्योंकि कमर्शियल लेखन में सारा खेल ही Keywords का ही होता है। इसीलिए Keyword Research जरूर करें। और अपने Articles के लिए हमेशा High CPC, High Ranking और Low Competitive Score वाले Keywords का चुनाव करें। इसके लिए आप किसी भी Keyword Research Tool की मदद ले सकते हैं। और कीवर्ड्स की Ranking, Search Volume, CPC और Competitive Score चैक कर सकते हैं।

अब आप पूछेंगे कि कीवर्ड रिसर्च कैसे करें? तो इसका जवाब मैं Already दे चुका हूँ। यानि कि इस पर एक विस्तृत आर्टिकल लिख चुका हूँ, जिसमें कीवर्ड रिसर्च कैसे की जाती है? और इसके लिए कौन-कौनसे Tools की जरूरत पड़ती है? इसके बारे में विस्तार से बता चुका हूँ। आप नीचे दी गई लिंक पर क्लिक कर यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं :-

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Topic Research और Keyword Research के बाद बारी आती है Article Writing की। यानि कि Research से प्राप्त जानकारी को Article में बदलने की। इसके लिए आपका लेखन व भाषायी कौशल काम आएगा। अगर आप लिखने की कला में निपुण हैं। और भाषा पर अच्छी पकड़ रखते हैं। तो निःसंदेह आप एक अच्छा आर्टिकल लिख सकते हैं। बस आपको Format के हिसाब से चलना है।

Article Writing Format

असल में आर्टिकल लिखने का एक तय फॉर्मेट है, जिसे Article Writing Format कहा जाता है। इसमें 3 खण्ड होते हैं – प्रारम्भ, मध्य और अंत। इन्हीं तीन खण्डों में पूरा Article लिखा जाता है। लेकिन सवाल यह है कि किस खण्ड में क्या लिखा जाता है और कैसे लिखा जाता है? आइए, जानते हैं।

Opening Part (प्रारम्भ)

यह आर्टिकल का शुरुआती खण्ड होता है, जिसे Opening Part या Heading Part कहा जाता है। यह दरअसल परिचयात्मक खण्ड होता है। यानि कि इसमें विषयवस्तु का परिचय दिया जाता है। और पाठक को यह बताया जाता है कि आर्टिकल किस विषय में है? और उसमें क्या-क्या जानकारी दी गई है?

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लेकिन सवाल यह है कि Opening Part लिखें कैसे? तो इसके लिए आपको ऐसी पंक्ति से शुरुआत करनी चाहिए, जो पाठक का ध्यान खींचने में सक्षम हो। यानि कि पाठक के मन में जिज्ञासा पैदा करे। जैसे कि “क्या आपको पता भी है कि 5G Technology आपके स्वास्थ्य पर क्या असर डालती है?” इसके अलावा पहले पैराग्राफ में Focus Keyword जरूर आना चाहिए। लेकिन सहज तरीके से। यानि कि जबरदस्ती नहीं घुसाना है, जैसे कि :-

  • क्या आप 5G Technology In Hindi के बारे में जानते हैं?
  • आज हम Disadvantages of 5G Technology In Hindi के बारे में जानेंगे।

यह असल में Keywords इस्तेमाल करने का सबसे निकृष्ट तरीका है। क्योंकि इस तरह के Keywords न सिर्फ वाक्य का फॉर्मेट बिगाड़ देते हैं। बल्कि प्रवाह भी अवरूद्ध कर देते हैं। जिससे पाठक का मूड खराब हो जाता है। इसकी बजाय अगर कीवर्ड्स को बिना वाक्य के अलग से लिखा जाए, तो ज्यादा अच्छा है।

Body Part (मध्य भाग)

यह आर्टिकल का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। क्योंकि इसमें विषयवस्तु को Explain किया जाता है। यानि कि हरेक चीज को विस्तार से समझाया जाता है। साथ ही Topic से जुड़े तमाम सवालों का जवाब दिया जाता है। इसीलिए इसे Explanation Part भी कहा जाता है।

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इस खण्ड में आपको Topic से जुड़े तमाम सवालों का जवाब देना चाहिए। और प्रत्येक बिन्दु को अच्छे-से Explain करना चाहिए। साथ ही Readability और Keyword Density का खास ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि यह SEO के लिए बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको यथास्थान Headings का प्रयोग करना चाहिए। और लम्बे Paragraphs लिखने से बचना चाहिए।

Conclusion (सारांश)

यह आर्टिकल का तीसरा और अंतिम खण्ड होता है, जो कि सबसे खास होता है। क्योंकि यह आर्टिकल खत्म होने के बाद भी पाठक को रोककर रखता है। इसीलिए इसमें रोचकता और जिज्ञासा जैसे गुणों का होना बहुत जरूरी है। अगर Conclusion नीरस हुआ तो पाठक चला जाएगा। क्योंकि आर्टिकल खत्म होने के बाद पाठक के पास रूकने की कोई वजह नहीं होती। इसीलिए Conclusion रोचक होना चाहिए।

हालांकि Conclusion में आर्टिकल का सार लिखा जाता है। लेकिन बहुत ही यूनिक और रोचक तरीके से। ताकि पाठक उसे पढ़ने के लिए मजबूर हो जाए। इसके लिए आपका भाषायी कौशल काम आता है। क्योंकि Conclusion में हर बात संक्षेप में लिखी जाती है। यानि कि इसमें विस्तार नहीं होता। इसीलिए एक-एक पंक्ति एक-एक पैराग्राफ के बराबर होती है।

Article Writing Skill

एक अच्छा आर्टिकल लिखने के लिए सिर्फ Format काफी नहीं है। बल्कि आपका लेखन कौशल (Writing Skill) भी मायने रखता है। और इसके लिए आपको लगातार अभ्यास करना चाहिए। यानि कि किसी न किसी विषय पर लिखते रहना चाहिए। जैसे कि Social Media पर Post लिखना या Comments करना आदि। इससे आपका लेखन कौशल Improve होगा।

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इसके अलावा पढ़ना बहुत जरूरी है। क्योंकि पढ़ने से न सिर्फ ज्ञान बढ़ता है। बल्कि शब्द-भण्डार में भी अच्छी-खासी वृद्धि होती है। इसीलिए अपने पसंदीदा विषयों पर लेख, पुस्तकें, ई-बुक्स आदि जरूर पढ़ें। इससे आप नये-नये शब्द सीखेंगे। और उन्हें अपने Articles में इस्तेमाल कर पाऐंगे।

Article Writing Tips

अब सवाल यह है कि Article लिखते वक्त किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? तो इसके लिए मैंने एक लिस्ट तैयार की है, जिसमें कुछ चुनिंदा Points को शामिल किया है। हालांकि वैसे तो ये बहुत छोटे-छोटे पॉइंट्स हैं, लेकिन हैं बहुत महत्वपूर्ण। इसीलिए Article Writing के वक्त इन्हें जरूर फॉलो करें।

भाषा और व्याकरण

  • आपका आर्टिकल बिल्कुल सुस्पष्ट और पठनीय होना चाहिए। यानि कि पढ़ने वाले को अच्छी तरह समझ में आना चाहिए।
  • आर्टिकल में Topic से संबंधित हर पहलू का जिक्र होना चाहिए।
  • कोशिश करें कि आपके आर्टिकल में भाषा, व्याकरण और वर्तनी संबंधी अशुद्धियाँ न हों।
  • ऐसी शब्दावली का प्रयोग करें, जो समझने में आसान हों। अर्थात् क्लिष्ट शब्दों का प्रयोग करने से बचें।
  • जहाँ आवश्यक हो, वहाँ Bold और Italic Texts का प्रयोग करें।

सूचना

  • पाठक को उसके सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश करें।
  • कोशिश करें कि आपका आर्टिकल मूल विषय और उद्देश्य से भटके नहीं।
  • आर्टिकल में फालतू बातें न लिखें (मेरा मतलब ऐसी बातों से है, जिनका टॉपिक से कोई लेना-देना नहीं है)
  • यथास्थान Photos और Videos का इस्तेमाल जरूर करें। ताकि पाठक आपकी बात को बेहतर ढंग से समझ सके।
  • टॉपिक के हिसाब से जितना अपेक्षित हो, उतना ही लिखें। जानबूझकर आर्टिकल को लम्बा न खींचें। इससे Content Quality पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

विश्वसनीयता

  • आर्टिकल में इस्तेमाल किए गए तथ्यों का स्त्रोत (Source) अवश्य बताऐं। और हो सके तो उनका लिंक भी दें। ताकि आर्टिकल की विश्वसनीयता बढ़े।
  • अगर आप Article में कोई फोटो, वीडियो, या ग्राफिक्स इस्तेमाल कर रहे हैं। और उस पर आपका Copyright नहीं है तो उसके असली मालिक (कॉपीराइट धारक) को Credit देना कभी न भूलें।
  • आपका आर्टिकल चाहे जितना भी छोटा या लम्बा हो, उसे खुद लिखने का प्रयास करें। किसी दूसरे ब्लॉग या वेबसाइट से कॉपी न करें।
  • स्पॉन्सर्ड पोस्ट्स को Sponsored Post, Contributed Post अथवा Advertisement के रूप में लेबल करें।
  • अंतिम और सबसे जरूरी बात, हमेशा अपने पाठकों के लिए लिखें।

उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए आप एक अच्छा Article लिख सकते हैं। उम्मीद है इस आर्टिकल के जरिए आपको Article Writing के बारे में उपयोगी जानकारी मिली होगी। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया तो इसे Like और Share कीजिए। और ऐसे और आर्टिकल्स के लिए टेकसेवी डॉट कॉम को Subscribe कर लीजिए। ताकि जब भी हम कोई नया आर्टिकल पब्लिश करें, आपको सूचना मिल जाए।

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“Article Writing क्या है? SEO Friendly Article कैसे लिखें?” पर 6 विचार

    1. शुक्रिया साहब लाल जी,
      दरअसल, Blog Post और Youtube Video की Script में काफी फर्क होता है। क्योंकि दोनों का उद्देश्य और फॉर्मेट अलग होता है। इसके बावजूद कुछ समानताएँ हैं। जैसे कि Topic Research, Keyword Research और Explanation की जरूरत दोनों में पड़ती है।

        1. वैसे आपने कई सारे सवाल पूछे हैं। पर कोई बात नहीं, मैं एक-एक करके सबका जवाब देता हूँ…

          दरअसल गूगल की जितनी भी वेबसाइट्स हैं, वे गूगल के खुद के ब्राउजर (Chrome) में बेहतर ढंग से काम करती हैं।

          हालांकि वैसे तो Brave भी Chromium Based Browser हैं, लेकिन यह Scripts और Tracker आदि को Block कर देता है, जिसकी वजह से कई वेबसाइट ठीक से काम नहीं करती।

          और यह बात भी सच है कि Keyword Planner लैपटॉप/पीसी में बढिया काम करता है। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि स्मार्टफोन में चलता नहीं। स्मार्टफोन में चलता है, लेकिन उतना अच्छा नहीं, जितना कि लैपटॉप/पीसी में चलता है।

          और हाँ, Keyword Planner के लिए अलग से Account बनाने की जरूरत नहीं पड़ती।

          उम्मीद है, आपको सारे सवालों का जवाब मिल गया होगा।

          आपके Youtube Channel के लिए अग्रिम शुभकामनाएं!

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