जब आप किसी वेबसाइट पर लॉगिन करते हैं! या कोई फॉर्म भरकर सबमिट करते हैं, तो आपसे कैप्चा जरूर भरवाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि यह क्यों भरवाया जाता है? अगर नहीं तो चिन्ता की कोई बात नहीं है। क्योंकि आज हम इसी के बारे में बात करने वाले हैं। तो आइए, जानते हैं कि CAPTCHA Kya Hai? और यह क्यों भरवाया जाता है? साथ ही Captcha Code की शुरुआत कब और कैसे हुई? और अलग-अलग प्रकार के Captcha Codes कैसे अस्तित्व में आए?
CAPTCHA (कैप्चा)
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि जिन Websites पर अकाउंट बनाने या Data Submit करने का विकल्प होता है। वहाँ कैप्चा कोड जरूर भरवाया जाता है। अर्थात् जिन वेबसाइट्स पर Profile बनाने, कमेंट करने, File Upload करने या Form Submit करने का विकल्प होता है। वहाँ Captcha Code आराम से देखने को मिल जाता है। लेकिन सवाल यह है कि क्यों? आखिर यह कैप्चा कोड है क्या?
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तो आमतौर पर यह एक आड़े-डेढे अक्षरों वाली अस्पष्ट-सी इमेज के रूप में देखने को मिलता है। जिसमें एक Code लिखा होता है। इस कोड को पास में बने Field में लिखना होता है। लेकिन कुछ Websites पर यह सवाल के रूप में भी दिखाई देता है। अर्थात् 7+4=? या 6-2=? के रूप में भी दिखाई देता है। लेकिन काम सबका एक ही होता है, Spam को रोकना। इसके अलावा और भी कई तरह के कैप्चा कोड्स होते हैं। जिनके बारे में हम आगे विस्तार से जानेंगे। फिलहाल यह समझते हैं कि CAPTCHA है क्या?
CAPTCHA Kya Hai?
CAPTCHA का फुल फॉर्म है Completely Automated Public Turing Test To Tell Computers And Humans Apart. अर्थात् कम्प्यूटर और इंसान को अलग करने वाला एक स्वचालित टेस्ट, जो इंंसान और मशीन में फर्क कर सके। और Bots को रोक सके। यह दरअसल एक ऑटोमेटिक Turing Test है, जो इंसान और Bots में फर्क करता है। और Spam को रोकने में मदद करता है। यह पूरी तरह ऑटोमेटिक होता है।
जब आप किसी वेबसाइट पर Register करते हैं तो आपसे Captcha Code भरवाया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप इंसान हैं या नहीं। क्योंकि Form भरकर सबमिट करने का काम तो एक Robot भी कर सकता है। लेकिन रोबोट सिर्फ वही कर सकता है, जो उसमें Program किया गया हो। अर्थात् वह Captcha Code नहीं भर सकता। क्योंकि कैप्चा कोड बदलता रहता है। इसीलिए उसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि अगला कोड क्या होगा?
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जब उपयोगकर्ता, कैप्चा कोड को सही तरीके से भरकर सबमिट कर देता है। तो उसे इंसान के रूप में Verify कर दिया जाता है। और उसकी Request को Proceed कर दिया जाता है। लेकिन वहीं अगर उपयोगकर्ता कैप्चा कोड को नहीं भर पाता है। तो उसे Bot समझकर रोक दिया जाता है। इस तरह Captcha स्पैम को रोकने में मदद करता है।
CAPTCHA की जरूरत क्यों पड़ी?
जब इंटरनेट की शुरुआत हुई थी, तो कैप्चा जैसी कोई चीज नहीं थी। यानि कि यह पता लगाने का कोई तरीका नहीं था कि यूजर इंसान है या बोट। नतीजा यह हुआ कि Spam बढ़ने लगा और Fake Accounts, Fake Comments और Fake Visitors की बाढ़ आ गई। इसे रोकने के लिए एक ऐसे Filter की जरूरत महसूस हुई, जो इंसान और मशीन में फर्क कर सके। और Spam को रोक सके। इसी विचार ने CAPTCHA को जन्म दिया।
आगे चलकर इसी आइडिया पर दो अलग-अलग समूहों ने काम किया। और 1997 में कैप्चा का शुरुआती संस्करण (Version 1.0) लॉन्च हुआ। यह एक Computer Administered Test था, जो स्क्रीन पर एक विकृत ईमेज दिखाता था। इस Image में एक कोड (शब्द या अंकों के रूप में) होता था, जो यूजर को पास में बने बॉक्स में दर्ज करना होता था। लेकिन इसके लिए CAPTCHA शब्द का प्रयोग नहीं हुआ था।
CAPTCHA की खोज किसने की?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि कैप्चा की खोज किसने की? Who invented the Captcha? तो यह एक विवाद का विषय रहा है। क्योंकि दो अलग-अलग समूहों ने एक ही समय पर एक-दूसरे के समान्तर काम करते हुए कैप्चा का आविष्कार किया था। और दोनों ने ही अपना अपना दावा किया। इसलिए वास्तविक Inventor किसे माना जाए, इसको लेकर लम्बे समय तक विवाद की स्थिति रही। लेकिन बाद में इसका निपटारा कर लिया गया।
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इनमें से पहला समूह Mark D. Lillibridge, Martin Abadi, Krishna Bharat और Andrei Broder का था। वहीं दूसरा समूह Luice von Ahn, Manuel Blum, Nicholas J. Hopper और John Langford का था। जिसने 1997 में Patent के लिए आवेदन किया था। जबकि पहले समूह ने 1998 में आवेदन किया था। इसीलिए Patent Application की Priority के आधार पर Luice von Ahn के समूह को Inventor माना गया। इसके अलावा एक और वजह थी।
दरअसल पहले समूह ने अपनी पेटेंट एप्लीकेशन में CAPTCHA शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था। इस शब्द को 2003 में Luice von Ahn, Manuel Blum, Nicholas J. Hopper और John Langford के समूह ने गढ़ा था। इसीलिए ‘कैप्चा’ का आविष्कारक उन्हीं के समूह को माना गया। हालांंकि Luice von Ahn ने बाद में reCAPTCHA का आविष्कार भी किया, लेकिन इसके बारे में हम आगे बात करेंगे। फिलहाल यह समझते हैं कि How does the captcha work? अर्थात् कैप्चा काम कैसे करता है?
कैप्चा कैसे काम करता है?
कैप्चा मुख्यतः 2 भागों में बंटा होता हैं। पहला भाग Information पार्ट होता है जिसमें Text, Image, Puzzle, Problem, Ad आदि के रूप में सूचना होती है। वहीं दूसरा भाग एक Form Field (खाली स्थान) होता है! जिसमें सूचना को दर्ज करना होता है। यानि कि Information पार्ट में जो सूचना होती है, उसका विश्लेषण करके जवाब दर्ज करना होता है। ये दोनों भाग आपस में जुड़े हुए होते हैं। इसीलिए यूजर जो भी इन्फोर्मेशन दर्ज करता है, वह इन्फोर्मेशन पार्ट के साथ Match करके Verify की जा सकती है।
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अगर आसान भाषा में कहें तो जब यूजर कैप्चा को भरकर सबमिट करता है! तो उसके द्वारा दर्ज इन्फोर्मेशन को इन्फोर्मेशन पार्ट के साथ Match किया जाता है। और Verify किया जाता है कि वह सही है या नही? अगर सूचना का मिलान हो जाता है और वह सही पाई जाती है! तो यूजर की Request को Proceed कर दिया जाता है। वरना उसे रोक दिया जाता है। इस तरह कैप्चा User Verification के जरिए Spam को Control करता है।
हालांंकि कैप्चा में प्रयोग होने वाले टेक्स्ट्स डेढ़े-मेढ़े, विकृत और अस्पष्ट होते हैं। लेकिन इंसान इन्हें पढ़ सकता है। ये खास तौर पर Bots के लिए मुश्किल बनाए जाते हैं। ताकि बोट्स इन्हें पढ़ न सके। लेकिन आजकल AI (Artificial Intelligence) के प्रयोग से यह काफी हद तक संभव हो गया है। इसीलिए कैप्चा में निरन्तर सुधार हो रहा है। reCAPTCHA और VAPTCHA (वैप्चा) इसी के परिणाम हैं।
CAPTCHA के प्रकार
जब कैप्चा की शुरुआत हुई थी तो सिर्फ Text Based CAPTCHAs ही देखने को मिलते थे। लेकिन समय के साथ कैप्चा में लगातार बदलाव हुए। और तरह-तरह के कैप्चा कोड्स अस्तित्व में आए। लेकिन यह सिलसिला थमा नहीं। यह आज भी जारी है। यही वजह है कि आज हम अलग-अलग तरह के कैप्चा कोड्स देखते हैं। आइए, कुछ पॉपुलर कैप्चा कोड्स के बारे में जानते हैं। Types of CAPTCHA (कैप्चा के प्रकार) :-
1. Text Recognition Based
यह CAPTCHA का सबसे शुरुआती और सबसे कॉमन प्रकार है। इसमें User को Alphabet और Numbers के संयोजन से बना एक Code दिखाया जाता है। और उस कोड को पहचानकर पास बने बॉक्स में दर्ज करने के लिए कहा जाता है। इस कोड में जो अक्षर और Numbers इस्तेमाल किए जाते हैं! वे आड़े-टेढ़े, एक-दूसरे से चिपके हुए और Overlapped होते हैं। इसीलिए यूजर को सावधानी बरतनी पड़ती है।

इस दौरान Capital Letters और Small Letters का भी ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि गलत अक्षरों को CAPTCHA स्वीकार नहीं करता। अर्थात् Capital लेटर की जगह Small लेटर लिखने पर कैप्चा वेरिफाई नहीं होता। इसीलिए जो लेटर जिस Format में लिखा होता है, उसे उसी फॉर्मेट में लिखना होता है।
2. Audio Recognition Based
जैसा कि नाम से ही पता चल जाता है कि यह एक ऑडियो आधारित कैप्चा है। जिसमें कोड को बोलकर बताया जाता है। यानि कि User को एक Audio Clip सुनाई जाती है। और जो कोड होता है, उसे बोलकर बताया जाता है। लेकिन Audio काफी Noisy (शोरशराबे वाला) होता है। इसलिए एक-एक शब्द को ध्यान से सुनना पड़ता है।

इसके अलावा उच्चारण पर भी ध्यान देना पड़ता है। क्योंकि कई बार अस्पष्ट उच्चारण के कारण बोला गया शब्द समझ में नहीं आता। साथ ही Background Noise के कारण ठीक से सुनाई भी नहीं देता। ऐसी स्थिति में यूजर को जैसा सुनाई देता है, वह वैसा ही लिख देता है। लेकिन CAPTCHA Solve नहीं हो पाता। क्योंकि यूजर द्वारा दर्ज कोड गलत होता है। इसीलिए Audio Based CAPTCHAs को सावधानीपूर्वक हल करना चाहिए।
3. Image Recognition Based
इसमें User को कुछ Images दिखाई जाती हैं। और उनमें से कुछ खास Images को सलेक्ट करने के लिए कहा जाता है। अर्थात् विषयवस्तु के आधार पर सही ईमेजेज का चुनाव करने के लिए कहा जाता है। इसके लिए यूजर को 3×3 के वर्ग में कुल 9 इमेजेज दिखाई जाती हैं। और उनमें से सही विषयवस्तु वाली (अमूमन 3 इमेजेज को) सलेक्ट करने के लिए कहा जाता है।

ये कैप्चा दो प्रकार के होते हैं। एक में Images Fixed रहती हैं। जबकि दूसरे में परिवर्तनशील होती हैं। यानि कि यूजर के टैप करते ही ईमेज बदल जाती है। और एक नई ईमेज प्रकट हो जाती है। इसीलिए यूजर को तब तक टैप करते रहना पड़ता है, जब तक कि विषयवस्तु से मेल खाने वाली इमेजेज प्रदशित होती रहती हैं।
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इमेजेज में अमूमन पहाड़, नदी, झरने, पुल, कार, साइकिल, मोटरसाइकिल आदि को इंगित किया जाता है। और इन्हीं के आधार पर इमेजेज का चयन करवाया जाता है। जैसे कि उन इमेजेज सलेक्ट करवाना, जिनमें ट्रैक्टर दिखाई दे रहा हो। या वे ईमेजेज, जिनमें पुल दिखाई दे रहा हो। इसी तरह अलग-अलग संकेतों के आधार पर इमेजेज का चयन करवाया जाता है।
4. Logic Question Based
इस तरह के CAPTCHAs में लॉजिकल सवाल पूछे जाते हैं। और यूजर को उनका जवाब देने के लिए कहा जाता है। जैसे कि 3+2 = ? या 12-5 = ?. हालांंकि इन्हें Solve करना काफी आसान होता है। लेकिन व्यक्ति का पढ़ा-लिखा होना जरूरी होता है। क्योंकि जिन लोगों को पढ़ना-लिखना नहीं आता, उन्हें इसको Solve करने में थोड़ी दिक्कत होती है।
5. 3D Captch Code
इसमें यूजर को एक 3D Image दिखाई जाती है। जिसमें Letters और Numbers के रूप में एक कोड होता है। इस कोड को पहचानकर पास में बने Field में दर्ज करना होता है। लेकिन इसे पढ़ना आसान नहीं होता। क्योंकि Texts काफी Distrub और उलझे हुए होते हैं। इसीलिए एक अक्षर में कई सारे अक्षरों का आभास होता है। लेकिन ध्यान से देखने पर पता चल जाता है कि वास्तव में क्या लिखा है?
6. Slider Captcha
यह CAPTCHA के सबसे आसान प्रकारों में से एक है। इसमें यूजर को एक आकृति दी जाती है। और उसे Slide करके सही स्थान पर पहुँचाने के लिए कहा जाता है। क्योंकि आकृति अपने निर्धारित स्थान से दूर होती है। इसीलिए उसे Slide करके सही जगह पहुंचाना होता है। जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गया है।

इसमें यूजर को दी गई आकृति पर Tap & Hold करके Slide करना होता है। और उसकी सही पर पहुंचाना होता है। जैसे ही आकृति अपने निर्धारित स्थान पर पहुंचती है, Captcha Solved हो जाता है। और यूजर को आगे बढ़ने की Permission मिल जाती है।
7. Ad Injected Captcha
कैप्चा का यह रूप, Marketing की देन है। यानि कि प्रचार के उद्देश्य से बनाया गया है। इसमें यूजर को एक विज्ञापन (Advertisement) दिखाया जाता है। जिसमें किसी Product या Service का प्रचार होता है। यूजर को इसी प्रोडक्ट या सर्विस से संबंधित सवाल पूछा जाता है। और यूजर को विज्ञापन देखकर उसका जवाब लिखना होता है।
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जवाब विज्ञापन के अंदर ही मौजूद होता है। यह किसी प्रोडक्ट या सर्विस का नाम हो सकता है, कोई Keyword हो सकता है या फिर कोई चित्र हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि विज्ञापन किस प्रोडक्ट या कंंपनी का है? और उसमें क्या दिखाया गया है? जैसे कि Brave Browser के Ad Captcha में यह सवाल पूछा जा सकता है कि यहाँ किस Browser का नाम लिखा है?
8. No Captcha reCAPTCHA
यह Google द्वारा निर्मित एक Advanced Captcha है। जो एक सिंपल टास्क की मदद से यूजर के Behavior (व्यवहार) का पता लगाता है। अर्थात् इंसान और रोबोट के बीच अंतर करता है। इसके लिए User को एक चैकबॉक्स (I am not a robot) दिया जाता है। और उस पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है।
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जब यूजर Checkbox को चैक (क्लिक) करता है। तो उसके क्लिक करने के तरीके, एंगल आदि के आधार पर उसके Behavior का विश्लेषण किया जाता है। और यह पता लगाया जाता है कि वह इंसान है या रोबोट? अगर यूजर, इंसान होता है, तो चैकबॉक्स Right हो जाता है। और यूजर को आगे बढ़ने की परमिशन मिल जाती है।

आपने देखा होगा कि चैकबॉक्स पर क्लिक करने के बाद कुछ देर तक एक सर्कल घूमता हुआ दिखाई देता है। और उसके बाद Right का निशान आता है। दरअसल इस दौरान यूजर के Behavior का विश्लेषण किया जाता है। इसीलिए आपको इंतजार करना पड़ता है। हालांंकि इसमें ज्यादा समय नहीं लगता। सिर्फ एकाध सैकंड का वक्त लगता है।
9. Time-Based Captcha
यह एक Simple और Smart Captcha है, जो यूजर द्वारा बिताये गए समय को Record करता है। और उसके आधार पर इंसान और Bots में फर्क करता है। अर्थात् यूजर को Form Fill करने में जो समय लगता है, उसके आधार पर इंसान और बोट्स की पहचान करता है। कैसे? चलिए एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।
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मान लीजिए कि कोई वेबसाइट है, जो अपने Registration Form में Time-Based Captcha का उपयोग करती है। अब अगर कोई यूजर इस वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करेगा! तो उसे रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने में समय लगेगा। क्योंकि वह एक-एक Field को पढ़कर भरेगा। लेकिन जब यही काम एक Bot करेगा, तो बिल्कुल भी वक्त नहीं लगेगा। क्योंकि वह Autofill के जरिए पूरे फॉर्म को एक साथ भर देगा। इसीलिए वह तुरंत पकड़ा जाएगा।
10. Invisible reCAPTCHA
यह Google reCAPTCHA का सबसे Advanced Version है, जो दिखाई नहीं देता। अर्थात् पूरी तरह छिपा हुआ (Hidden) रहता है। इसीलिए यूजर को कुछ नहीं करना पड़ता। यह Background में अपना काम करता रहता है। और यूजर के Behavior को Monitor करता रहता है। अर्थात् यूजर के Interaction और Usage Pattern को Monitor करके पता लगा लेता है कि यूूूजर इंसान है या नहीं।
अदृश्य री-कैप्चा (Invisible reCAPTCHA) असल में AI (Artificial Intelligence) की मदद से काम करता है। यह दरअसल Machine Learning के सिद्धांत पर काम करता है। इसीलिए यूजर के व्यवहार और पैटर्न से अपने आप पता लगा लेता है कि वह इंसान है या कोई बोट। अगर यूजर इंसान होता है, तो यह अपने आप सॉल्व हो जाता है। आपको बताना चाहूँगा कि Invisible reCAPTCHA अभी शुरुआती स्टेज में है।
CAPTCHA के लाभ
अब तक आपने CAPTCHA के बारे में काफी कुछ जाना-समझा। लेकिन फायदों (Benefits of CAPTCHA) के बारे में नहीं जाना। असल में कैप्चा के बहुत सारे फायदे हैं। आइए, कुछ फायदों के बारे में जानते हैं। The benefits of Captcha :-
- कैप्चा, Bots और AutoClick Scripts के जरिए होने वाले Attacks को रोकता है। और वेबसाइट को Spam से बचाता है।
- यह इंसान और रोबोट में फर्क करता है।
- वेबसाइट की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
- Hackers और Spammers को दूर रखता है।
- Bots और Scripts को Fake Accounts और Profiles बनाने से रोकता है।
- Fake Blog Comments को रोकता है।
- वेबसाइट को Bot Attacks और Fake Traffic से बचाता है।
- Online Surveys और Polls की रक्षा करता है।
CAPTCHA के नुकसान
कैप्चा के फायदे तो बहुत सारे हैं लेकिन नुकसान (Disadvantages) भी हैं। हालांंकि नुकसान काफी Minor हैं। लेकिन फिर भी हैं। इसीलिए इनके बारे में बात करनी जरूरी है। तो आइए, जानते हैं कैप्चा के कुछ नुकसान। The Disadvantages of Captcha :-
- कैप्चा का सबसे बड़ा नुकसान यही है कि इसकी वजह से समय बर्बाद होता है। कई बार कैप्चा वेरिफाई नहीं हो पाता, जिसकी वजह से दो-तीन बार Try करना पड़ता है। इसमें काफी समय खराब होता है।
- शारीरिक रूप से अक्षम (Disabled) लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- कई बार Technical Problem के कारण कैप्चा लोड नहीं हो पाता। जिससे कार्य प्रभावित होता है।
Summary
कैप्चा एक सार्वजनिक ट्यूरिंग टेस्ट (Public Turing Test) है! जो Spam को कंट्रोल करने में मदद करता है। यह Hackers, Spammers, Auto Click Scripts और Bot Attacks को रोकता है। और Websites को सुरक्षा प्रदान करता है।
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कैप्चा कई तरह के होते हैं। मसलन टेक्स्ट आधारित कैप्चा, इमेज आधारित कैप्चा, ऑडियो आधारित कैप्चा, समय आधारित कैप्चा, लॉजिक क्वेश्चन बेस्ड कैप्चा, 3D कैप्चा, JQuery Captcha, Slider कैप्चा, Drag & Drop Captcha, No Captcha reCAPTCHA, Invisible reCAPTCHA आदि-आदि। लेकिन आजकल के कैप्चा काफी Advanced और Smart हो गए हैं।
दरअसल आजकल के CAPTCHAs Artificial Intelligence और Machine Learning का उपयोग करते हैं। इसीलिए वे Traditional CAPTCHAs की तुलना में कहीं Fast और Accurate हैं। हालांंकि कैप्चा का काम आज भी वही है लेकिन इसका स्वरूप पूरी तरह बदल चुका है। आजकल के कैप्चा सूचना नहीं मांगते। वे यूजर के Online Behaviour को Track करके खुद पता लगा लेते हैं कि यूजर इंसान है या रोबोट।
CAPTCHA : FAQs
प्रश्न-1. कैप्चा कोड क्या है?
उत्तर: कैप्चा एक ऑटोमेटिक ट्यूरिंग टेस्ट है, जो कम्प्यूटर और इंसान को अलग करता है। अर्थात् दोनों में अंतर करता है। और स्पैम को रोकने में मदद करता है।
प्रश्न-2. कैप्चा का फुल फॉर्म क्या है?
उत्तर: CAPTCHA का फुल फॉर्म Completely Automated Public Turing Test To Tell Computers And Humans Apart है।
प्रश्न-3. कैप्चा की शुरुआत कब हुई?
उत्तर: कैप्चा की शुरुआत सन् 2000 में हुई थी। हालांंकि इसकी खोज तो 1997 में हो गई थी। लेकिन उपयोग 2000 में जाकर शुरू हुआ।
प्रश्न-4. कैप्चा का आविष्कार किसने किया?
उत्तर: कैप्चा का आविष्कार दो अलग-अलग समूहों ने किया था। पहले समूह में Mark D. Lillibridge, Martin Abadi, Krishna Bharat और Andrei Broder का नाम आता है। जबकि दूसरे समूह में Luice von Ahn, Manuel Blum, Nicholas J. Hopper और John Langford का नाम शामिल है। लेकिन कानूनी रूप से Luice von Ahn के समूह को कैप्चा का आविष्कारक माना जाता है।
प्रश्न-5. कैप्चा कोड क्यों भरवाया जाता है?
उत्तर: कैप्चा कोड असल में Spam को रोकने के लिए भरवाया जाता है। अर्थात् कोई यूजर Bots के जरिए Fake Accounts न बना सके। और Fake Comments न कर सके, इसके लिए कैप्चा भरवाया जाता है।
प्रश्न-6. कैप्चा कोड कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: कैप्चा कोड कई प्रकार के होते हैं। मसलन Text Based, Image Based, Audio Based, Time-Based, Math Problem या Logic Question Based, 3D, Honeypot, Invisible, reCAPTCHA वगैरह-वगैरह।।
प्रश्न-7. रि-कैप्चा (reCAPTCHA) क्या है?
उत्तर: रिकैप्चा Google की एक फ्री सर्विस है, जिसे आप अपने Blog अथवा Websites पर Add कर Spam से बच सकते हैं।
प्रश्न-8. कैप्चा कोड कैसे भरें?
उत्तर: सबसे पहले Information Part को गौर से देखिए। और समझिए कि उसमें क्या लिखा है या क्या पूछा गया है? उसके बाद जो भी सूचना पूछी गई है, उसे Form Field में दर्ज कर दीजिए। बस!
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मैं मेघराज मुंशी, एक वेब डिजायनर, ग्राफिक आर्टिस्ट और ब्लॉगर हूँ। वैसे पेशे से मैं एक शिक्षक हूँ और शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार का कर्मचारी हूँ। पढ़ने-पढ़ाने और लिखने के अलावा मुझे फिल्में देखना बहुत पसंद है। साहित्य, संगीत, सिनेमा, अंतरिक्ष, विज्ञान और तकनीकी मेरे पसंदीदा विषय हैं।
वेबसाइट : https://www.techsevi.com
Honorable sir, एक जानकारी चाहता हूं ।
Motivational content को और impressive बनाने के लिए उसमें प्रेरक लघु कहानियां व successful person की biography ( संक्षिप्त रूप से ) प्रयोग करना चाहें तो कर सकते हैं क्या। copyright का उल्लंघन तो नही होगा ।
कैप्चा पर बेहतर जानकारी । धन्यवाद sir. आपके जैसा वर्णन शायद ही कोई करता होगा । लेकिन एक चीज खटकती है , आपके आर्टिकल अब देर से publish होते हैं ।
शुक्रिया साहब लाल जी,
आपकी बात बिल्कुल सही है। आजकल आर्टिकल काफी देरी से पब्लिश हो रहे हैं। दरअसल समय नहीं मिल पाता। फिर भी मैं कोशिश कर रहा हूँ कि महीने में कम से कम 3-4 आर्टिकल पब्लिश करूँ। जल्द ही आपको बदलाव देखने को मिलेगा।
फीडबैक के लिए धन्यवाद!